साउथ अफ्रीका में संरक्षण के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों से प्रेरणा लेकर मध्य प्रदेश वन विभाग ने हेलीकॉप्टरों की सहायता से वन्यजीवों को पकड़ने और उन्हें दूसरी जगह पहुंचाने की योजना को अंतिम रूप दिया है. भारत पहली बार इस तरह की पहल करने जा रहा है.
इस नई रणनीति के तहत अफ्रीका में ऐसी गतिविधियों का अनुभव रखने वाले साउथ अफ्रीकी हेलीकॉप्टर पायलट मध्य प्रदेश में इन अभियानों का नेतृत्व करेंगे. वन विभाग ने काले हिरणों और नील गायों को पकड़ने के लिए राज्य के पश्चिमी क्षेत्र के शाजापुर, आगर मालवा और उज्जैन जिलों की पहचान की है. अभियान अगले कुछ हफ्तों में शुरू होगा, क्योंकि इस समय खेती-बाड़ी का काम नहीं हो रहा है और फसलों की कटाई भी हो चुकी है.
दक्षिण अफ्रीकी पायलटों की अगुआई में भारतीय पायलट भी इस अभियान का हिस्सा बनेंगे जिन्हें भविष्य में ऐसे अभियानों को खुद अंजाम देने के लिए महत्वपूर्ण अनुभव हासिल करना है.
अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टरों की मदद से काले हिरणों और नील गायों को बोमा या बाड़ों की ओर ले जाया जाएगा, जहां से उन्हें ट्रकों में भरकर कुनो पालपुर राष्ट्रीय उद्यान और गांधी सागर अभयारण्य में छोड़ा जाएगा. इसका उद्देश्य चीतों के आवास वाले इन अभयारण्यों में शिकार योग्य जानवरों की संख्या बढ़ाना है.
पहले चरण में करीब 500 काले हिरण और 100 नील गायों को पकड़ा जाएगा. उन्हें अभयारण्यों में भेजने से कृषि उपज पर निर्भर इन शाकाहारी जानवरों के हमलों से खेतों को होने वाला नुकसान भी कम होगा.
मध्य प्रदेश में लगातार ये मांग उठ रही है कि फसलें खराब कर देने वाले ऐसे जानवरों को मारने की अनुमति दी जाए. लेकिन राज्य सरकार इस विचार से सहमत नहीं है.