पिछले साल नवंबर में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अब पार्टी ने इससे उबरते हुए राज्य में संगठनात्मक बदलाव की शुरुआत की है.
सबसे बड़े बदलाव के तहत कांग्रेस ने इसी फरवरी में पूर्व विधायक हर्षवर्धन सपकाल को महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी (MPCC) का अध्यक्ष नियुक्त किया. सपकाल ने नाना पटोले की जगह ली है.
प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर सपकाल से यह उम्मीद की जा रही है कि वे अगले दो महीनों में महाराष्ट्र कांग्रेस में अहम फेरबदल करेंगे, ताकि पार्टी को स्थानीय निकाय चुनावों के लिए तैयार किया जा सके. इन चुनावों में इस साल के अंत में होने वाले नगर निगमों, नगर परिषदों और जिला परिषदों के चुनाव भी शामिल हैं.
सपकाल महाराष्ट्र के बुलढाणा से आते हैं, जहां वे 2014 से 2019 तक इस निर्वाचन क्षेत्र के विधायक रहे. 2019 में वे शिवसेना के संजय गायकवाड़ से चुनाव हार गए थे. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव के रूप में उन्होंने पंजाब, गुजरात और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का संयुक्त प्रभार भी संभाला है.
सपकाल अब राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रमुख हैं, जो कांग्रेस की एक शाखा है और पंचायती राज निकायों की मजबूती के लिए काम करती है. उन्हें राहुल गांधी, राहुल के करीबी सहयोगी सचिन राव और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक का करीबी बताया जाता है.
कांग्रेस के आला अधिकारियों का दावा है कि सपकाल गांधीवाद और आचार्य विनोबा भावे के 'सर्वोदय आंदोलन' के प्रति गहरी प्रतिबद्धता रखने वाले नेता हैं. आचार्य विनोबा भावे को महात्मा गांधी का आध्यात्मिक उत्तराधिकारी माना जाता है.
सपकाल एक कम चर्चित और कम जाने गए नाम हैं. ऐसे में उनकी नियुक्ति आश्चर्यजनक थी, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष पद की कतार में पूर्व मंत्री सतेज (बंटी) पाटिल, विश्वजीत कदम और अमित देशमुख जैसे नाम भी शामिल थे. विदर्भ में बुलढाणा जिला परिषद के अध्यक्ष रहे सपकाल मध्य प्रदेश और गुजरात में पार्टी संगठन की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं.
MPCC के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि महाराष्ट्र कांग्रेस में फेरबदल की संभावना है और इसका उद्देश्य स्थानीय निकाय चुनावों से पहले पार्टी को नया रूप देना है.
उन्होंने कहा, "कुछ मौजूदा अधिकारियों को हटाया जाएगा और संगठन में नए चेहरे शामिल किए जाएंगे. जिन लोगों में क्षमता और काम करने का उत्साह है, उन्हें पार्टी में जगह दी जाएगी और कांग्रेस के जनाधार का विस्तार करने के लिए अलग-अलग जाति और समुदाय के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा."
फेरबदल की इस प्रक्रिया से पहले सपकाल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं. इस पुनर्गठन में मंडल, जिला और राज्य इकाई शामिल होगी. प्रत्येक मंडल में 12-15 सिविक वार्ड होते हैं. MPCC में मुंबई रीजनल कांग्रेस कमेटी को छोड़कर 60 शहर और जिला इकाइयां शामिल हैं. एक बार जिला इकाइयां स्थापित हो जाने के बाद, वे वार्ड स्तर पर नियुक्तियां करती हैं.
पिछले साल लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) के हिस्से के रूप में चुनाव लड़ने वाली कांग्रेस ने 13 सीटें जीती थीं, जबकि पार्टी द्वारा समर्थित एक निर्दलीय उम्मीदवार पश्चिमी महाराष्ट्र के सांगली से जीता था.
लेकिन इसके बाद विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा, जहां उसे सिर्फ 16 सीटें ही मिल पाईं. यह 2019 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले 28 कम थीं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुआई वाली सत्तारूढ़ महायुति ने 2024 के विधानसभा चुनाव में 288 सीटों में से 237 सीटें जीतीं.
इस चुनाव में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट और पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर और रंजीत कांबले जैसे दिग्गज कांग्रेस नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा.

