बेंगलुरु में पीने योग्य पानी का लगभग 28 फीसदी हिस्सा लीकेज यानी रिसाव और अवैध कनेक्शनों की वजह से बर्बाद हो जाता है. इस समस्या को ठीक करने के लिए शहर की पानी सप्लाई करने वाली संस्था बेंगलुरु जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड (BWSSB) ने नवंबर में एक नई पहल शुरू की.
इसके लिए पूरे शहर के 16 डिविजनों में विशेष टीमें बनाई गईं. मकसद था भूमिगत पाइपलाइनों की सही जांच करना. लेकिन तकनीक को और बेहतर बनाने के लिए BWSSB ने पाइपों के अंदर रोबोट भेजने शुरू किए. ये रोबोट रिसाव की सटीक जगह पता लगाते हैं और साथ ही पूरे पाइप नेटवर्क का डिजिटल नक्शा भी बनाते हैं. BWSSB के अनुसार, अवैध कनेक्शनों के अलावा मुख्य समस्याएं हैं – पाइपों में रुकावट, अंदर जमा गंदगी (एनक्रस्टेशन), पानी का दूषित होना, संरचनात्मक क्षति और पाइपों में दरारें.
BWSSB के चेयरमैन राम प्रसाथ मनोहर 19 नवंबर को बताया था, “पहले पानी के दूषित होने का पता लगाने के लिए हमें कई जगहों पर सड़क खोदनी पड़ती थी.” उस दिन नई टीमों का नाम ‘ब्लू फोर्स’ रखकर औपचारिक रूप से रोबोटिक तकनीक लॉन्च की गई. रोबोट और AI वाली इस तकनीक के लिए BWSSB ने रोबोटिक्स कंपनी सोलिनास इंटीग्रिटी के साथ समझौता किया है. मनोहर बताते हैं, “रोबोट सिस्टम पाइपों की जांच करेगा और सही समस्या की जगह बताएगा. सड़क सिर्फ वहीं खोदी जाएगी जहां मरम्मत जरूरी हो.”
इससे ज्यादातर समस्याओं को 24 घंटे के अंदर सुलझाया जा सकेगा. ये जांच करने वाले रोबोट दरअसल पाइप के अंदर चलने वाले क्रॉलर हैं जो लेजर से पाइप की मजबूती जांचते हैं और हाई डेफिनिशन कैमरे से अंदर की तस्वीरें लेते हैं. BWSSB के अनुसार, पिछले एक महीने में रोबोटिक जांच की वजह से बार-बार ट्रायल के लिए सड़क खोदने और लंबे समय तक सड़क बंद करने से बचा गया है.
बेंगलुरु में भूमिगत पाइपों के रखरखाव के लिए सड़क काटना हमेशा की समस्या है. इसके अलावा सड़क को वापस ठीक करने में भी बहुत देरी होती है क्योंकि इसके लिए कई सरकारी विभागों का तालमेल चाहिए. 12 नवंबर से रोबोटिक जांच शुरू होने के बाद BWSSB का कहना है कि रिपोर्ट की गई समस्याओं की संख्या बढ़ गई है क्योंकि फील्ड इंजीनियर अब भूमिगत समस्याओं को ज्यादा अच्छे से पता लगा पा रहे हैं.
इस दौरान कुल 75 शिकायतों में से 67 का समाधान कर दिया गया. BWSSB की टीमों ने 93 से ज्यादा समस्याएं पकड़ीं – जैसे रुकावटें, संरचनात्मक खराबी और अंदर की क्षति – जिन्हें ठीक करने के लिए पहले बड़ी खुदाई करनी पड़ती. BWSSB ने 16 नवंबर को अपडेट में कहा, “समस्या की सटीक प्रकृति और जगह पता करने से 38 जगहों पर बार-बार सड़क काटने और बेकार की खुदाई से बच गए.”
अब BWSSB पूरे शहर के ज्यादा जोनों में रोबोटिक जांच का इस्तेमाल बढ़ाने की योजना बना रहा है. इससे शिकायतों का समाधान जल्दी होगा, खर्च कम आएगा और सड़कों पर कम परेशानी होगी.
- अजय सुकुमारन

