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एमपी की नशे के खिलाफ लड़ाई भी अजब निकली! कैसे बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड?

लंदन स्थित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने मध्य प्रदेश के ‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियान को लोगों के साथ बड़े पैमाने पर जुड़ने और व्यापक असर डालने के लिए मान्यता दी

MP police DG Mr. Kailash Makwana
मध्य प्रदेश पुलिस के डीजी कैलाश मकवाना 'नशे से दूरी है जरूरी' कैंपेन के एक पोस्टर के साथ (फोटो : x.com/ips_kmak))
अपडेटेड 6 अगस्त , 2025

ड्रग्स की लत के खिलाफ मध्य प्रदेश पुलिस के अभियान ने अभूतपूर्व कामयाबी हासिल करते हुए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई है. इस उपलब्धि के लिए आयोजित विशेष अभिनंदन समारोह में शामिल होने के लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना 13 सितंबर को ब्रिटिश संसद में होंगे.

लंदन स्थित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने 15 जुलाई से 30 जुलाई तक आयोजित ‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियान को बड़े पैमाने पर लोगों के साथ जुड़ने और व्यापक असर डालने के लिए मान्यता दी है. यह अभियान करीब 23 लाख लोगों तक सीधे पहुंचा, तो सोशल मीडिया के जरिए इसके अलावा भी लाखों में जागरूकता जगाने में कामयाब रहा.

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यालय पर एक अभिनंदन समारोह पहले ही आयोजित कर चुका है, जिसमें मकवाना को प्रमाणपत्र सौंपा गया. समारोह में अतिरिक्त महानिदेशक (नारकोटिक्स) के.पी वेंकटेश्वर राव तथा अन्य शीर्ष पुलिस अधिकारी मौजूद थे.

‘नशे से दूरी है जरूरी’ अभियान का आइडिया मध्य प्रदेश पुलिस की ही उपज था और सभी क्षेत्रीय इकाइयों के जरिए चलाया गया, जिनमें राज्य के सभी 57 जिलों में फैले करीब 1,700 पुलिस थाने शामिल थे. पुलिस ने लोगों को लत के खिलाफ संदेश देने के लिए इंफ्लुएंसरों को भी जोड़ा. इंदौर पुलिस कमीश्नरेट सबसे ज्यादा बढ़-चढ़कर सक्रिय थी. उसने पखवाड़े के दौरान लंबी ह्यूमन चेन और शपथ ग्रहण कार्यक्रम आयोजित किए.

शिक्षा, समाज कल्याण और स्वास्थ्य विभागों को जोड़कर चलाए गए इस अभियान का ध्यान नार्कोटिक्स या ड्रग्स पर केंद्रित था. मध्य प्रदेश उन कुछेक राज्यों में से हैं जहां अफीम की लाइसेंसशुदा खेती होती है. राज्य के मंदसौर, नीमच, रतलाम और शाजापुर जिलों में यह उगाई जाती है. इस अफीम का इस्तेमाल दवा उद्योग में किया जाता है. 

हालांकि अवैध अफीम की खेती की भी खबरें आती रही हैं. हाल में आम तौर पर एक्सटेसी के नाम से जानी जाने वाली एमडीएमए (3, 4-मीथाइलीनडायोक्सी-मीथैम्फेटामाइन) के निर्माण और आपूर्ति की घटनाएं सामने आईं. पिछले अक्तूबर में गुजरात के पुलिस अधिकारियों ने भोपाल के बाहरी छोर पर एक औद्योगिक क्षेत्र में एमडीएमए बनाने वाली फैक्टरी का भांडा फोड़ा. अभी पिछले ही हफ्ते शहर से गिरफ्तार तीन लोगों में से एक के पास एमडीएमए पाया गया. 
इस संदिग्ध और उसके परिवार की गिरफ्तारी उन्हीं दिनों हुई जब नशा-विरोधी अभियान चल रहा था. इस कारोबारी परिवार की संपत्तियों को नेस्तनाबूद करने के लिए प्रशासन ने बुलडोजर लगा दिए. 

राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के 2022 के आंकड़ों के मुताबिक 4,811 मामलों के साथ मध्य प्रदेश नार्कोटिक्स ड्रग्ज ऐंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों में देश भर में सातवीं पायदान पर है. 2022 में पूरे भारत में एनडीपीएस के तहत कुल 1,11,823 दर्ज किए गए.

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