ऊंचे और असरदार: अफसरशाही के टॉप 10

1. पुलक चटर्जी
61 वर्ष, प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी (3)
सत्ता की रीढ़
क्योंकि वे एकमात्र ऐसे अफसरशाह हैं जिन पर यूपीए सरकार की सत्ता के तीनों केंद्र समान रूप से भरोसा करते हैं—प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी.
क्योंकि सरकार में नीतिगत पक्षाघात खत्म करने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई, इन्वेस्टमेंट की राह में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए विभिन्न मंत्रालयों के बीच खुद समन्वय किया.

2. मोंटेक सिंह आहलूवालिया
69 वर्ष, योजना आयोग के उपाध्यक्ष (नए) मास्टर प्लानर
क्योंकि आर्थिक मुद्दों पर उनकी सलाह को न सिर्फ मनमोहन सिंह बल्कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी गंभीरता से लेते हैं.
क्योंकि योजना प्रमुख के रूप में यूपीए के संभावित साझेदारों के शासन वाले राज्यों के लिए वित्तीय अनुदान तय करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है.

3. डी. सुब्बाराव
63 वर्ष, रिजर्व बैंक के गवर्नर (6)
महंगाई के दुश्मन
क्योंकि उन्होंने वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की सलाह को दरकिनार किया है और ब्याज दरें तय करने में आरबीआइ की स्वायत्तता की रक्षा की है.
क्योंकि ब्याज दरें घटाई जाएं और कितनी घटाई जाएं, इस बारे में अगले चार महीनों में उनके निर्णय से 2013-14 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर तय हो सकती है.

4. नंदन नीलेकणि
57 वर्ष, चेयरमैन, यूआइडीएआइ (नए)
पहचान का जिम्मा
क्योंकि लोगों को सीधे कैश फायदा पहुंचाने के यूपीए के महत्वपूर्ण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उनके ऊपर है.
क्योंकि वे एक अरब भारतीयों को यूनीक आइडेंटिटी नंबर (यूआइडी) उपलब्ध कराने में जुटे हैं.

5. सैम पित्रोदा
70 वर्ष, पब्लिक इन्फॉर्मेशन इन्फ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन पर प्रधानमंत्री के सलाहकार (नए)
ज्ञान की मूर्ति
क्योंकि वे देश की 2,50,000 पंचायतों में ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी पहुंचाने के प्रोग्राम का नेतृत्व कर रहे हैं.
क्योंकि वे मनमोहन सिंह और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रमुख सलाहकार हैं.
क्योंकि नेशनल इनोवेशन काउंसिल और बीएसएनएल की कार्यशैली (2009) और रेलवे के आधुनिकीकरण (2010) की समीह्ना समितियों का नेतृत्व करने के अलावा उन्हें इस साल प्रसार भारती के कामकाज की समीक्षा समिति का भी अध्यक्ष बनाया गया.

6. राहुल खुल्लर
60 वर्ष, चेयरमैन, ट्राई (नए)
संकटमोचन
क्योंकि वे डिजिटाइजेशन के बाद टेलीकॉम और ब्रॉडकास्टिंग में गड़बडिय़ों को दूर करने के लिए तैयार हैं.
क्योंकि सरकार इस विवादास्पद सेक्टर में उनकी सलाह और रजामंदी के बिना कोई भी फैसला नहीं लेगी.
ताकतवर फैमिली उनकी पत्नी सिंधुश्री खुल्लर योजना आयोग में सचिव हैं. उनके भाई दिनकर खुल्लर ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय संघ में भारत के राजदूत हैं.

7. अशोक चावला
63 वर्ष, चेयरमैन, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (नए)
जुर्माने के उस्ताद
क्योंकि गोलबंदी कर कीमतें तय करने और उपभोक्ताओं के खिलाफ काम करने के लिए 11 प्रमुख सीमेंट कंपनियों पर उन्होंने जून, 2012 में 6,300 करोड़ रु. का जुर्माना ठोका.
क्योंकि उन्होंने आइपीएल के संचालन में एकाधिकारवादी व्यवहार के लिए ताकतवर बीसीसीआइ पर जुर्माना लगाया.

8. शिवशंकर मेनन
63 वर्ष, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (नए)
भरोसेमंद हाथ
क्योंकि पाकिस्तान के साथ शांति प्रयासों पर आगे बढऩे की बात हो या यूएनएचआरसी में श्रीलंका के खिलाफ मतदान की, वे विदेश नीति के मुद्दों पर प्रधानमंत्री के असल सलाहकार रहे हैं. वे मुश्किल ग्लोबल हालात में लालफीताशाही को दूर करते हुए आगे बढऩे वाले शख्स हैं.
क्योंकि चीन के साथ सीमा वार्ता के मामले में वे सरकार के प्रमुख वार्ताकार (इंटरलोक्यूटर) रहे हैं, वे चीन-भारत वार्ता के दौरान चीनियों से धाराप्रवाह मंदारिन में बात करते हैं.

9. रंजीत सिन्हा
59 वर्ष, सीबीआइ डायरेक्टर (नए)
स्वतंत्र जांचकर्ता
क्योंकि कार्यभार संभालने के चार महीने के भीतर ही उन्होंने कोयला घोटाले पर पीएमओ और कानून मंत्रालय से अलग रुख प्रकट किया.
क्योंकि सीबीआइ के स्टैंडर्ड में सुधार लाने और स्वायत्तता बनाए रखने के लिए वे सरकारी वकीलों पर निर्भर रहने की जगह निजी वकीलों की सेवा लेने के लिए तैयार हैं.

10. ओ.पी. सैनी
58 वर्ष, सीबीआइ के विशेष जज (10)
जज का डर
क्योंकि वे निचली अदालत के ऐसे दुर्लभ जज हैं जिन्होंने प्रमुख नेताओं और ताकतवर कारोबारियों से जुड़े मामलों में अपनी ताकत दिखाई है.
क्योंकि उनकी निगरानी में 2जी केस के मुकदमे के दौरान 100 से ज्यादा गवाहों ने गवाही दी और 3,000 से ज्यादा पेज का साक्ष्य रिकॉर्ड किया गया.