scorecardresearch

क्या ‘इंटरनेशल ट्रेड शो’ यूपी को ग्लोबल इन्वेस्टमेंट हब के रूप में स्थापित कर पाएगा?

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में 25 सितंबर से 29 सितंबर तक आयोजित होगा उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025. पहली बार रूस बना कंट्री पार्टनर, 25 सितंबर को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

UPITS CM YOGI
कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा करते हुए सीएम योगी
अपडेटेड 24 सितंबर , 2025

ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में 25 सितंबर से 29 सितंबर तक आयोजित होने वाला उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो-2025 (UPITS 2025) इस बार औद्योगिक क्षेत्र को पहले प्राथमिकता देते हुए आयोजित किया जा रहा है. 

इस मेगा इवेंट का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को वैश्विक औद्योगिक और निवेश मंच पर प्रस्तुत करना है. इस महाआयोजन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 सितंबर को करेंगे, जिससे इसकी अहमियत और बढ़ गई है. यह आयोजन इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है कि भारतीय उत्पाद अमेरिका की ट्रंप सरकार के लगाए 50 प्रतिशत टैरिफ से मुकाबला करने के लिए तैयार हो रहे हैं. 

हर गतिविधि के लिए खास हॉल 

UPITS-2025 का औद्योगिक सेक्टर कंपनियों के बीच होने वाले “बिजनेस टू बिजनेस” (B2B (बिजनेस टू बिजनेस)) और कंपनियों से सीधे उपभोक्ता के बीच “बिजनेस टू कंज्यूमर” (B2C (बिजनेस टू कंज्यूमर)) दोनों गतिविधियों के लिए बड़े पैमाने पर तैयार किया गया है. औद्योगिक क्षेत्र के लिए अलग हॉल और पंडाल बनाए गए हैं. हॉल-1 में UPIDA और Invest UP का पवेलियन 2,156 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में तैयार किया गया है, जिसमें राज्य के प्रॉयरिटी सेक्टर्स जैसे मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और रिन्यूएबल एनर्जी को प्रदर्शित किया जाएगा. हॉल-2 में YEIDA, सिविल एविएशन और रूस के पवेलियन के लिए 2,400 वर्ग मीटर का क्षेत्र रखा गया है. रूस के पवेलियन में औद्योगिक और तकनीकी कंपनियां अपनी उत्पाद क्षमता और तकनीकी नवाचार प्रदर्शित करेंगी, जबकि रूसी प्रतिनिधि उद्योगपतियों और नीति-निर्माताओं के साथ B2B (बिजनेस टू बिजनेस) संवाद करेंगे.

हॉल-5 में यूपीएलसी पवेलियन, स्टार्टअप्स, IT/ITES और इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को 1,930 वर्ग मीटर क्षेत्र में सजाया गया है. इसमें IIT कानपुर और अन्य तकनीकी संस्थानों के स्टार्टअप्स और इनोवेशन प्रदर्शित किए जाएंगे, जो उद्योगपतियों और निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के अवसरों से अवगत कराएंगे. हॉल-7 को टूरिज्म विभाग, स्टेट वॉटर एवं सैनिटेशन मिशन, क्लीन ग्रुप और नोएडा अथॉरिटी के लिए 2,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया गया है, जिसे चैंपियन सर्विसेज सेक्टर के रूप में मान्यता दी गई है.

औद्योगिक क्षेत्र के हॉल-9, हॉल-10 और हॉल-12 को B2C (बिजनेस टू कंज्यूमर) गतिविधियों के लिए अलॉट किया गया है. हॉल-11 और हॉल-14 को B2B (बिजनेस टू बिजनेस) और B2C (बिजनेस टू कंज्यूमर) दोनों गतिविधियों का हब बनाया गया है, जिसमें विदेशी खरीदार, निवेशक और उद्योग प्रतिनिधि सीधे उत्पादों का प्रदर्शन करने वालों से संवाद कर सकेंगे. हॉल-12 में कृषि और संबद्ध उद्योग, डेयरी, हॉर्टीकल्चर और गन्ना-चीनी सेक्टर को 3,300 वर्ग मीटर में प्रदर्शित किया जाएगा. हॉल-15 में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक के सेक्टर को 3,300 वर्ग मीटर क्षेत्र में रखा गया है, जबकि हॉल-18A को युवा उद्यमियों के लिए और हॉल-18B को रियल एस्टेट एवं ट्रांसपोर्ट सेक्टर के लिए अलॉट किया गया है.

औद्योगिक क्षेत्र में स्टार्टअप्स की भागीदारी इस बार विशेष रूप से बढ़ाई गई है. IIT कानपुर के स्टार्टअप्स नए तकनीकी समाधानों, रोबोटिक्स, ऑटोमेशन, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उपकरणों का प्रदर्शन करेंगे. प्रमुख सचिव उद्योग आलोक कुमार बताते हैं, “इससे छोटे और मझोले उद्यमियों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने उत्पाद और तकनीकी समाधान प्रदर्शित करने का अवसर मिलेगा. निवेशकों और प्रदर्शकों के बीच संवाद सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो B2B (बिजनेस टू बिजनेस) मीटिंग्स और नेटवर्किंग सत्रों का समन्वय करेंगे.”

कृषि‍ क्षेत्र के नवाचार होंगे आकर्षण का केंद्र

औद्योगिक क्षेत्र के बाद कृषि क्षेत्र UPITS-2025 में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. कृषि क्षेत्र के लिए लगभग 1,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में हॉल और पवेलियन तैयार किए गए हैं. इसमें पांच प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय—चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर, आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या, सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय मोदीपुरम, बांदा कृषि विश्वविद्यालय और SHIATS नैनी प्रयागराज—अपने अनुसंधान और तकनीकी इनोवेशन को प्रदर्शित करेंगे. इसके अलावा उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम, अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान वाराणसी, 17 कृषि यंत्रीकरण कंपनियां, 9 बीज कंपनियां, 8 उर्वरक कंपनियां और 8 कृषि रक्षा कंपनियां हिस्सा लेंगी.

कृषि क्षेत्र में 15 से अधिक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) भाग लेंगे. इनमें बुलंदशहर, प्रयागराज, एटा, झांसी, मेरठ, महोबा, सहारनपुर, बाराबंकी, गौतमबुद्धनगर, लखनऊ और सिद्धार्थनगर के एफपीओ शामिल हैं. कृषि विभाग ने संवाद और समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं, जो प्रदर्शकों और गेस्ट के बीच सहभागिता सुनिश्चित करेंगे. कृषि स्टार्टअप्स और नई तकनीक के लिए IIT कानपुर में विशेष विंग संचालित होगा, जो कृषि क्षेत्र में इनोवेशन, तकनीकी हस्तांतरण और कैपेसिटी बिल्डिंग को बढ़ावा देगा.

पर्यटन क्षेत्र की भी होगी ब्रांडिंग 

UPITS-2025 में पर्यटन सेक्टर को प्रमुख स्थान दिया गया है. पर्यटन विभाग का पवेलियन डिजिटल स्टोरीटेलिंग, AR/VR डिस्प्ले, ऑटो-नेविगेशन कियोस्क और सेल्फी जोन जैसी आधुनिक सुविधाओं से सजाया गया है. पवेलियन में ब्रज का मयूर नृत्य, सोनभद्र और लखीमपुर के जनजातीय नृत्य, झांसी का बुंदेली नृत्य और लखनऊ घराने की कथक प्रस्तुति राज्य की सांस्कृतिक विविधता को उजागर करेगी. पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह बताते हैं, “यह पहल राज्य की वैश्विक पर्यटन पहचान को मजबूत करेगी और निवेशकों को PPP प्रोजेक्ट्स, टैक्स छूट और भूमि आवंटन जैसी जानकारी उपलब्ध कराएगी.”

खानपान सेक्टर को प्रदर्शनी में "स्वाद उत्तर प्रदेश" के तहत प्रमुख स्थान दिया गया है. 25 फूड स्टॉल्स आगंतुकों को प्रदेश के विभिन्न जिलों के व्यंजन परोसेंगे. मुरादाबाद का दाल और बिस्कुट रोटी, बनारस की लस्सी और पान, मोदीनगर का जैन शिकंजी, आगरा का पेठा, अवध का मटन-चिकन जुगलबंदी, मथुरा का मालपुआ, जौनपुर की देसी रसोई, अलीगढ़ के पराठे और नोएडा की गोजरी थाली प्रदर्शनी का आकर्षण होंगे. यह सेक्शन MSME उद्यमियों और फूड ब्रांड्स को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करने का अवसर देगा.

हस्तशिल्प और जीआई उत्पाद UPITS-2025 में अलग पवेलियन में प्रदर्शित होंगे. उत्तर प्रदेश में कुल 77 जीआई पंजीकृत उत्पाद हैं, जिनमें 57 हस्तशिल्प और 20 कृषि एवं खाद्य उत्पाद शामिल हैं. ट्रेड शो में 60 जीआई उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे, जिसमें 32 उत्पाद काशी और आसपास के जिलों के होंगे. यह पहल हस्तशिल्पियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाने और जीआई उत्पादों का ब्रांडिंग करने में मदद करेगी.

रूस का कंट्री पार्टनर बनना रणनीतिक कदम

UPITS-2025 पिछले संस्करणों से बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा है. पहले संस्करण में 2023 में 70 हजार B2B (बिजनेस टू बिजनेस) और 2.37 लाख B2C (बिजनेस टू कंज्यूमर) विज़िटर्स आए थे, 1914 उत्पादों को प्रदर्शित करने वाले और 400 से अधिक विदेशी खरीदार मौजूद थे. दूसरे संस्करण में 2024 में B2B (बिजनेस टू बिजनेस) विज़िटर्स की संख्या 1 लाख, B2C (बिजनेस टू कंज्यूमर) 3 लाख, प्रदर्शकों की संख्या 2122 और विदेशी खरीदार 350 रहे, जिसमें 2200 करोड़ रुपए से अधिक का निर्यात ऑर्डर और 40 करोड़ रुपए से अधिक की सीधी बिक्री हुई. इस बार तीसरे संस्करण में 5 लाख से अधिक कुल विज़िटर्स, 2.5 लाख B2B (बिजनेस टू बिजनेस) और 3 लाख B2C (बिजनेस टू कंज्यूमर) विज़िटर्स, 2500 से अधिक प्रदर्शक और 500 से अधिक विदेशी खरीदार शामिल होंगे.

इस बार ट्रेड शो में रूस को पार्टनर कंट्री बनाया गया है. यह पहली बार है कि कोई बड़ा देश इंटरनेशनल ट्रेड शो का कंट्री पार्टनर है. रूस का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल उद्योग, बैंकिंग, शिक्षा, ऊर्जा और IT/ITES सेक्टर से जुड़ा है और यह भारत-रूस व्यापारिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देगा. रूस के 9 सदस्यीय सांस्कृतिक दल द्वारा प्रस्तुति दी जाएगी, जिससे ट्रेड शो में भारत-रूस सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊर्जा मिलेगी. विशेष 'डूइंग बिजनेस इन रूस' नॉलेज सेशन में भारतीय और उत्तर प्रदेश के उद्योगपतियों को रूसी व्यापार अवसरों और निवेश संभावनाओं के बारे में जानकारी दी जाएगी.

आलोक कुमार बताते हैं, “UPITS-2025 का उद्देश्य न केवल निवेश और औद्योगिक विस्तार है बल्कि रोजगार सृजन, MSME प्रोत्साहन, वैश्विक ब्रांडिंग और तकनीकी सहयोग को भी बढ़ावा देना है. यह महाआयोजन राज्य की औद्योगिक, कृषि, पर्यटन, सांस्कृतिक और खाद्य विविधता को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का अवसर है. इसमें नीति-निर्माता, उद्योगपति, विदेशी खरीदार, निवेशक, स्टार्टअप्स और सांस्कृतिक प्रतिनिधि शामिल होंगे.”

विशेषज्ञ बताते हैं कि पार्टनर कंट्री का दर्जा यूपी को वैश्विक मंच पर एक रणनीतिक निवेश केंद्र के रूप में स्थापित करेगा और प्रदेश की ब्रांडिंग को मजबूत करेगा. इसके अलावा, ‘डूइंग बिजनेस इन रूस’ नॉलेज सेशन भारतीय और उत्तर प्रदेश के उद्योगपतियों को रूस में व्यापार और निवेश की संभावनाओं से अवगत कराएगा, जिससे निर्यात और तकनीकी हस्तांतरण के अवसर बढ़ेंगे. इस सहयोग से प्रदेश की वैश्विक पहुंच बढ़ेगी और औद्योगिक नीति, स्टार्टअप इकोसिस्टम और कृषि तकनीक सहित कई सेक्टरों में उच्च गुणवत्ता वाले निवेश की संभावनाएं साकार होंगी.

इंटरनेशनल ट्रेड शो के आयोजन स्थल पर ग्राउंड फ्लोर पर औद्योगिक गतिविधियां, हॉल-1 से हॉल-8 में प्रदर्शित उत्पाद और तकनीक आगंतुकों के लिए आकर्षण का केंद्र होंगी. सेकेंड फ्लोर पर पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाएगा. हॉल-9 में ओडीओपी प्रदर्शनी, हॉल-10 में महिला उद्यमी और नए वेंचर्स, हॉल-11 में फूड, फिशरीज और एनीमल हस्बैंड्री, हॉल-12 में कृषि और डेयरी सेक्टर, हॉल-14 में हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम और टेक्सटाइल, हॉल-15 में लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग की प्रदर्शनी होगी. 

UPITS-2025 में B2B (बिजनेस टू बिजनेस) और B2C (बिजनेस टू कंज्यूमर) नेटवर्किंग के लिए विभिन्न सत्र आयोजित किए जाएंगे. स्टार्टअप्स, औद्योगिक और कृषि प्रतिनिधि, विदेशी खरीदार और निवेशक साझा मीटिंग्स में भाग लेंगे. इन सत्रों का उद्देश्य व्यवसायिक साझेदारी, निर्यात अनुबंध और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देना है. विशेष सत्र में स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमोबाइल टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल एनर्जी, AR/VR आधारित प्रशिक्षण और कृषि यंत्रीकरण को प्रमुखता दी जाएगी.

इस तरह UPITS-2025 न केवल उत्तर प्रदेश के औद्योगिक और निवेश परिदृश्य को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करेगा बल्कि राज्य की सांस्कृतिक, कृषि और खाद्य विविधता को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्घाटन से इसका महत्व और बढ़ गया है, और यह ट्रेड शो राज्य में निवेश, रोजगार और निर्यात को नई ऊंचाई देने वाला आयोजन साबित होगा.

Advertisement
Advertisement