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कौन हैं 'गोल्डन गर्ल' श्रेयसी सिंह, जिन्हें नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में किया गया शामिल?

जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार जीतने वाली BJP उम्मीदवार श्रेयसी सिंह को बिहार सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है

श्रेयसी सिंह (Photo: ITG)
श्रेयसी सिंह (Photo: ITG)
अपडेटेड 20 नवंबर , 2025

20 नवंबर को पटना के गांधी मैदान में युवा BJP विधायक श्रेयसी सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली. श्रेयसी जमुई विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बनकर सदन पहुंची हैं.

श्रेयसी सिंह ने राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार शमशाद आलम को 54 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हराया है. BJP कोटे से बने 14 मंत्रियों की लिस्ट में एक नाम श्रेयसी का है.

इसके बाद से ही उनके नाम की चर्चा है. अब देखने वाली बात ये है कि बिहार सरकार में उन्हें कौन सा पोर्टफोलियो मिलता है.

कौन हैं नीतीश सरकार की मंत्री श्रेयसी सिंह?

श्रेयसी सिंह एक एथलीट और अर्जुन पुरस्कार विजेता शार्पशूटर हैं. 2020 में श्रेयसी ने बीजेपी पार्टी ज्वॉइन कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. इसके तुरंत बाद बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें जमुई से टिकट देकर अपना उमीदवार बनाया. 

पिछली बार श्रेयसी ने जमुई सीट पर राजद के विजय प्रकाश यादव को 41,049 मतों के भारी अंतर से हराकर जीत हासिल की थी. ​​इस बार उनकी लगातार दूसरी जीत ने इस क्षेत्र में BJP की उपस्थिति को और मजबूत किया है.

राजनीतिक क्षेत्र में कदम रखने से पहले श्रेयसी सिंह का एक शानदार खेल करियर था, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में 2018 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था. इसी वजह से लोग उन्हें 'गोल्डन गर्ल' के नाम से भी जानते हैं.

इसके अलावा, उन्होंने 2014 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में भी भाग लिया था और रजत पदक जीता था. वह 2013 में मेक्सिको के अकापुल्को में आयोजित ट्रैप शूटिंग विश्व कप का भी हिस्सा थीं.

बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान से पहले श्रेयसी के लिए प्रचार करने के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, "श्रेयसी देश के लिए पहले ही "गोल्ड" जीत चुकी हैं और अब जमुई में विकास का "गोल्ड" लेकर आएंगी."

समाजवादी नेता और कभी नीतीश के दोस्त रहे दिग्विजय सिंह की बेटी हैं श्रेयसी

श्रेयसी सिंह बिहार के दिग्गज नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी हैं. वही दिग्विजय सिंह, जो समता पार्टी के वक्त जॉर्ज फर्नांडिश, शरद यादव और नीतीश कुमार के साथ राजनीति कर रहे थे. JDU पार्टी बनी तो वह इस पार्टी के बड़े नेताओं में शामिल थे.

दिग्विजय 1990 में वह पहली बार राज्यसभा पहुंचे थे और चंद्रशेखर ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था. अपने 55 साल के जीवन में दिग्विजय सिंह 5 बार सांसद रहे. वे तीन बार लोकसभा (1998,1999,2009) और दो बार राज्यसभा (1990, 2004) पहुंचे.

इतना ही नहीं एनडीए के शासन काल में 1999-2004 के बीच दिग्विजय सिंह अटल बिहारी बाजपेयी के मंत्रिमंडल में मंत्री भी रह चुके थे. जार्ज फर्नाडिंस के सबसे करीबी माने जाने वाले दिग्विजय को 2009 में 15वीं लोकसभा चुनाव के वक्त उन्हें पार्टी ने टिकट नहीं दिया. इसके बावजूद दिग्विजय सिंह ने हार नहीं मानी और बिहार में जदयू की लहर होने के बाद भी बांका से लोकसभा का निर्दलीय चुनाव लड़ा और भारी मतों से चुनाव जीत गए.

इसके बाद से ही दिग्विजय सिंह की राह नीतीश कुमार से अलग हो गई. दिग्विजय सिंह की पत्नी पुतुल देवी भी बाद में लोकसभा चुनाव में बतौर निर्दलीय कैंडिडेट जीती थीं. हालांकि, 2020 में राजनाथ सिंह और जेपी नड्डा की मौजूदगी में श्रेयसी सिंह ने BJP की सदस्यता ले ली. इसके बाद उन्हें जमुई से टिकट मिला और 2020 में ही वे पहली बार विधायक बनीं.

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