खनन माफियाओं का काला कारोबार

उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के कबरई में सिद्धबाबा पत्थर खनन क्षेत्र में जारी है पातालफोड़ खुदाई.

मध्य प्रदेश के बटेश्वर इलाके में प्राचीन मंदिरों के आसपास होती जबरदस्त ब्लास्टिंग से पूरा इलाका दहल जाता है.

खान में काम करने वाले मजदूरों की मानें तो उनका कोई मेडिकल बीमा नहीं होता है. न ही खान मालिक इनका रिकॉर्ड रखते हैं. इन उद्योग मालिकों की मनमानी व लापरवाही का नतीजा ही है कि कोलिया गांव की 70 घरों वाली इंदिरा कॉलोनी को बेवाओं का गांव कहा जाने लगा है.

राजस्थान के मारवाड़ क्षेत्र में स्थिति और भयावह है. धूल के गुबार के बीच काम करने वाले ज्यादातर मजदूर 20 से 40 साल की उम्र में ही सिलिकोसिस का शिकार हो जाते हैं. जोधपुर, जालौर, जैसलमेर, राजसमंद व नागौर की खानों में काम करने वाले मजदूरों का भी यही हाल है. इन सब मजदूरों को जयपुर से पहले इलाज नहीं मिल पाता.

झारखंड की भुरकुंडा कोलियरी की ओपन कास्ट खान में लगी आग ने इलाके को प्रदूषित कर दिया.

मध्य प्रदेश के ग्वालियर-मुरैना के बटेश्वर क्षेत्र के प्राचीन मंदिरों की दीवारें अवैध खनन के कारण दरकने लगी हैं.