16 जनवरी 2013: तस्वीरों में इंडिया टुडे | पढ़ें इंडिया टुडे

2013: तूफानी दिनों की आहट
राजनीति जैसे-जैसे पेशेवर, पक्के रास्तों से कच्ची पगडंडियों की ओर बढ़ रही है, भविष्य में अपना दांव लगाने वाले नेताओं को खुद पर पड़ी धूल झड़कर खड़े होने का वक्त आ गया है.

राजनीतिकुमारों के प्रति देश के युवाओं का अविश्वास प्रस्ताव
राजधानी में बर्बर गैंग रेप के बाद देशभर में आक्रोशित युवा सड़कों पर थे, लेकिन इसी पीढ़ी से आने वाले 'कल के नेताओं’ ने इनकी सुध तक नहीं ली. क्या यह राजनीतिक कुनबों से मोहभंग की शुरुआत है.

आर्थिक प्रगति का 3-सूत्री प्रोग्राम
अकेले एफडीआइ विधेयक से निवेशकों का मूड नहीं सुधरेगा. 2013 में सरकार को ब्याज दरों, वित्तीय घाटे और प्रोजेक्ट्स की मंजूरी में देरी जैसे मसलों का समाधान करना होगा.

बिहार में सऊदी अरब से आई समृद्धि की बयार
पश्चिम एशिया के देशों से बिहार के सिवान और गोपालगंज में भेजे जा रहे पैसे ने इस इलाके की तस्वीर ही बदल डाली है.

आंदोलन और राजनीति: देसी तहरीर चौक के सितारे
बलात्कार विरोधी जन सैलाब ने राजनीति के परंपरागत राजकुमार और राजकुमारियों को रिजेक्ट कर दिया. ऐसे में उभर आए नए शहरी गुरिल्ला जो ‘आइ हेट पॉलिटिक्स’ बोलने की जगह राजनीति के कीचड़ में उतर कर उसे साफ करना चाहते हैं. मनीषा पांडेय और शिवकेश ने उनमें से कुछ से मुलाकात की.

हम क्यों न डेंट-पेंट करें?
छेड़छाड़ बलात्कार की तरह ही घृणित, निंदनीय है; औरतों के प्रति असम्मान मर्दानगी का सुबूत कतई नहीं. औरतों को छोटा दिखाकर आप खुद बड़ा महसूस नहीं कर सकते.

झारखंड: बाकी है ड्रामे का आखिरी सीन
झारखंड में राजनैतिक अनिश्चितता की स्थिति तो बिहार में खुद को मजबूत करने में लगे हैं लालू प्रसाद.

सेहत: भविष्य के मोर्चे
स्वास्थ्य के क्षेत्र में अत्याधुनिक शोध होंगे जो हमारे जीने का तरीका बदल सकते हैं.

2013: तूफानी दिनों की आहट
राजनीति जैसे-जैसे पेशेवर, पक्के रास्तों से कच्ची पगडंडियों की ओर बढ़ रही है, भविष्य में अपना दांव लगाने वाले नेताओं को खुद पर पड़ी धूल झड़कर खड़े होने का वक्त आ गया है.

नया सिनेमा: मुंबई से बिहार तक
स्क्रीन पर नए किस्म का कड़वी हकीकत बयान करता सिनेमा गांव-शहर के फासले को खत्म करता नजर आ रहा.

सत्ता के लिए होगी रस्साकशी
मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ में इस साल चुनावी जोर-आजमाइश होगी, जिसके लिए बीजेपी-कांग्रेस अपनी-अपनी बिसात बिछाएंगी तो दोनों दलों में स्थानीय नेतृत्व को लेकर भी जबरदस्त खींचतान रहेगी.

नाकाम मुल्क बनने की ओर बढ़ता पाकिस्तान
अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना हटने के बाद पाकिस्तान को वहां बढ़त हासिल होगी और भारत के हितों पर इसका असर पड़ सकता है.

140 अक्षरों के भीतर राजनीति
सोशल मीडिया वह प्लेटफॉर्म है, जहां पर विचार की आजादी की लड़ाई लड़ी जाएगी.

झारखंड: बाकी है ड्रामे का आखिरी सीन
झारखंड में राजनैतिक अनिश्चितता की स्थिति तो बिहार में खुद को मजबूत करने में लगे हैं लालू प्रसाद.

आधी जमीन को चाहिए पूरा सम्मान
जिस तरह महिला मुद्दे हाशिए से केंद्र की ओर बढ़े हैं उससे एक नया महिला वोट बैंक उभर सकता है.

आंदोलन और राजनीति: देसी तहरीर चौक के सितारे
बलात्कार विरोधी जन सैलाब ने राजनीति के परंपरागत राजकुमार और राजकुमारियों को रिजेक्ट कर दिया. ऐसे में उभर आए नए शहरी गुरिल्ला जो ‘आइ हेट पॉलिटिक्स’ बोलने की जगह राजनीति के कीचड़ में उतर कर उसे साफ करना चाहते हैं. मनीषा पांडेय और शिवकेश ने उनमें से कुछ से मुलाकात की.

राजस्थान: इस बार किस ओर बहेगी बयार?
भारतीय जनता पार्टी के नेता शुरुआती छह महीनों के दौरान मुख्यमंत्री पद की दावेदारी के लिए आपसी सिरफुटौव्वल करते रहेंगे, बगैर यह समझे कि सरकार बनाने के लिए सबसे पहले जरूरी है कि उनके पास विधायकों की पर्याप्त संख्या.






