उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए कम से कम 2.5 लाख करोड़ रुपए के निवेश का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. 8 और 9 दिसंबर, 2023 को होने जा रहे इस इन्वेस्टर्स समिट का कर्टेन रेजर कार्यक्रम 14 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित किया गया. इस समिट में अधिक से अधिक कंपनियों को शामिल करने के लिए धामी सरकार ने 11 रोड शो करने की योजना बनाई है. इनमें से तीन रोड शो देश के बाहर लंदन, सिंगापुर और दुबई में होंगे. पहला अंतरराष्ट्रीय रोड शो 25 सितंबर से 28 सितंबर तक लंदन में होगा. मुख्यमंत्री धामी खुद इसमें शामिल होकर निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश करेंगे.
'पीस टू प्रॉस्पेरिटी' यानी 'शांति से समृद्धि' की थीम पर आयोजित हो रहे इस सम्मेलन के कर्टेन रेजर कार्यक्रम में ही उत्तराखंड को निवेश के कुछ बड़े प्रस्ताव मिले. आईटीसी ने 5000 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार को दिया. वहीं महिन्द्रा हॉलीडेज एंड रिसोर्ट इंडिया लिमिटेड के साथ 1000 करोड़ रुपए और ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ रुपए के निवेश के लिए सरकार ने सहमति पत्र पर दस्तखत किए. महिंद्रा हॉलीडेज ऐंड रिसोर्ट इंडिया लिमिटेड उत्तराखण्ड में अगले तीन महीने में ही 1,000 करोड़ रुपए का निवेश करने वाली है. कंपनी ने अब तक किसी राज्य में इतना बड़ा निवेश नहीं किया है.
इन समझौतों के बाद जब मुख्यमंत्री धामी के बोलने की बारी आई तो उन्होंने इन निवेश प्रस्तावों पर उत्साह दिखाते हुए कहा कि उनका लक्ष्य यह है कि सम्मेलन होने के पहले ही उत्तराखंड को 25,000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिल जाएं. उन्होंने ये भी कहा कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को हासिल करने के पास पहुंच गई है.
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर एक और बड़े लक्ष्य की घोषणा की. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अगले पांच साल में उत्तराखंड की जीएसडीपी (राज्य का सकल घरेलू उत्पाद) को दोगुना करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है. 2023-24 वित्त वर्ष के लिए प्रदेश सरकार ने मार्च में जो बजट विधानसभा में पेश किया था, उसमें यह अनुमान लगाया गया था कि चालू वित्त वर्ष में प्रदेश की जीएसडीपी 3.33 लाख करोड़ रुपए की रहेगी. मुख्यमंत्री ने इसे दोगुना यानी 6.66 लाख करोड़ रुपए करने का लक्ष्य अगले पांच सालों में रखा है.
उत्तराखंड में निवेश के फायदों को गिनाते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, "उत्तराखंड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है जहां उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं हैं. राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है. उत्तराखंड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असंतोष की घटनाएं के बराबर हैं. यहां विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन के साथ सरकार काम कर रही है. राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिये विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है. इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023 आदि शामिल हैं."
प्रदेश में ईज आफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने की कोशिशों के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 1,200 से अधिक ऐसे अधिनियमों की पहचान की गई है, जो वर्तमान में अनुपयोगी हैं और इनमें से लगभग 500 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से समाप्त किया जा रहा है. पुष्कर सिंह धामी ने एक और महत्वपूर्ण जानकारी यह दी कि उत्तराखंड में वर्तमान में लगभग 6,000 एकड़ का लैंड बैंक बनाया गया है और उद्योगों की स्थापना के लिए इसका इस्तेमाल किया जाएगा.
प्रदेश के मुख्य सचिव एसएस संधु ने बेहतर कनेक्टिविटी का हवाला देकर बताया कि उत्तराखंड में निवेश करना क्यों आकर्षक है. उन्होंने बताया, "दिल्ली-एनसीआर के नजदीक होने के नाते बेहतर सड़क सुविधाओं के विकास से दिल्ली से उत्तराखंड की दूरी शीघ्र ही ढाई घंटे में पूरी होने लगेगी. हरिद्वार, कोटद्वार, रूद्रपुर, काशीपुर, टनकपुर के लिए भी सड़क सुविधाओं के विकास से यहां की दूरी भी कम समय में तय हो सकेगी. पर्यावरण की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड उद्योगों के अनुकूल है. हमारे प्रदेश में पानी का कोई विवाद नहीं है. बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है." उत्तराखंड सरकार ने बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए 12 क्षेत्रों की पहचान की है.

