2 जनवरी 2013: तस्वीरों में इंडिया टुडे | पढ़ें इंडिया टुडे

बड़े मैदान मारने वाला बड़ा महारथी | मोदी की तस्वीरें
नरेंद्र मोदी बीजेपी के आगे हाथ फैलाने नहीं जा रहे. पार्टी में नीचे से आने वाले दबाव की वजह से वह खुद उन्हें आगे करने को मजबूर होगी.

नरेंद्र मोदी की 'द्वारका-दिल्ली सुपरफास्ट' | मोदी की तस्वीरें
अब जब मोदी गुजरात फतह करके दिल्ली की जंग शुरू करने जा रहे हैं, वक्त आ गया है कि वे मेल-मिलाप की अहमियत समझें.

लोग काम चाहते हैं, सिर्फ बातें नहीं: मोदी | मोदी की तस्वीरें
एक प्रभावशाली जीत को अपने पाले में करने वाले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जनादेश और इससे भारतीय राजनीति में किसी तरह के बदलाव की शुरुआत के बारे में बात की.

ब्रांड मोदी को कैसे मिली कामयाबी?
अपने प्रतिद्वंद्वियों को हाइ-टेक प्रचार और ओजस्वी भाषणों से करारा जवाब देने वाले नरेंद्र मोदी के पीछे मजबूती से खड़ी रही युवाओं और महिलाओं की अनुशासित फौज.

सीबीआइ: निशाने पर अब अखिलेश
अपने राजनैतिक विरोधियों को काबू में रखने के लिए सीबीआइ को एक आसान हथियार के रूप में इस्तेमाल करना केंद्र सरकार की आदत बन गई है.

टीम का चेहरा बदलने का क्या यही है सही वक्त?
फिर से कामयाबी के लिए क्या चाहिए भारतीय टीम को? सूची लंबी है पर असंभव नहीं. नया कप्तान, बेहतर सपोर्ट स्टाफ, कम तड़क-भड़क और ज्यादा सोच-विचार.

कमलनाथ: सरकार में प्रणब मुखर्जी के नए विकल्प
विभिन्न पार्टियों के नेताओं के साथ अपने बेहतरीन संपर्क और पर्दे के पीछे बातचीत के सहज कौशल की वजह से संसदीय कार्य मंत्री बने सरकार के संकटमोचक.

हिमाचल प्रदेश: बीजेपी से छीन लिया अपना किला
कांग्रेस ने चुनावों में बीजेपी को धूल चटाई, लेकिन वीरभद्र को स्पष्ट बढ़त के बावजूद नेतृत्व की असली लड़ाई शुरू हो गई है.

बलात्कार: छुट्टा घूम रहे हैं भेड़िए
एक लड़की मौत से जूझ रही है और शर्मिंदगी से सिर झुकाए खड़ा राष्ट्र उसके सवालों के जवाब तलाशने में लगा है. क्या बलात्कार की बर्बरता को बिना सजा के ही जाने दिया जाए?

आखिर लटक गया आरक्षण
प्रमोशन में आरक्षण मामले पर सपा की रार, बीजेपी के ऊहापोह और माया-मुलायम के बीच फंसी कांग्रेस की वजह से मामला फिर खटाई में पड़ा और अब सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाने की तैयारी.

यह अलग दिखने की सनक है
दुनिया भर में आजमाए जाने वाले अनोखे तौर-तरीकों के संसार में कदम रख रहे हैं युवा. इसमें पिशाच का वेश धरने से लेकर हिप-हॉप नाइट्स और सड़कों पर बी-बॉइंग से घर में गथ म्युजिक सुनने तक सब कुछ शामिल है.

एएमयू विवाद: यूनिवर्सिटी को जमीन का ब्रेक
बिहार में यूनिवर्सिटियों की जमीन आवंटन पर विवाद फैशन बन गया है. अब एएमयू पर मचा है बवाल.

राजस्थान में आ गया राइट टु रीकॉल
यह मामला वैसे तो एक नगरपालिका के स्तर का था लेकिन था बड़ा दिलचस्प. राजस्थान में बारां जिले के मांगरोल में यह प्रदेश का पहला राइट टु रीकॉल था. और इसका नतीजा भी ऐसा अभूतपूर्व रहा कि कांग्रेस और बीजेपी जैसे बड़े-बड़े राजनैतिक दलों के दिग्गजों को भी सांप सूंघ गया.

रहमान मलिक: अपनी जबांफरोशी से कहीं ले न डूबे
हाल ही में भारत के दौरे पर आए पाकिस्तान के सबसे ताकतवर मंत्री ने अपने संवेदनहीन बयानों से सभी को हैरान किया लेकिन वे पाकिस्तान में राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के लिए अपरिहार्य बन गए हैं.

सपनों को साकार करने वाली एकेडमी
गया ओटीए से जेंटलमैन कैडेट्स का दूसरा बैच निकला. इलाके के नौजवानों में अफसर बनने की ललक बढ़ा रही है एकेडमी.

उपन्यास: नाउम्मीदी के बावजूद
पूर्वांचल के गांवों की यथार्थपरक तस्वीर पेश करने वाले इस उपन्यास में पात्रों के प्रति लेखक की निर्ममता श्रीलाल शुक्ल की याद दिलाती है.


नए आइआइटी: मूल संस्थानों की परछाई भी नहीं सरकार ने नए आइआइटी तो खोल दिए हैं लेकिन वहां के बुनियादी ढांचे और शिक्षकों को लेकर कुछ खास नहीं हो सका है. कहीं पढ़ाने वालों की कमी है तो कहीं इमारतें अधूरी पड़ी हैं.

लीवर: नए मोर्चे पर हमलावर हो रहा है मोटापा
एक अदृश्य दुश्मन लोगों की जिंदगियां ले रहा है. फैटी लीवर से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा दोगुना बढ़ गया है.

मैहर बैंड: अब आया ख्याल बाबा के बैंड का
तमाम उतार-चढ़ावों से गुजर चुके मैहर बैंड को प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा मिलने से इसके कलाकारों में नया उत्साह. बाबा अलाउद्दीन खां के पौत्र भी अब विरासत संभालने मैहर पहुंचे.

प्रभात झा हुए चारों खाने चित्त
पार्टी के राष्ट्रीय संविधान में संशोधन के बाद से बीजेपी की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष (अब पूर्व अध्यक्ष) प्रभात झा अपनी वापसी को लेकर बेफिक्र थे. उन पर संघ के प्रमुख पदाधिकारी सुरेश सोनी का वरदहस्त होना भी उन्हें दूसरा कार्यकाल दिलवाने की गारंटी जैसा था.

छत्तीसगढ़: समानता मांगते मास्टर साहब
भारत के भविष्य की नींव को मजबूत करने का जिम्मा जिन कंधों पर है, क्या उन्हें सम्मानजनक जीवन जीने का भी अधिकार नहीं है? छत्तीसगढ़ में 12 दिसंबर से जारी शिक्षाकर्मियों की हड़ताल के दौरान उनके साथ जैसा व्यवहार हो रहा है, उससे तो यही लगता है.

देसी दारू के फेर में फिसल गई सरकार
ऑडिट में सामने आया है कि सप्लायरों की नीची बोली को नजरअंदाज कर देसी शराब के दाम मनमाने तरीके से बढ़ाए गए थे.



राजस्थान: चाहत बन गए अनचाहे
चुपचाप लाकर छोड़ दी गई अनचाही संतानें आज पल-बढ़कर अपने सपनों को खुलकर पूरा कर रहीं. एक संस्था दे रही उन्हें नया जीवन.