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उत्तर प्रदेश : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को क्यों पसंद हैं IAS मनोज कुमार सिंह?

यूपी सरकार ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को एक वर्ष का सेवा विस्तार देने का अनुरोध पत्र केंद्र सरकार को भेजा. इसके साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय में सचिव अमित सिंह की प्रतिनियुक्ति‍ दो वर्ष के लिए बढ़ा दी गई है

यूपी सरकार ने मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह
अपडेटेड 18 जुलाई , 2025

उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के सेवा विस्तार की मांग की है. वे 31 जुलाई को रिटायर होने वाले हैं. 1988 बैच के आईएएस अधिकारी सिंह को दुर्गा शंकर मिश्र के ढाई साल का सेवा विस्तार पाकर सेवानिवृत्त होने के बाद 30 जून, 2024 को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था. 

अभी मनोज कुमार सिंह यूपी की नौकरशाही में सबसे वरिष्ठ हैं और उनके पास औद्योगिक और अवस्थापना विकास आयुक्त, पीआईसीयूपी के अध्यक्ष, यूपीईडा के सीईओ, यूपी राज्य राजमार्ग प्राधिकरण के सीईओ, अपर मुख्य सचिव (एसीएस) समन्वय और यूपी विविध कृषि सहायता परियोजना के परियोजना निदेशक जैसी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां हैं. 

अपने अनुरोध के समर्थन में, सरकार ने प्रमुख परियोजनाओं में सिंह की भागीदारी का उल्लेख किया है जिसमें ‘जीरो पॉवर्टी कार्यक्रम’ शामिल है, जिसका नेतृत्व मुख्य सचिव कर रहे हैं. इसके अलावा, पत्र में उल्लेख किया गया है कि इस साल के अंत तक एक वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन और एक ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह होने वाला है, जिसके लिए सिंह की उपस्थिति महत्वपूर्ण होगी, मनोज कुमार सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में नगर विकास, पंचायती राज, ग्राम विकास विभाग और कृषि उत्पादन आयुक्त जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं. वे सीएम योगी आदित्यनाथ के काफी भरोसेमंद अधिकारी माने जाते हैं.

राज्य में शीर्ष स्तर पर होने वाला बहुप्रतीक्षित नौकरशाही फेरबदल मनोज कुमार सिंह के सेवा विस्तार पर केंद्र के फैसले पर निर्भर करेगा. अगर सेवा विस्तार को मंजूरी नहीं मिलती है, तो 1989 बैच के आईएएस अधिकारी इस पद की दौड़ में शामिल हो सकते हैं, जिनमें एस. पी. गोयल (मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव) और देवेश चतुर्वेदी (कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय में सचिव) शामिल हैं. 

1989 बैच के आईएएस अधिकारी एस. पी. गोयल वर्तमान में मुख्यमंत्री कार्यालय, नागरिक उड्डयन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और अतिरिक्त स्थानिक आयुक्त, यूपी हैं, और उसी बैच के देवेश चतुर्वेदी, जो वर्तमान में कृषि और किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार के सचिव के रूप में प्रतिनियुक्ति पर हैं. गोयल दो साल में सेवानिवृत्त होने वाले हैं जबकि चतुर्वेदी अगले साल सेवानिवृत्त होंगे. 

एक अन्य अधिकारी जिनका नाम चर्चा में हैं, वे हैं 1990 बैच के दीपक कुमार जो अभी कृषि उत्पादन आयुक्त समेत कई अन्य महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. हालां‍कि पिछले कुछ दिनों में जिस तरह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच नजदीकियां बढ़ी हैं, उससे मनोज कुमार सिंह को सेवा-विस्तार मिलने की संभावना अधिक बताई जा रही है. 

मनोज कुमार सिंह कई बार भाजपा सरकार के मंत्रियों व विधायकों के निशाने पर भी आ चुके हैं. हाल में ही औद्योगिक विकास विभाग के कैबि‍नेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर अफसरशाही पर निर्देश न मानने का आरोप लगाया था. माना जा रहा है कि इन अफसरों में मनोज कुमार सिंह भी शामिल थे. इससे पहले लोनी से भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने भी नोएडा में आद्योगिक विकास विभाग के अधिकारियों पर मनमानी करने का आरोप लगाया था. 

मनोज कुमार सिंह पर कैसे जमा योगी का भरोसा

कोरोना के दौरान लाकडाउन की घोषणा होने के फौरन बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आने वाली चुनौतियों से निबटने के लिए अधिकारियों की एक टीम बना दी थी. ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सेनेटाइजेशन और पेयजल की व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए तैयार टीम में ग्रामीण विकास और पंचायती राज के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह शामिल थे. 

मनोज के सामने सबसे पहली चुनौती यूपी की 58808 ग्राम पंचायतों और 652 नगरीय निकाय में सेनेटाइजेशन के साथ सफाई और पेयजल व्यवस्था को मॉडल बनाने में बड़ी भूमिका निभाई थी. इससे सिंह योगी की नजरों में चढ़े. मुख्यमंत्री ने इन्हें कृषि उत्पादन आयुक्त और औद्योगिक विकास आयुक्त जैसी जिम्मेदारियां सौंपी. 

दो साल और यूपी में रहेंगे अमित सिंह 

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को सेवा विस्तार मिलने की अटकलों के बीच भारतीय रेलवे भंडार सेवा (आईआरएसएस) अधिकारी अमित सिंह की प्रतिनियुक्ति 31 मार्च, 2027 तक बढ़ा दी गई है. वे अभी  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सचिव के रूप में कार्यरत हैं.

इस घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश के राजनीतिक और नौकरशाही हलकों में हलचल मचा दी है क्योंकि मुख्यमंत्री के सचिव का विस्तारित कार्यकाल फरवरी-मार्च 2027 में होने वाले अगले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के साथ मेल खाएगा. यानी अमित सिंह वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री कार्यालय में रह सकते हैं.  49 वर्षीय अमित सिंह 2000 बैच के आईआरएसएस अधिकारी हैं. 

2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद आदित्यनाथ ने उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष सचिव के रूप में नियुक्त किया था. मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने नौकरशाही में जो शुरुआती नियुक्तियां की थीं, वे उसका हिस्सा थे. पिछले आठ साल में, राज्य की नौकरशाही में सबसे प्रतिष्ठित पदों में से एक में, सिंह को सचिव के पद पर पदोन्नत किया गया और वे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से एक बन गए, जिन्होंने दावोस में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) सहित कई प्रमुख मंचों पर उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया. 

अमित सिंह पहली बार आदित्यनाथ के करीब तब आए जब वे गोरखपुर स्थित पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) मुख्यालय में कार्यरत थे, जो आदित्यनाथ का गृह क्षेत्र है. सिंह ने अगस्त 2016 तक एनईआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) के साथ-साथ तत्कालीन महाप्रबंधक के सचिव के रूप में भी कार्य किया था. बाद में, सिंह को लखनऊ में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी के रूप में विदेश मंत्रालय में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया. उन्होंने इस पद पर बमुश्किल कुछ महीने ही काम किया था कि अप्रैल 2017 में, आदित्यनाथ के यूपी सरकार की कमान संभालने के एक महीने बाद, उन्हें सीएम कार्यालय (सीएमओ) में शामिल कर लिया गया. 

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कालीकट से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने आईआईटी, मुंबई से एम.टेक किया. अमित सिंह चुपचाप अपने काम करने की स्टाइल के लिए जाने जाते हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय में, उनकी ज़िम्मेदारियों में उद्योग और बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित मामले शामिल हैं, जिनमें एक्सप्रेस-वे, मेट्रो, हवाई अड्डे, औद्योगिक नीति, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, और पर्यटन शामिल हैं. 

पिछले साल, जब यूपी सरकार ने वैश्विक निवेश के अवसरों की तलाश के लिए विश्व आर्थिक मंच में अपनी शुरुआत की थी, तब अमित सिंह दावोस गए सरकारी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. इस साल की शुरुआत में, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में राज्य के प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में, उन्होंने फिर से विश्व आर्थिक मंच का दौरा किया था. 

राजनीति‍क विश्लेषक मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और सचिव अमित सिंह को शासन में बनाए रखने के पीछे योगी सरकार की एक रणनीति देखते हैं. लखनऊ के जय नारायण डिग्री कालेज में राजनीतिक शास्त्र विभाग के प्रमुख ब्रजेश मिश्र बताते हैं, “मनोज कुमार सिंह जिन विभागों की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं उनमें से ज्यादातर विभाग मुख्यमंत्री कार्यालय में बतौर सचिव अमित सिंह के पास हैं. ऐसे में ये दोनों आधिकारी यूपी में वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले यूपी में औद्योगि‍क विकास, गरीबी उन्मूलन और कई अन्य विकास योजनाओं को गति देने के लिहाज से महत्वपूर्ण हैं.”

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