बिहार में जन्मे महान लेखक जॉर्ज ऑरवेल के घर का बुरा हाल, देखें तस्वीरें

महान लेखक जॉर्ज ऑरवेल की जन्मस्थली का एक बार फिर हाल बुरा है. राज्य सरकार द्वारा संरक्षित स्थल घोषित किए जाने के बावजूद भवन में जुआरियों और शराबियों का अड्डा लगा रहता है. यहां चारों तरफ कीचड़ और गंदगी नजर आती है.

यह जगह बिहार के मोतिहारी शहर में है. बीच शहर में होने के बावजूद यहां पहुंचना आसान नहीं. यहां पहुंचने के लिए कोई साइन बोर्ड नहीं लगे हैं. अक्सर सैलानी रास्ता भटक जाते हैं. हालांकि यहां पहुंचने पर भी उन्हें निराशा ही हाथ लगती है.

'एनिमल फार्म' और '1984' जैसे विश्वस्तरीय राजनीतिक उपन्यास लिखने वाले जॉर्ज ऑरवेल की इस जन्मस्थली पर इतनी गंदगी है कि लोग कहते हैं, यह फिर से एनिमल फार्म बन गया है

25 जून, 1903 को ऑरवेल इसी जगह पैदा हुए थे. उनके पिता रिचर्ड डब्लू ब्लेयर मोतिहारी में अफीम विभाग में सब डिप्टी एजेंट थे. जन्म के बाद ऑरवेल यहां सिर्फ एक साल रहे और फिर लंदन चले गये.

बाद में यह जगह गुमनाम हो गई. 2003 में ऑरवेल की जन्मशती में पत्रकारों का समूह यहां पहुंचा तो उन्हें इस जगह का पता चला.

2010 में बिहार सरकार ने इस जगह को संरक्षित धरोहर घोषित किया. 2012 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इस जगह आए और इसे विकसित करने का संकल्प भी दुहराया.

2017 में चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के दौरान भी चंपारण पहुंचने वाले पत्रकार, लेखक और दूसरे लोग इस जगह आते रहे. मगर एक बार फिर इस जगह का हाल बुरा है.