सोशल मीडिया पर शायद ही कोई ऐसा इंसान हो, जिसके सामने से वो क्लिप न गुजरी हो जिसमें एक ईसाई पादरी 'हेललूयाह' कहते हुए नजर आते हैं. इन क्लिपों में वो पादरी अपने 'चमत्कारिक' उपचारों से लीवर, किडनी और एड्स जैसी गंभीर बीमारियों के शिकार लोगों को एक झटके में ठीक कर देते हैं! जींस, ब्लेजर पहने और हाथ में माइक पकड़े हुए उस लंबे पादरी को भले ही लोग उनके नाम से न जानते हों, लेकिन उनके 'चमत्कार' के बाद जब 'मेरा येशु,येशु' गाने की धुन बजती है, तो वो लोगों की स्मृति में जरूर दर्ज हो जाती है.
उस पादरी का नाम बजिंदर सिंह (42) है, जिसे लाखों लोग "पैगंबर" के रूप में मानते हैं. यहां तक कि कई मशहूर हस्तियां भी उसका समर्थन करती हैं. लेकिन जैसा कि इस देश के अधिकतर मशहूर बाबाओं, मौलवियों और पादरियों के साथ होता आया है, बजिंदर सिंह भी अब यौन उत्पीड़न के आरोपों से घिर चुके हैं. 'येशु-येशु' वाले इस पादरी पर 28 फरवरी को पंजाब के कपूरथला सिटी पुलिस स्टेशन में एक 22 वर्षीय महिला की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया.
सिंह पर कथित यौन उत्पीड़न, पीछा करने और आपराधिक धमकी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. महिला का दावा है कि जब वह 16-17 साल की थी, तब उसने पहली बार चर्च जाना शुरू किया था और फिर सालों तक उसका यौन उत्पीड़न किया गया. अपनी शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि बजिंदर सिंह ने 2020 से कई मौकों पर उसे गलत तरीके से छुआ, और अनुचित संदेश भी भेजे थे.
पीड़िता ने बताया कि वह और उसके माता-पिता 2017 से सिंह द्वारा स्थापित चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम में जा रहे थे और वह 2020-22 तक उनकी 'पूजा' टीम का हिस्सा रही थी. इस दौरान सिंह ने उसका फोन नंबर ले लिया और उसे मैसेज भेजने शुरू कर दिए.
महिला ने अपनी शिकायत में कहा, "फोन पर मुझसे बात करते समय वह अवांछित और अश्लील बातें करता था, जिसका मैं हमेशा विरोध करती थी. 2022 में मैं हर रविवार को उसके समागम में जाती थी, जहां वह मुझे अकेले उसके केबिन में रुकने के लिए बोलता था और मुझे गलत तरीके से छूता था." महिला ने यह भी दावा किया कि जब वह कॉलेज जाती थी तो बजिंदर सिंह उसका पीछा करते थे.
महिला ने यह भी आरोप लगाया कि सिंह अफीम के व्यापार में संलिप्त हैं और वेश्यालयों में "लड़कियों को बेचता" है. हालांकि, बजिंदर ने उस महिला के यौन उत्पीड़न के आरोपों का खंडन किया है. 2 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने ऊपर लगे इन आरोपों को "झूठा" और "बेबुनियाद" बताते हुए खारिज कर दिया. सिंह ने दावा किया कि पीड़िता के सारे सबूत, जिनमें चैट लॉग भी शामिल हैं, गढ़े गए हैं. जालंधर में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने महिला को "बेटी" समान बताया और कहा, "हमारा काम उसके लिए प्रार्थना करना है."
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब बजिंदर सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं. 2018 में भी सिंह पर बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था, जिसमें पीड़िता ने आरोप लगाया कि सिंह ने चंडीगढ़ के सेक्टर-63 में अपने घर पर उसके साथ बलात्कार किया और उसका वीडियो भी रिकॉर्ड किया. इसके अलावा, धोखाधड़ी के आरोप सामने आने के बाद आयकर विभाग ने भी बजिंदर के चर्च को निशाना बनाया था, जब भक्तों ने सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने पैसे लेकर जो 'चमत्कार' करने का वादा किया था, वह सब झूठा निकला.
आखिर कौन हैं बजिंदर सिंह?
42 साल के पादरी बजिंदर सिंह, चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम के संस्थापक और प्रमुख हैं. सिंह की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, उनके चर्च जालंधर और न्यू चंडीगढ़ में हैं. 2016 में चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम की स्थापना के बाद से ही बजिंदर ने पंजाब और उसके बाहर के फॉलोवर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
सोशल मीडिया हैंडल पर ईसाई पैगम्बर कहे जाने वाले बजिंदर को उनके अनुयायियों के बीच "करिश्माई मौजूदगी" के लिए जाना जाता है. ये करिश्माई उपस्थिति पूरे इंटरनेट पर है, जहां कई वायरल वीडियो में उन्हें पंजाब में सत्संग (धार्मिक समागम) आयोजित करते हुए दिखाया गया है. इन क्लिपों में अक्सर नाटकीय उपचार और उनकी प्रशंसा से ओवरलोडेड वीडियो दिखाए जाते हैं.
सोशल मीडिया पर उन्होंने बहुत बड़ी संख्या में फॉलोवर्स इकट्ठे किए हैं. उनके 'पैगंबर बजिंदर सिंह' नाम के यूट्यूब चैनल पर 37.40 लाख सब्सक्राइबर हैं. फेसबुक पर उनके 10 लाख फॉलोअर्स हैं, जबकि उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर लगभग 11 लाख फॉलोअर हैं. उनके उपदेशों या "हीलिंग टच" की रीलें अक्सर वायरल होती रहती हैं, जिनमें बैकग्राउंड में "मेरा येशु येशु" बजता रहता है.
बजिंदर और उनके चर्च ने न सिर्फ ऑनलाइन अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई है, बल्कि पंजाब के बाहर भी सत्संगों का आयोजन किया है. इससे लाखों अनुयायी इन आयोजनों में बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं. इस साल जनवरी में, बजिंदर की पुनरुद्धार सत्संग झारखंड के गुमला में हुआ.
हालांकि सिंह काफी लोकप्रिय रहे हैं, लेकिन उनका चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम, प्रोटेस्टेंट, कैथोलिक या पेंटेकोस्टल चर्च जैसे किसी भी प्रमुख ईसाई संप्रदाय से जुड़ा नहीं है. इसके बजाय सिंह का संगठन एक गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के रूप में काम करता है, जो अपने चर्चों के जरिए धर्मार्थ सेवाएं प्रदान करने का दावा करता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश-विदेश में उनके चर्च की 260 से ज्यादा शाखाएं हैं, जिनमें ज्यादातर फॉलोवर्स गरीब और वंचित तबके से हैं.
पादरी बजिंदर सिंह कैसे बने 'पैगंबर'
बजिन्दर सिंह की आधिकारिक वेबसाइट पर कहा गया है कि उनकी जिंदगी छोटी उम्र से ही हिंसा और यातनाओं से भरी रही. हिंसक लड़ाई के बाद 1.5 साल तक "जेल" में रहने के कारण वह अवसाद और अकेलेपन से जूझता रहे. कई देवताओं को पुकारने के बाद भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. लेकिन तब जेल में ही उन्हें एक पादरी मिले, जिन्होंने सिंह को एक बाइबिल सौंपी.
उन्हें इससे "काफी फायदा पहुंचा." अपनी रिहाई के बाद सिंह ने दावा किया कि वे चमत्कारिक रूप से ठीक हो गए हैं. उपवास और प्रार्थना में खुद को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि गॉड प्रकट हुए और उन्हें माफ कर दिया. वेबसाइट पर कहा गया है कि उनका मानना है कि इस क्षण ने उन्हें एक "पैगंबर" में बदल दिया, जिसके कारण एक ऐसा विभाग स्थापित हुआ जिसके कम से कम लाखों अनुयायी हैं.
अरबाज खान, जया प्रदा, रजा मुराद और तुषार कपूर जैसी मशहूर हस्तियों के साथ फोटो खिंचवा चुके बजिंदर सिंह को पिछले कुछ सालों में चंकी पांडे और आदित्य पंचोली सहित कई अभिनेताओं से भी सराहना मिली है. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कई उम्मीदवार और नेता बजिंदर की सभाओं में शामिल हुए और वोट मांगे.
बजिंदर सिंह से जुड़े विवाद और आरोप
इंटरनेट पर बजिंदर के चमत्कारिक कारनामों ने लंबे समय तक लोगों को चौंकाया है, कई लोगों ने उन पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने, लोगों की मूर्खता का फायदा उठाने और धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है. इसके अलावा, उन्हें कानूनी परेशानियों का भी सामना करना पड़ा है.
ताजा मामले में बजिंदर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354-ए (यौन उत्पीड़न), 354-डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जब वह 17 साल की थी, तब से सिंह ने उसके साथ गलत हरकतें की, उसे अनुचित तरीके से छुआ और यहां तक कि उस पर शादी करने का दबाव भी डाला, जबकि वह पहले से ही विवाहित थी.
उस महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है. इधर राज्य महिला आयोग ने भी सिंह से जवाब मांगा है, और मोहाली की एक अदालत ने 2018 में बलात्कार के एक अन्य मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है.
समाचार रिपोर्टों से पता चलता है कि बजिंदर सिंह विवाहित हैं और उनके तीन बच्चे हैं. सिंह ने यौन उत्पीड़न और पीछा करने के आरोपों का जोरदार खंडन करते हुए दावा किया है कि ये उनके खिलाफ एक साजिश का हिस्सा है. हालांकि मौजूदा आरोप बड़ा और गंभीर है, लेकिन बजिंदर सिंह पर सिर्फ छेड़छाड़ के ही नहीं, बल्कि हत्या और मारपीट के आरोप भी लग चुके हैं.
2014 में, हरियाणा के करनाल में धार्मिक कलह को बढ़ावा देने के आरोप में बजिंदर पर भारतीय दंड संहिता की धारा 295-ए के तहत मामला दर्ज किया गया था. उनके आपराधिक रिकॉर्ड में हरियाणा के यमुनानगर में 2006 से मारपीट और धमकी देने के आरोप भी शामिल हैं.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में सिंह को लंदन जाने वाली फ्लाइट में सवार होने के दौरान दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था, जहां वह एक हीलिंग इवेंट में भाग लेने के लिए जाने वाले थे.
उन्हें एक बलात्कार मामले में गिरफ्तार किया गया था. पीड़िता ने आरोप लगाया कि बजिंदर ने चंडीगढ़ के सेक्टर-63 में अपने घर पर उसका यौन शोषण किया और इस कृत्य को रिकॉर्ड किया. पीड़िता ने दावा किया कि बाद में सिंह ने धमकी दी कि अगर उसने घटना की रिपोर्ट की या उनकी मांगों को पूरा करने से इनकार कर दिया तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल देगा. हालांकि उस साल बाद में उसे जमानत मिल गई, लेकिन मामला अभी भी लंबित है. और इसी मामले में मोहाली कोर्ट ने सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया है.
पादरी बनने से पहले हत्या के आरोप में जेल
करीबी सहयोगियों के अनुसार, सिंह हरियाणा के यमुनानगर के एक जाट परिवार से आते हैं और एक दशक से भी अधिक समय पहले जब वह एक कथित हत्या के मामले में जेल में थे, तब उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था.
धार्मिक जीवन शुरू करने से पहले बजिंदर कथित तौर पर एक हत्या के मामले में शामिल थे, जिसके कारण 2008 में उन्हें जेल हुई थी. जेल में रहने के दौरान ही उनकी मुलाकात एक ईसाई पादरी से हुई. यह एक ऐसा अनुभव रहा, जिसने अंततः सिंह के धर्म परिवर्तन का रास्ता तैयार किया.
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में बजिंदर सिंह को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की जांच का सामना करना पड़ा, जिसमें उन पर बच्चों को धर्मांतरण में शामिल करने का आरोप लगाया गया था.
2023 में आयकर विभाग ने कथित वित्तीय अनियमितताओं और धोखाधड़ी की चल रही जांच के तहत जालंधर और मोहाली में बजिंदर के चर्च और आवास पर छापा मारा. उनके विभाग पर "चमत्कारी उपचार" की पेशकश के बहाने बड़ी रकम इकट्ठा करने के आरोप भी लगे हैं. 2022 में उन पर दिल्ली के एक परिवार ने उनकी बेटी के इलाज के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया, जिसकी अंततः कैंसर से मृत्यु हो गई.
तो यह कहानी है बजिंदर सिंह की, जो वायरल "मेरा येशु येशु" रीलों के लिए मशहूर प्रचारक हैं, जिन्हें जेल में बाइबिल सौंपे जाने के बाद ईसा मसीह मिले. लेकिन यह कहानी विवादों से भरी हुई है और कानून से भी जुड़ी हुई है.