मिग्जॉम साइक्लोन से चेन्नई में 2015 की भयानक बाढ़ सरीखे हालात बने, देखें तस्वीरें

2 दिसंबर को बंगाल की खाड़ी से उठे तूफान मिग्जॉम (Cyclone Migjaum) का असर तमिलनाडु में देखने को मिल रहा है. चेन्नई में भारी बारिश की वजह से पूरे शहर में बाढ़ आ गई है. इससे जन-जीवन बेहाल है. आवाजाही बंद है, घरों तक में पानी भर गया है. मिग्जॉम और बाढ़ की वजह से चेन्नई और पड़ोसी जिलों में स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है. चेन्नई, कांचीपुरम, तिरुवल्लुर, चेंगलपट्टू में स्कूल-कॉलेजों की छुट्टी कर दी गई है.

तमिलनाडु में 12 से 22 सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की गई है, जो बाढ़ जैसी स्थिति पैदा करने के लिए काफी है. सड़कों पर 3-4 फीट तक पानी भर गया है. तूफान के कारण तमिलनाडु के महाबलीपुरम बीच पर समुद्र स्तर लगभग 5 फीट तक बढ़ गया है. तूफान और फिर बाढ़ की वजह से चेन्नई में 5 लोगों की मौत की ख़बर भी सामने आई है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मिग्जॉम तूफान और बाढ़ की स्थिति से निपटने और रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है. स्टालिन ने केंद्र सरकार से 5 हज़ार करोड़ रुपए का फंड मांगा है.

चेन्नई इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बाढ़ का पानी भर गया है. एयरपोर्ट का रनवे बंद कर दिया गया है. हालात ऐसे हैं कि 70 फ्लाइट रद्द कर दी गई हैं. कई फ्लाइट बेंगलुरु की ओर डायवर्ट की जा रही हैं. तो वहीं तमिलनाडु जाने वाली 204 ट्रेनें भी रद्द कर दी गई हैं. नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (NDRF) की 9 टीमें और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) की 14 टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हैं.

दो साल पहले बाढ़ के कारण चेन्नई के कई इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए थे. तमिलनाडु सरकार ने तब एक सलाहकार समिति नियुक्त की और तूफानी जल निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम बनाने की मंजूरी दी गई. इसके लिए 1 हज़ार करोड़ रुपए का बजट दिया गया था. इस प्रोजेक्ट की जानकारी चेन्नई कॉरपोरेशन की वेबसाइट पर उपलब्ध है. 699 करोड़ रुपए की लागत से 225 किलोमीटर तक निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 276 करोड़ की लागत से 70.26 किलोमीटर का निर्माण और होना है, जिस पर काम चल रहा है.

चेन्नई में जिस तरह के हालात हैं उसे देखकर 2015 की बाढ़ को याद किया जा रहा है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में बाढ़ की वजह से 40 लाख लोग प्रभावित हुए थे. 422 लोगों की मौत हुई थी. 18 लाख लोगों को इसकी वजह से विस्थापित होना पड़ा था.