19 अक्टूबर को पुणे के शनिवार वाड़ा किले पर नमाज पढ़े जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ. इसके बाद स्थानीय हिंदूवादी संगठनों के साथ मिलकर BJP कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया.
राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी के नेतृत्व में BJP कार्यकर्ताओं ने किले के पास पहुंचकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. इसके अलावा, BJP कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर नमाज पढ़े जाने वाली जगह पर गौमूत्र और गोबर छिड़ककर "शुद्धिकरण" किया.
राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने X पर नमाज पढ़े जाने का वीडियो साझा कर लोगों से विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का आह्वान किया. 1732 में निर्मित यह ऐतिहासिक किला 1818 तक मराठा साम्राज्य के पेशवाओं का मुख्यालय और निवास स्थान रहा.
राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने X पर पोस्ट में कहा, "यह घटना हर पुणेकर के लिए चिंता और गुस्से का विषय है. पुणे प्रशासन आखिर क्या कर रहा है? हमारी विरासत स्थलों का सम्मान कहां जा रहा है? आइए, हम सब एकजुट होकर अपनी संस्कृति की रक्षा करें."
पत्रकारों से बात करते हुए कुलकर्णी ने कहा, "वीडियो देखकर साफ बता चलता है कि यह घटना कैंपस के भीतर हुई है. हमने अक्सर देखा है कि जिन स्थानों पर नमाज अदा की जाती है, वे बाद में धार्मिक स्थल बन जाते हैं. इस तरह के अतिक्रमण को रोकने के लिए हमने विरोध प्रदर्शन किया."
उन्होंने कहा कि शनिवार वाड़ा छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य की विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और वहां किसी एक धर्म को पूजा पाठ या नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. शुद्धिकरण अनुष्ठान की पुष्टि करते हुए BJP सांसद ने ट्वीट किया, "शनिवार वाड़ा एक ऐतिहासिक स्थल है. यह हमारी जीत का प्रतीक है, वह केंद्र जहां से मराठा साम्राज्य अटक से कटक तक फैला था. अगर कोई यहां नमाज अदा करने आता है, तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे."
तनाव तब और बढ़ गया जब कुछ प्रदर्शनकारी किले के पास स्थित हजरत ख्वाजा सैयद दरगाह को निशाना बनाने की कोशिश करने लगे और उन्होंने इस दरगाह को हटाने की मांग की. प्रदर्शनकारियों और अधिकारियों के बीच झड़प शुरू होने के बाद पुलिस ने तुरंत दखल दिया और हल्का बल प्रयोग करके भीड़ को तितर-बितर किया. लगभग दो घंटे तक चली झड़प के बाद शांति बहाल हुई.
इस घटना पर अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कुलकर्णी पर मुद्दे को सांप्रदायिक रंग देने का प्रयास करने का आरोप लगाया. NCP प्रवक्ता रूपाली पाटिल थोम्बरे ने कहा, "मेधा कुलकर्णी ने पुणे में धार्मिक विवाद पैदा करने की कोशिश की है. उनके खिलाफ तुरंत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. शनिवार वाड़ा सभी पुणेकरों का है, किसी एक समूह या धर्म का नहीं."
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि कुलकर्णी जानबूझकर शहर में शांति भंग करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने कहा कि BJP को उन पर लगाम लगानी चाहिए. वायरल वीडियो पर टिप्पणी करते हुए, महाराष्ट्र के मंत्री नितेश राणे ने कहा, "शनिवार वाड़ा का एक इतिहास है. यह हमारी वीरता का प्रतीक है और हिंदू समुदाय के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है. अगर लोग वहां नमाज़ पढ़ना चाहते हैं, तो क्या आपको हिंदुओं का हाजी अली जाकर हनुमान चालीसा पढ़ना ठीक लगेगा? क्या इससे भावनाएं आहत नहीं होंगी? नमाज़ केवल निर्धारित स्थानों पर ही अदा की जानी चाहिए. अगर हिंदू कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई, तो यह जायज है."
शुद्धिकरण किए जाने पर महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी के प्रमुख अबू आसिम आजमी ने इस कृत्य की निंदा करते हुए कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "भारत में मुसलमानों ने देश के लिए अपनी जान कुर्बान की है. जो लोग अंग्रेजों की वकालत करते थे, वे आज सत्ता में बैठे हैं और मुसलमानों के साथ ऐसा ही व्यवहार करेंगे. उन्हें इसका करारा जवाब मिलेगा."