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उत्तर प्रदेश: इमरजेंसी वार्ड में सोता रहा डॉक्टर; तड़प-तड़प कर मरीज की हो गई मौत!

मेरठ के एक अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक डॉक्टर सो रहा था, जब यहां इलाज के अभाव में एक घायल मरीज की मौत हो गई

इमरजेंसी वार्ड में सोता रहा डॉक्टर और तड़पकर मरीज की हुई मौत
इमरजेंसी वार्ड में सोता रहा डॉक्टर और तड़पकर मरीज की हुई मौत
अपडेटेड 30 जुलाई , 2025

उत्तर प्रदेश के मेरठ से डॉक्टर की हद लापरवाही का एक मामला सामने आया है, जहां इलाज न मिलने से एक मरीज की कथित तौर पर मौत हो गई.

सोशल मीडिया पर मेरठ के लाला लाजपत राय मेमोरियल (LLRM) मेडिकल कॉलेज का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक जूनियर डॉक्टर इमरजेंसी वार्ड के अंदर मेज पर पैर रखकर सोता हुआ दिखाई दे रहा है, जबकि खून से लथपथ एक घायल मरीज पास में ही स्ट्रेचर पर लावारिस पड़ा है.

27-28 जुलाई की देर रात हुई इस घटना की खबर सामने आते ही लोगों में व्यापक आक्रोश फैल गया है. इस घटना ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पतालों में से एक LLRM में आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था और देखभाल की स्थिति को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी है.

मृत मरीज की पहचान हसनपुर गांव निवासी सुनील के रूप में हुई है. उसके परिवार के मुताबिक, सुनील सड़क पार करते समय एक अज्ञात वाहन की चपेट में आ गया और गंभीर रूप से घायल हो गया. उसे LLRM मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन विभाग में ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों के सो जाने के कारण उसका इलाज समय पर नहीं हो पाया. उसके परिवार का दावा है कि सुनील के साथ एक "लावारिस मरीज" की तरह व्यवहार किया गया और सही इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई.

वीडियो वायरल होने के बाद लोगों के गुस्से को देखते हुए कॉलेज प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई की है. LLRM मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आरसी गुप्ता ने दो जूनियर डॉक्टरों निलंबित किया है. इनमें ऑर्थोपेडिक्स विभाग के डॉ. भूपेश कुमार राय और डॉ. अनिकेत शामिल हैं. ये दोनों डॉक्टर घटना के समय ड्यूटी पर थे.

डॉ. गुप्ता ने कहा, "एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया गया कि एक दुर्घटना में घायल मरीज आपातकालीन वार्ड में मदद मांग रहा था, जबकि जूनियर डॉक्टर सो रहे थे. मामले पर तत्काल संज्ञान लेते हुए, दोनों डॉक्टरों को निलंबित कर दिया गया है और तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है. समिति तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी."

कॉलेज ने इस अनुशासनात्मक कार्रवाई की पुष्टि करते हुए एक औपचारिक नोटिफिकेशन भी जारी किया है. यह घटना आपातकालीन विभाग के प्लास्टर रूम में रात करीब 1 बजे हुई. इस घटना से सोशल मीडिया पर लोगों में गुस्सा भड़क उठा है और यूजर्स जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. साथ ही लोग सरकारी अस्पतालों के आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा में व्यवस्थागत सुधार की मांग कर रहे हैं.

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