3 दिसंबर 1971 की सर्द रात. घड़ी में करीब 8:45 बजे होंगे, तभी बाड़मेर जिले के उत्तरलाई एयरबेस पर अचानक हवाई हमले होने लगे. भारत को पाकिस्तान के इन हमलों के संबंध में पहले से ही खुफिया जानकारी मिल चुकी थी.
ऐसे में भारतीय एयर फोर्स ने यहां तैनात सभी एयरक्राफ्ट और लड़ाकू विमानों को हमले से पहले ही रेतीले धोरों के नीचे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिए थे. यही वजह था कि अचानक हुए इस पाकिस्तानी हमले में उत्तरलाई एयरबेस के रनवे के अलावा ज्यादा नुकसान नहीं हुआ.
रनवे को भी भारतीय वायुसेना ने स्थानीय लोगों की मदद से कुछ समय में ही ठीक कर लिया था. 54 साल बाद 7 मई 2025 को जब पाकिस्तानी सेना ने मिसाइल हमला किया, तब भी बुधवार की ही रात थी.
पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक से बौखलाए पाकिस्तान ने राजस्थान के उत्तरलाई, नाल और फलोदी सहित 15 एयरबेस को मिसाइल और ड्रोन से हमला कर उड़ाने की कोशिश की.
इस बार भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तानी सेना के इन मिसाइल और ड्रोन को हवा में ही मार गिराया. भारतीय वायु सेना की ओर से तैनात S-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तान के नापाक इरादे को असफल कर दिया. अब राजस्थान के कई इलाकों में ड्रोन और मिसाइलों का मलबा बरामद हुआ है.
इस घटना ने यहां के लोगों में 54 साल पुरानी यादें ताजा कर दी हैं. जब 3 दिसंबर 1971 की रात पाकिस्तान ने ऑपरेशन चंगेज खां के तहत भारत के 8 एयरबेस पर हमला किया था, जिनमें राजस्थान के उत्तरलाई और जोधपुर एयरबेस भी शामिल थे.
इन्हीं हवाई हमलों के कारण भारत ने 4 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के साथ युद्ध का ऐलान किया था. बाड़मेर का उत्तरलाई हवाई अड्डा सामरिक और रणनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.
पाक बॉर्डर यहां से महज 100-150 किलोमीटर दूरी पर है. ऐसे में पाकिस्तान एक बार फिर इस एयरबेस को निशाना बनाना चाहता था, मगर भारत ने इसे समय रहते नाकाम कर दिया.
पाकिस्तान की इन हरकतों के मद्देजर राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है. सुरक्षा कारणों के चलते पाकिस्तान बॉर्डर से सटे बीकानेर, जोधपुर, फलोदी, जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर जिलों के सभी स्कूलों, मदरसों, आंगनबाड़ी केंद्रों की छुट्टी कर दी गई है. 8 मई तक सभी तरह की परीक्षाएं भी स्थगित की गई हैं.
क्या है एस-400 डिफेंस सिस्टम?
यह रूस द्वारा विकसित सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल सिस्टम है. रूस की अल्माज-एंटे कंपनी ने इसे बनाया था और यह दुनिया के सबसे प्रभावी वायु रक्षा प्रणालियों में से एक माना जाता है.
S-400 सिस्टम से ड्रोन, क्रूज मिसाइल, बैलिस्टिक मिसाइल, लड़ाकू विमानों के जरिए किए जाने वाले हमले को नष्ट किया जा सकता है. 2018 में भारत ने एस-400 स्क्वाड्रन खरीदने का सौदा किया और 2021 में यह सिस्टम भारत में आया.
इस सिस्टम की रेंज 400 किलोमीटर तक है और यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक किसी भी हवाई हमले को मार गिराने में सक्षम है. इसके जरिए एक साथ 100 लक्ष्यों को ट्रैक और 36 लक्ष्यों पर हमला किया जा सकता है.
S-400 सिस्टम को 5 मिनट में तैनात किया जा सकता है और यह राफेल, एसयू 30, एफ-16, जेएफ -17 जैसे विमानों और बैलिस्टिक मिसाइलों से निपटने में कारगर है.