11 अप्रैल 2012: तस्वीरों में इंडिया टुडे | पढ़ें इंडिया टुडे


आदिवासियों ने पुलिस की मदद से माओवादियों की मांद में घुसकर बेहद दुर्गम इलाके में महज दो माह में बनाई सड़क.

मुशायरे पर पाक में हुआ आतंकी हमला दरअसल सांस्कृतिक एकता के पैगाम के खिलाफ है.

जब अकाल तख्त के प्रमुख ने बेकट्टरपंथी सिख संगठन उत्तेजित, केंद्र पर बेअंत सिंह के हत्यारे बलवंत सिंह राजोआना की फांसी टालने के लिए बना दबाव.




उनके दिमाग में हर वक्त कोई योजना होती है. ऐसी ही उनकी एक योजना के तहत पंजाब के सबसे पुराने क्षेत्रीय दल शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष, 49 वर्षीय सुखबीर बादल ने न सिर्फ कांग्रेस को हरा दिया बल्कि अरसे से चली आ रही परंपरा को भी ध्वस्त कर दिया.




गोवा में कैथलिक ईसाई भाजपा को जीता देते हैं वहीं मंदिर आंदोलन के केंद्र में पार्टी हार जाती है.

हिरासत में मौतों की संख्या देश में बढ़ रही है. लेकिन पुलिस प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए कुछ नहीं किया गया.

पिता महेंद्र सिंह की ईमानदारी और सच्चाई के सबक को आगे बढ़ा रहे हैं युवा विधायक विनोद सिंह.



जिस युग में विचारधारा की जगह विचारों ने ले ली है, भाजपा के पास भारतीय राजनीति में अपने खोये आधार को पाने की कोई सोच नहीं दिखती. क्या नितिन गडकरी लगातार मुश्किलों में फंसी पार्टी को उबार सकेंगे?

बॉलीवुड में फिल्म के पहले लुक के जरिए दर्शकों के दिलो-दिमाग पर असर छोड़ने के मकसद से परोसी जा रही सेक्स और बोल्डनेस की चाश्नी.





किसी शहला या किसी जे. डे को सस्ते में मौत के घाट उतारा जा सकता है. शूटरों की भरमार से हत्या करने की सुपारी सस्ती हुई.


दस में से एक दंपती चाहकर भी माता-पिता नहीं बन पाते. अब आधुनिक मेडिसिन ने कई ऐसी नई कृत्रिम प्रजनन तकनीकें विकसित कर दी हैं जिनसे ये दंपती अपनी चाह पूरी कर सकते हैं.

बीमारियों की पहचान और इलाज में टेक्नोलॉजी ने नई संभावनाएं पैदा कीं. छोटे शहरों तक होगी इनकी पहुंच.

एक ही स्क्रीन पर बहुत कुछ पाने की चाहत में दुनियाभर में बनी एप्लिकेशंस (ऐप्स) ने पहले मोबाइल फोन को स्मार्ट बनाया, अब टेलीविजन की बारी है. स्मार्टफोन के बाद स्मार्ट टीवी तेजी से बदलती डिजिटल लाइफस्टाइल का हिस्सा बन रहे हैं.

हिंद महासागर में चीनी नौसेना के प्रवेश का अकेले जवाब देने के लिए आ गई है नाभिकीय ऊर्जा से चलने वाली भारत की पहली पनडुब्बी.

जनरल विजय कुमार सिंह ने बदला लेने की अपनी तैयारी 10 फरवरी को ही शुरू कर दी थी जब सुप्रीम कोर्ट ने जन्म तिथि में बदलाव की उनकी कोशिश को नाकाम करते हुए सेना प्रमुख के पद पर उनके सेवा विस्तार के मंसूबे पर पानी फेर दिया था. जनरल सिंह का यह प्रतिशोध अदृश्य और चुपचाप किस्म का था. बिल्कुल फौजी तरीके से उन्होंने अपने हमले की रणनीति तैयार की थी जिसमें एक-एक निशाने को नाप-तौल लिया गया था.
