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मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव कौन हैं, पांच प्वाइंट्स में जानें बड़ी बातें

मोहन यादव का चुनावी करियर केवल 10 साल पुराना ही है. उन्होंने अपना पहला चुनाव साल 2013 में ही लड़ा था

MP New CM Mohan Yadav
उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव एमपी के नए सीएम होंगे
अपडेटेड 11 दिसंबर , 2023

मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो गया है. उज्जैन दक्षिण के विधायक मोहन यादव एमपी के नए सीएम होंगे. 3 दिसंबर के दिन चुनावी नतीजे जारी होने के बाद से ही इस बात पर सस्पेंस बना हुआ था कि राज्य की कमान किसके हाथ में दी जाएगी?

हालांकि इस बार एमपी में दो डिप्टी सीएम भी होंगे. जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला का नाम राज्य के उपमुख्यमंत्री के तौर पर सामने आया है. जबकि केंद्र सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा अध्यक्ष की कुर्सी दी गई है.

उज्जैन से तीसरी बार विधायक बने मोहन यादव इससे पिछली शिवराज सरकार में मंत्रिमंडल का हिस्सा थे. हालांकि राज्य के बाहर उनके बाहर आम लोग ज्यादा नहीं जानते और यह भी वजह है कि मुख्यमंत्री के तौर पर उनके नाम का ऐलान होने पर सभी लोग चौंके हुए थे. आइए इन पांच प्वाइंट्स में मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री के बार में जानते हैं.

केवल 10 साल पहले ही बने थे विधायक- मोहन यादव का चुनावी करियर केवल 10 साल पुराना ही है. इन्होंने अपना पहला चुनाव साल 2013 में ही लड़ा था. इसके बाद वे साल 2018 में एक बार फिर से विधायक बने. साल 2020 में यादव ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. वे सरकार में उच्च शिक्षा विभाग संभाल रहे थे. इनकी पहचान एक कारोबारी के तौर पर भी है. अगर 2023 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो इन्होंने उज्जैन दक्षिण से कांग्रेस उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव के खिलाफ 12,941 वोटों के अंतर से जीत हासिल करते हुए लगातार तीसरी बार विधानसभा का सफर तय किया. 

राजनीति के पुराने खिलाड़ी- भले ही मोहन यादव का चुनावी करियर 10 साल पहले ही शुरू हुआ हो, पर वे राजनीति की दुनिया के पुराने खिलाड़ी रहे हैं. इसके अलावा इनकी संघ परिवार से भी पुरानी घनिष्ठता रही है. यादव के राजनीतिक जीवन की शुरुआत साल 1982 में उज्जैन के माधव साइंस कॉलेज से हुई. वे इस समय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सक्रिय सदस्य थे और कॉलेज में सह-सचिव और अध्यक्ष के पद तक पहुंचे. 

RSS के करीबी- मोहन करीब 30 सालों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से भी जुड़े रहे हैं. इन्होंने उज्जैन में ही साल 1993 में RSS जॉइन किया था. इसके अलावा ये 2011 से 2013 तक मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष भी रहे. यह पद कैबिनेट मंत्री के स्तर का माना जाता है. उसके बाद वे 2013 में पहली बार विधायक बनकर विधानसभा पहुंचे. मोहन को सीएम बनाने के पीछे एक कारण यह भी माना जा रहा है कि वे ओबीसी वर्ग से आते हैं. 

विवादों से भी जुड़ चुका है नाम- मोहन यादव का नाम विवादों में भी सामने आ चुका है. साल भर पहले ही यानी 2022 में जनपद अध्यक्ष के पद पर कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी का कब्जा होने के बाद कथित तौर पर भाजपा समर्थित लोगों ने खूब जमकर बवाल काटा था. कथित तौर पर इसी मामले में मोहन यादव ने उज्जैन के एडीएम को खूब खरीखोटी सुनाते हुए आग लगाने की धमकी तक डे डाली थी. इसके अलावा उनका और कांग्रेस नेता दीपक मेहरा के बीच झगड़े का एक कथित वीडियो भी सामने आ चुका है. वीडियो में दोनों ही नेताओं को एक दूसरे पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए देखा और सुना गया था. हालांकि इस पर कांग्रेस नेता ने सफाई देते हुए कहा था कि सोशल मीडिया पर फैला ये वीडियो काफी पुराना है.

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