scorecardresearch

कौन हैं रेखा गुप्ता और बीजेपी ने उन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री पद के लिए क्यों चुना?

पहली बार की विधायक रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं

रेखा गुप्ता
रेखा गुप्ता
अपडेटेड 20 फ़रवरी , 2025

बीजेपी ने आखिरकार 19 फरवरी को तमाम अटकलबाजियों पर विराम लगाते हुए दिल्ली के अगले मुख्यमंत्री के लिए रेखा गुप्ता के नाम पर मोहर लगा दी. यह ऐसा नाम नहीं था जो लोगों को चौंकाता और इसकी वजह सिर्फ यही थी कि रेखा गुप्ता के नाम पर पहले से सुगबुगाहट थी. 

रेखा गुप्ता भले ही पहली बार विधायक बनी हों, लेकिन राजनीति में उनका लंबा अनुभव रहा है. दिग्गज प्रवेश वर्मा सहित अन्य प्रमुख चेहरों के मुकाबले उन्हें दिल्ली का सीएम चुनकर बीजेपी कई मोर्चों पर बढ़त हासिल करने की कोशिश कर रही है. 

रेखा गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से करीब 30,000 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है. इसके बाद से वे दिल्ली  बीजेपी के उन कई नेताओं में से एक थीं जिन्हें मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे देखा जा रहा था. आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा, दिल्ली  बीजेपी महासचिव आशीष सूद, पूर्व नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, सतीश उपाध्याय और जितेंद्र महाजन भी इस पद के दावेदार थे.

आखिर कौन हैं रेखा गुप्ता

रेखा गुप्ता ने दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ (डीयूएसयू) चुनाव से राजनीति में कदम रखा. वे तीन बार पार्षद रह चुकी हैं और दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की पूर्व मेयर हैं. उन्हें 2022 में  बीजेपी ने आप की शैली ओबेरॉय के खिलाफ एमसीडी मेयर पद के उम्मीदवार के तौर पर भी खड़ा किया था. 50 वर्षीय रेखा गुप्ता बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. इससे पहले वे दिल्ली  बीजेपी की महासचिव भी रह चुकी हैं. गुप्ता ने दौलत राम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और 1996-97 डीयूएसयू की अध्यक्ष रहीं. वे पहली बार 2007 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गई थीं.

रेखा गुप्ता ने दौलत राम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और 1996-97 डीयूएसयू की अध्यक्ष रहीं
रेखा गुप्ता ने दौलत राम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और 1996-97 डीयूएसयू की अध्यक्ष रहीं

रेखा गुप्ता को दिल्ली का सीएम बनाने के पीछे बीजेपी की क्या रणनीति हो सकती है

रेखा गुप्ता को दिल्ली का सीएम बनाकर बीजेपी महिला मुख्यमंत्रियों की विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रही है और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के कार्यकाल को इस लिहाज से एक बेतरतीब दौर साबित करना चाहती है. दिल्ली ने इससे पहले तीन महिला मुख्यमंत्रियों को देखा है, जिनमें कांग्रेस की शीला दीक्षित का 15 साल का शासन भी शामिल है. 

दिल्ली की अन्य महिला सीएम आप की आतिशी और बीजेपी की सुषमा स्वराज थीं. कालकाजी से विधायक आतिशी निवर्तमान सीएम हैं, जो पांच महीने तक कुर्सी पर रहीं. सितंबर 2024 में केजरीवाल के सीएम पद से हटने के बाद उन्हें पद पर बिठाया गया. सुषमा स्वराज 12 अक्टूबर 1998 से 3 दिसंबर 1998 तक दिल्ली की सीएम रहीं. उन्हें विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी नेतृत्व ने यह जिम्मेदारी सौंपी थी हालांकि तब पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था. प्याज की बढ़ती कीमतें उन मुद्दों में से एक थीं, जिनकी वजह से बीजेपी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा (इस चुनाव से जुड़ी स्टोरी पढ़ने के लिए क्लिक करें). 

दिल्ली के सीएम : ऑक्सफोर्ड की आंदोलनकारी से दिल्ली की सीएम तक, आतिशी की कहानी

सुषमा स्वराज के बाद शीला दीक्षित आईं और केजरीवाल के 10 साल तक मुख्यमंत्री बनने से पहले उनका कार्यकाल 15 साल से ज़्यादा का समय चला. एक और महिला आतिशी ने 5 महीने के लिए सीएम का पद संभाला और अब रेखा गुप्ता उनके बाद हैं.

दिल्ली के सीएम: पंजाब की बेटी और UP की बहू शीला दीक्षित के मुख्यमंत्री बनने की कहानी 

रेखा गुप्ता को सीएम के रूप में चुनना बीजेपी के इस नैरेटिव के लिहाज से सही रणनीति है कि पार्टी की नीतियों महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है. 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा के चुनाव के लिए, बीजेपी ने नौ महिला उम्मीदवार उतारी थीं. इसमें चार ने जीत हासिल की. दिल्ली में महिलाओं ने 2025 के विधानसभा चुनावों में पुरुषों की तुलना में अधिक मतदान किया था. महिला मतदाताओं ने पुरुषों के 60.21 फीसदी के मुकाबले 60.92 फीसद मतदान किया था. महिला मतदाताओं पर निर्भर रहने वाली आप बुरी तरह हारी, जबकि बीजेपी ने 70 में से 48 सीटें जीतकर निर्णायक जीत हासिल की.

महिला वोट बैंक को लुभाने के लिए  बीजेपी ने अपने दिल्ली चुनाव घोषणापत्र में बड़े-बड़े वादे किए हैं. आप की तरह,  बीजेपी ने भी दिल्ली की महिलाओं के सामने महिला-केंद्रित योजनाओं की घोषणा की. आप ने जहां महिलाओं को 2,100 रुपये की नकद राशि देने की घोषणा की थी तो वहीं बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में ‘महिला समृद्धि योजना’ के तहत दिल्ली की महिलाओं को 2,500 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता देने की घोषणा की. इसके अलावा पार्टी ने महिलाओं के लिए चल रही कल्याणकारी योजनाओं, जैसे कि मुफ्त बस यात्रा को जारी रखने के बारे में भी पहले आश्वासन दे दिया था.  

बीजेपी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में सर्वाइकल, ब्रेस्ट और ओवरियन कैंसर की मुफ्त जांच के साथ-साथ हर गर्भवती महिला को 21,000 रुपये और छह पोषण किट देने का वादा किया है. 

दिल्ली बीजेपी के दिग्गज नेताओं जैसे प्रवेश वर्मा और रमेश बिधूड़ी पूरे चुनाव के दौरान विवादों में रहे लेकिन रेखा गुप्ता को लेकर ऐसा कोई बड़ा विवाद सामने नहीं आया. वे एक नया चेहरा भी हैं क्योंकि उन्होंने संसदीय चुनाव नहीं लड़ा है और दिल्ली के इतिहास में एक नया अध्याय लिखने के लिए एक नए चेहरे के रूप में आदर्श हैं. रेखा गुप्ता एक राजनीतिक दिग्गज हैं जो पार्टी के पदों से ऊपर उठकर तीन दशकों से  बीजेपी से जुड़ी हुई हैं. उन्हें दिल्ली का मुख्यमंत्री नामित करके बीजेपी ने न केवल एक गैर-विवादित राजनेता, बल्कि एक महिला नेता और एक नया चेहरा भी चुना है.

Advertisement
Advertisement