कुछ ही दिनों बाद दो अक्टूबर आने वाला है. पिछले साल गांधी जयंती पर ही प्रशांत किशोर ने जन सुराज अभियान को इसी नाम से पार्टी में बदल दिया था. इसके बाद औपचारिक रूप से तय हो गया था वे बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने वाले हैं.
पदयात्रा से अपनी राजनीति शुरू कर पलायन, रोजगार और शिक्षा जैसे मुद्दों को प्रशांत किशोर यानी पीके ने जोर-शोर से उठाया. विधानसभा चुनाव की सभाओं में भी वे इन्हीं मुद्दों पर विरोधियों को निशाने पर भी लेते रहे. हालांकि पार्टी की पहली वर्षगांठ से पहले जुन सुराज आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा मुद्दा बनाते हुए लग रही है.
इसकी झलक जन सुराज पार्टी के महामंत्री किशोर कुमार मुन्ना के इस बयान में मिलती है, “पिछले कुछ दिनों से हमारे पास बिहार के मंत्रियों और अफसरों के घोटालों के दस्तावेज लगातार पहुंच रहे हैं. राज्य का कोई ऐसा मंत्री या बड़ा अधिकारी नहीं है, जिसके दस्तावेज लोगों ने हमारे पास नहीं भेजे हैं. दरअसल लोगों को अब लगने लगा है कि सिर्फ जन सुराज ही ऐसी पार्टी है, जो इन मुद्दों को न सिर्फ उठाता है, बल्कि उसे अंतिम अंजाम तक ले जाता है.”
पार्टी अब तक नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार के चार मंत्रियों के कथित भ्रष्टाचार के सबूत सार्वजनिक कर चुकी है. इंडिया टुडे से बातचीत में मुन्ना आगे कहते हैं, “हम इन्हें सजा दिलाएंगे. फिर एक-एक कर दूसरे लोगों के भ्रष्टाचार के मामलों का भी खुलासा करेंगे. और हमारी सरकार बनते ही हम पहला काम बिहार के कम से कम 100 भ्रष्ट नेताओं और अफसरों को जेल भेजने का करेंगे.”
यह बयान अरविंद केजरीवाल के 2012-13 के दौर की याद दिलाता है. तब आम आदमी पार्टी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए ताल ठोक रही थी. आए दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सहित उनके साथी दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित समेत दूसरे नेताओं पर भ्रष्टाचार के खुलकर आरोप लगाते थे. इसके साथ ही वे कथित सबूत भी साझा करते थे और दावा करते थे कि उनकी सरकार बनते ही वे भी भ्रष्टाचारियों को सजा दिलाएंगे. केजरीवाल ने इस तरह शीला दीक्षित सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार को सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बना दिया था.
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर 19 सितंबर ऐसी ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और एक साथ एनडीए के चार मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर इससे जुड़े कथित दस्तावेजी सबूत सार्वजनिक किए.
इन मंत्रियों में BJP के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का नाम तो था ही इनके अलावा उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और जदयू के मंत्री अशोक कुमार चौधरी के खिलाफ भी उन्होंने सनसनीखेज आरोप लगाए. साथ ही पिछले कुछ दिनों से जन सुराज और प्रशांत किशोर के ऊपर आरोप लगाने वाले BJP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर भी नए आरोप लगाए.
प्रशांत किशोर ने जदयू कोटे से बिहार सरकार में मंत्री अशोक कुमार चौधरी पर एक ट्रस्ट के जरिये 200 करोड़ रुपए की जमीन खरीदने, अपनी बेटी और सांसद शांभवी चौधरी, अपनी पत्नी और समधन को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया.
प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को हत्या का आरोपी बताया और कहा कि वे बार-बार नाम बदलते हैं. जन सुराज के नेता ने कहा, “इनका असली नाम सम्राट कुमार मौर्य था. ये सिर्फ सातवीं पास हैं और खुद को यूनिवर्सिटी ऑफ कैलीफोर्निया से डी-लिट बताते हैं. सम्राट चौधरी को बिहार की जनता को बताना चाहिए कि उन्होंने मैट्रिकुलेशन कहां से किया और कब किया.”
पीके स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर अपने ही सहयोगी दिलीप कुमार जायसवाल से रिश्वत लेने का आरोप पहले ही लगा चुके हैं. हालांकि इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मंगल पांडेय ने कहा था कि वे इतने ईमानदार हैं कि घर खरीदने के लिए उन्हें पैसे उधार लेने पड़े. इसके जवाब में प्रशांत किशोर ने पूछा कि मंगल पांडेय की पत्नी उर्मिला पांडेय के खाते में 2019-2020 के दौरान 2.12 करोड़ की राशि कैसे आई, इसका स्रोत क्या था.
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जन सुराज पार्टी के उपाध्यक्ष वाईवी गिरी ने आरोप लगाया कि एक हत्या के आरोप में दिलीप जायसवाल के मामले में पुलिस ने सही जांच नहीं की थी. उन्होंने यह भी दावा किया कि जायसवाल ने अपने मेडिकल कॉलेज के जरिये एक पुलिस अधिकारी को लाभ पहुंचाया था. जन सुराज पार्टी ने इस मामले में पीड़ित परिवार के साथ मिलकर पटना हाईकोर्ट में अलग से केस फाइल किया है.
कॉन्फ्रेंस के बाद अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के दौरान प्रशांत किशोर इन मंत्रियों के भ्रष्टाचार के मामलों को लगातार उठा रहे हैं. ऐसा लगता है कि पार्टी ने रणनीतिक तौर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की राह चुन ली है और आने वाले वक्त में सरकार के कई मंत्री-नेता-अफसर उसके निशाने पर आने वाले हैं. अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि पार्टी जल्द श्रवण कुमार, प्रेम कुमार, नंद किशोर यादव जैसे बड़े नेताओं और मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत, दीपक प्रसाद, चैतन्य प्रसाद और पंकज पाल जैसे अधिकारियों के खिलाफ ऐसा ही अभियान शुरू कर सकती है.
इस अभियान की वजह से जन सुराज में एक ऐसी टीम बन गई है, जो लगातार इन आरोपों पर छानबीन कर रही है और तथ्य जुटा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि इसकी जिम्मेदारी मुन्ना को दी गई है. इसके साथ पार्टी के उपाध्यक्ष वाईवी गिरी के नेतृत्व में इन मामलों को अदालत तक पहुंचाने का काम चल रहा है. पिछले दिनों CAG रिपोर्ट में 70 हजार करोड़ रुपए की गड़बड़ी की बात सामने आई थी, जन सुराज ने इस मामले में भी अदालत में एक याचिका लगाई है. यह याचिका किशोर कुमार मुन्ना के नाम से दायर की गई है.
किशोर कुमार मुन्ना कहते हैं, “अब तक अलग-अलग लोगों ने जो कागजात हमें सौंपे हैं, अगर उनकी ठीक से जांच की जाए तो बिहार की मौजूदा सरकार देश की सबसे भ्रष्ट सरकार और लुटेरी सरकार साबित होगी. हैरत की बात यह है कि चाल, चरित्र और चेहरा की बात करने वाली BJP के मंत्री ज्यादा भ्रष्ट हैं, बनिस्बत जदयू के. और यह सरकार पूर्ववर्ती लालू सरकार से कई गुना ज्यादा भ्रष्ट है.”
प्रशांत किशोर के प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किशोर कुमार मुन्ना ने इशारा किया था कि वे अब बिहार विधान सभा और विधान परिषद में हुई नियुक्तियों के घोटालों का मामला सामने लेकर आ सकते हैं.
अपनी प्रेस कांफ्रेंस में प्रशांत किशोर ने कहा, “मैंने जिन मंत्रियों के घोटाले उजागर किए हैं, सब संयोग से राजद में रहे हैं. ये राजद के गुंडे हैं और BJP इन्हें बड़ी जिम्मेदारी दे रही है. दरअसल आज की BJP कैलाशपति मिश्र और गोविंदाचार्य वाली BJP नहीं रही. यह ऐसे लोगों की BJP हो गई है.”
दिलचस्प है कि प्रशांत किशोर के इस अभियान का समर्थन भाकपा-माले जैसी पार्टी कर रही हैं और जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार इस मामले में अपनी पार्टी ही पार्टी के मंत्री अशोक चौधरी से सामने आकर जवाब देने कह रहे हैं. 22 सितंबर को माले के राज्य सचिव कुणाल ने नीतीश कुमार से पूछा, “अशोक चौधरी, सम्राट चौधरी, मंगल पांडे जैसे मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, इस पर वे चुप क्यों हैं? बहुत सारे आरोप स्वयं-सिद्ध हैं, फिर भी मुख्यमंत्री की चुप्पी बनी हुई है.”
कुणाल आगे कहते हैं, “यह हमारे उन आरोपों की पुष्टि है जिसमें हमने लगातार कहा है कि बिहार में आज संस्थागत भ्रष्टाचार चरम पर है. दिलीप जयसवाल और जीवेश मिश्रा भी कटघरे में हैं. जीवेश मिश्रा तो बाजप्ता नकली दवा बनाने के आरोप में दोषी सिद्ध हो चुके हैं, फिर भी पद पर बने हुए हैं. क्या यही है नीतीश सरकार की नैतिकता?”
वहीं जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है, “पहली बार हम अग्निपरीक्षा से गुजर रहे हैं. जिन पर आरोप लगा है, उनको सामने आकर पूरे तथ्यों के साथ मीडिया को बताना चाहिए कि सच्चाई क्या है. हम पार्टी की तरफ से उनसे यह अनुरोध करते हैं. यह करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की सरकार है.”
इस पूरे मामले में BJP की तरफ से अब तक सिर्फ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ही मुखर दिख रहे हैं. हालांकि वे भी इन मंत्रियों के खिलाफ लगाए आरोपों का जवाब देने के बदले प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की फंडिंग में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. वे रामसेतु इंफ्रास्ट्रक्चर द्वारा जन सुराज को 14 करोड़ दिये जाने का मामला सोशल मीडिया पर उठा रहे हैं. इसके जवाब में प्रशांत किशोर कहते हैं कि उनकी देश और राज्य में सरकार है. वे चाहें तो जांच करवाकर उन्हें जेल भिजवा सकते हैं.
भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रशांत किशोर की यह नई राजनीति लोगों को अरविंद केजरीवाल के शुरुआती दिनों की याद दिला रही है. मगर यह राजनीति क्या जन सुराज को आम आदमी पार्टी जैसी सफलता दिला सकेगी, यह बड़ा सवाल है.
इस सवाल के जवाब में टाटा सामाजिक संस्थान के पूर्व प्राध्यापक पुष्पेंद्र कहते हैं, “अपने देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ कैंपेन चलाकर राजनीतिक रूप से सफल होने के कई उदाहरण हैं. जेपी आंदोलन से लेकर वीपी सिंह के बोफोर्स घोटाला को चुनावी मुद्दा बनाने तक सरकार पलटी गई हैं. दिल्ली का अन्ना आंदोलन भी ऐसा ही था. अगर कोई नया आदमी जो सत्ता में शामिल नहीं रहा, या उसकी छवि साफ है, अगर ऐसे मसलों को उठाता है तो लोग उससे भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं. उन्हें सफलता भी मिलती है. मगर हमें याद रखना चाहिए कि न बिहार दिल्ली है, न जन सुराज का अभियान अन्ना आंदोलन जैसा है. इसलिए प्रशांत किशोर को अरविंद केजरीवाल जैसी सफलता मिल जाएगी, ऐसा लगता नहीं है.”
क्या इससे जन सुराज को फायदा होगा? इस पर पुष्पेंद्र कहते हैं, “ बिलकुल, इससे प्रशांत किशोर और उनकी पार्टी को फायदा तो होगा क्योंकि ये मुद्दे जनता की आवाज हैं. बिहार की जनता लंबे समय से सांस्थानिक भ्रष्टाचार से पीड़ित है. ऐसे में जो न्यूट्रल वोटर हैं, वे जन सुराज से जुड़ेंगे. अब तक जन सुराज को बिहार में एक खेल बिगाड़ने वाली पार्टी के रूप में देखा जा रहा है. इस कैंपेन से वे इस भूमिका में और मजबूत होंगे और जिसको भी पहुंचाएंगे, बड़ा नुकसान पहुंचाएंगे.”