9 नवंबर 2011:तस्वीरों में देखें इंडिया टुडे | पढ़ें इंडिया टुडे



पहले कदम और मंजिल में हमेशा एक फासला होता है लेकिन ट्यूनीशिया के चुनाव अगर सच्ची मुक्ति का वह लम्हा बन पाते हैं तो इससे इक्कीसवीं सदी का एक नया आकार बनता देखा जा सकेगा.





जगह-जगह हो रहे निर्माण कार्यों के कारण उड़ रही धूल से हलकान हो रही है इंदौर की जनता.

किले तक पहुंच आसान बनाने वाली रोप-वे परियोजना नहीं बढ़ पा रही आगे.

बिहार के उलट झारखंड में आडवाणी की सभाओं से भाजपा ने गठबंधन के साथियों को परे ही रखा.

ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश सुर्खियों में अपनी जगह फिर से पाने के लिए बेताब हैं.

ढह गया एक और किला. भारतीय टेलीविजन पर पहले समलैंगिक जोड़े ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया. भारतीय टेलीविजन समलैंगिकता के इर्दगिर्द पहले भी घूमता रहा है. अब इसमें संपूर्ण संबंध दिखाए जा रहे हैं.

फल-फूल रहा री-पैकेजिंग उद्योग फेंके गए मेडिकल कचरे को स्वास्थ्य प्रणाली में वापस लाने का काम कर रहा है.

चार साल बाद राम मंदिर की कार्यशाला में काम फिर शुरू, लेकिन आशंकाएं बरकरार हैं.

भारतीय साहित्य के गौरव श्रीलाल शुक्ल 28 अक्तूबर को आखिरकार महाप्रयाण कर गए. वे पिछले कई वर्ष से अस्वस्थ थे. बिस्तर पर ही रहते थे. इसी 18 अक्तूबर को जब उन्हें 45वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया तो वे एक अस्पताल में भर्ती थे.



मान्यताओं का भी कोई ओर-छोर नहीं. कहीं पर खड़ाऊं चढ़ती है, कहीं पत्थर तो कहीं धागा. बस मणौती पूरी होळी चावे.


वस्त्रनगरी भीलवाड़ा में अभिनव गोल्ड नामक कंपनी ने लुभावने सपने दिखाकर हजारों लोगों की दीवाली काली कर डाली. 6,000 रु. निवेश करके पौने दो लाख रु. कमाने के लालच में जाल में फंसे भीलवाड़ा के बाशिंदे खुद को ठगा-सा महसूस कर रहे हैं.

बात 21 अक्तूबर की है. रात के पौने दस बज रहे थे और बेल्जियम के ब्रसेल्स शहर के यूजीसी थिएटर में विश्व मीडिया और खास दर्शकों का तांता लगा था. ब्रसेल्स में जगह-जगह लगे पोस्टर इस बात का एहसास करा चुके थे कि आज की रात कुछ खास है.

फल-फूल रहा री-पैकेजिंग उद्योग फेंके गए मेडिकल कचरे को स्वास्थ्य प्रणाली में वापस लाने का काम कर रहा है.

विकास और इक्विटी के बीच टकराव को तभी टाला जा सकता है जब सरकार विकास को बढ़ावा देने और जनता को बेहतर सेवाएं उपलब्ध कराने में अपनी अहम भूमिका निभाए.

दूसरों को रोजगार देने वाले मनरेगाकर्मियों का रोजगार खुद असुरक्षित, मजबूरी में विधानसभा के सामने दो महीनों से मनरेगा कर्मियों का आंदोलन जारी है.

यहां बिखरते परिवारों को जोड़ने का जिम्मा खुद पुलिस ने उठाया है, नई किरण के जरिए कैप्टन बेग की टीम 110 जोड़ों का घर टूटने से बचा सकी.

असम के गांवों में आस्था पुरानी दुश्मनी का बदला चुकाने का एक जरिया बन गई है, जहां काला जादू और औरतों को डायन बताकर उनकी हत्या के चलते इस साल 10 लोगों की जान जा चुकी है.
