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राजस्थान के इतिहास की सबसे बड़ी वोटर छंटनी; क्यों कटे लाखों नाम?

राजस्थान में SIR के दौरान सबसे ज्यादा नाम जयपुर से जिले से काटे गए हैं

पुदुचेरी में हजारों वोटर्स के नाम कटे
राजस्थान में 12 जिले ऐसे हैं जहां एक-एक लाख नाम वोटर लिस्ट से काटे गए हैं
अपडेटेड 17 दिसंबर , 2025

राजस्थान में करीब 42 लाख वोटर्स मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण की भेंट चढ़ गए हैं. बिहार की तर्ज पर राजस्थान में हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के पहले चरण में 41.83 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए हैं. 

सबसे ज्यादा 29 लाख यानी, 5.43 फीसदी मतदाताओं के नाम स्थायी रूप से जगह बदलने और  SIR प्रक्रिया में अनुपस्थिति रहने जैसे कारणों से हटाए गए हैं जबकि 8.75 लाख मतदाताओं को मृत मानकर उनके नाम हटाए गए हैं.  राजस्थान में 3.44 लाख मतदाता ऐसे भी मिले हैं जिन्हें दो जगहों पर नाम होने के कारण मतदाता सूचियों से हटाया गया है. SIR अभियान के दौरान प्रदेश में करीब 11 लाख मतदाता ऐसे हैं, जिनकी मैपिंग नहीं हो पाई. 

अब इन मतदाताओं को एसडीएम स्तर से नोटिस जारी किए जाएंगे. ये वो मतदाता हैं जिनके नाम पिछली SIR प्रक्रिया में शामिल नहीं थे या जो उस समय अपने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके थे.  नोटिस मिलने के बाद संबंधित मतदाता आवश्यक प्रमाण पत्र जमा कराकर अपना नाम फिर से मतदाता सूची में जुड़वा सकेंगे. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन का कहना है, '' जिनके नाम हटे हैं अब उन्हें कोई नोटिस नहीं दिया जाएगा. अगर उन्हें आपत्ति है तो 17 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक दावा और आपत्ति पेश कर अपना नाम जुड़वा सकते हैं.''  

SIR अभियान का मुख्य उदे्श्य ये है कि कोई भी योग्य व्यक्ति मतदाता सूची से न छूटे और कोई भी अयोग्य व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न हो.  अनुपस्थित मतदाताओं के संबंध में निर्वाचन आयोग की ओर से यह कहा गया है कि BLO जब उनके निवास पर पहुंचे तो या तो वे मिले नहीं अथवा उनके SIR आवेदन प्राप्त नहीं हुए.  उन्होंने 11 दिसंबर तक की समय सीमा में अपने डॉक्यूमेंट भी जमा नहीं कराए.

प्रदेश में 12 जिले ऐसे हैं जहां एक लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. जयपुर जिले में सबसे ज्यादा 5 लाख 36 हजार मतदाताओं के नाम काटे गए हैं. इसके बाद जोधपुर में दो लाख 57 हजार और उदयपुर में 1.95 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. 

राजस्थान में 5 करोड़ 46 लाख 56 हजार 215 मतदाताओं में से 5 करोड़ 4 लाख 71 हजार 396 मतदाताओं ने अपने डॉक्यूमेंट जमा कराए हैं. यानी, प्रदेश में 7.66 फीसदी मतदाता SIR अभियान के कारण मतदाता सूचियों से बाहर हो गए हैं.  प्रदेश के 12 जिले ऐसे हैं जहां एक लाख से ज्यादा मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं. राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा 5.36 लाख और जैसलमेर में सबसे कम 23 हजार मतदाताओं के नाम काटे गए हैं. 

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधानसभा क्षेत्र सरदारपुरा और भीलवाड़ा में कुल मतदाताओं के अनुपात में सर्वाधिक नाम हटाए गए हैं. भीलवाड़ा में 62 हजार 927 मतदाता और सरदारपुरा में 56 हजार 809 मतदाताओं के नाम काटे गए हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र सांगानेर, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी के निर्वाचन क्षेत्र विद्याधर नगर भी नाम काटे जाने वाले टॉप-10 विधानसभा क्षेत्रों में शामिल हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र सांगानेर में 61 हजार 674 मतदाताओं को बाहर किया गया है. 

ऐसा नहीं है कि राजस्थान में पहली बार मतदाताओं के नाम काटे गए हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण कार्यक्रम चला था जिसमें 10 लाख से ज्यादा मतदाओं के नाम हटाए गए थे वहीं 2023 के चुनाव से पूर्व भी करीब 18 लाख मतदाताओं के नाम हटे थे. 

लाखों मतदाताओं के नाम कटने पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा कहते हैं,'' राजस्थान में 41.85 लाख मतदाताओं का नाम काटना कोई सुधार की प्रक्रिया नहीं बल्कि वोट चोरी की सुनियोजित राजनीतिक साजिश है. चुनाव आयोग और भाजपा की मिलीभगत से चल रहा SIR अभियान भारत की जनता के अधिकारों की चोरी है. भाजपा को जिससे हारने का डर था, उन सबके नाम मतदाता सूची से काट दिए गए हैं.''

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