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केरल: वाम सरकार और अदाणी के पैसे से बना 'विझिंजम पोर्ट' कैसे राज्य में बड़ा बदलाव ला रहा?

केरल सरकार का अनुमान है कि विझिंजम पोर्ट के पूर्ण रूप से चालू हो जाने के बाद अगले दो दशकों में 35,000 करोड़ रुपये की कमाई के साथ पांच लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी

विझिंजम पोर्ट (फोटो : ANI)
विझिंजम पोर्ट (फोटो : ANI)
अपडेटेड 6 मई , 2025

मई की 2 तारीख को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल में विझिंजम पोर्ट को राष्ट्र के नाम समर्पित किया. इस 'ट्रांसशिपमेंट डीपवॉटर मल्टीपर्पज सीपोर्ट' (गहरे समुद्र में बड़ा और आधुनिक बंदरगाह) के साथ राज्य में समुद्री व्यापार की संभावनाओं में बड़ा बदलाव आने वाला है.

तिरुवनंतपुरम जिले में स्थित इस अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह को केरल की अब तक की सबसे बड़ी निवेश परियोजना बताया जा रहा है. यह एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसे पर्यावरण और आजीविका संबंधी चिंताओं को लेकर तीखे स्थानीय विरोधों का सामना करना पड़ा है.

लेकिन यह परियोजना उन विरोधों के राजनीतिक परिणामों से बची रही, क्योंकि राज्य की पिनाराई विजयन की सरकार इसे पूरा करने के लिए मजबूती से खड़ी रही है.

कम विकसित अर्थव्यवस्था (अंडर-रियलाइज्ड इकोनॉमी) से जूझते और अति ट्रेड यूनियनवाद से ग्रस्त केरल की छवि लंबे समय से देश के कम पसंदीदा निवेश स्थलों में से एक के रूप में रही है. इसलिए जब 2022 में मछुआरों ने विझिंजम बंदरगाह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया, और धीरे-धीरे यह जोर पकड़ने लगा तो यह एक दोहराई जाने वाली कहानी जैसा ही लग रहा था.

यह प्रोटेस्ट कभी-कभी हिंसक भी हो गया, इसके चलते बंदरगाह के निर्माण कार्य में भी देरी हुई. इस विरोध प्रदर्शन को लैटिन चर्च से समर्थन हासिल था.

हालांकि, इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 2015 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) शासन के तहत की गई थी, लेकिन वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के सत्ता में आने के बाद बतौर मुख्यमंत्री विजयन ने निर्णायक रूप से इस परियोजना को आगे बढ़ाया. इसे 'नए केरल' के प्रतीक के रूप में ब्रांड किया और दोहराया कि वह किसी को भी इसके रास्ते में नहीं आने देंगे.

लगभग 8,686 करोड़ रुपये के निवेश के बाद, जिसमें केरल सरकार का हिस्सा 60 फीसद से अधिक (लगभग 5,370 करोड़ रुपये) है, विझिंजम अब हकीकत बन चुका है. बंदरगाह का निर्माण करने वाले अदाणी समूह ने 2,497 करोड़ रुपये लगाए, जबकि केंद्र सरकार ने 818 करोड़ रुपये दिए. अनुमान है कि 2028 तक विझिंजम के शेष तीन चरण पूरा हो जाएंगे, तब तक इसमें लगभग 18,000 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश होने और हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है.

अभी तक 755 लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है, जिनमें से लगभग दो तिहाई केरल से हैं. नौ महिला कर्मचारी स्थानीय मछुआरा समुदाय से हैं. 32 वर्षीय स्थानीय महिला स्टेफी रेबेरा कहती हैं, "विझिंजम ने मेरी जिंदगी बदल दी है." रेबेरा ने बंदरगाह पर क्रेन चलाने के लिए अपनी "कम वेतन वाली" शिक्षिका वाली नौकरी छोड़ दी.

रेबेरा ओवरटाइम के साथ 40,000 रुपये हर महीने कमा रही हैं. वे बताती हैं, "मुझे क्रेन को हैंडल करने की ट्रेनिंग दी गई है. मुझे पूरा भरोसा है कि मैं इसे सटीकता से और अपने सीनियर्स की संतुष्टि के साथ कर सकती हूं. मेरा वेतन भी बढ़िया है."

विझिंजम की जिन महिलाओं को बंदरगाह पर कुशल और अच्छे वेतन वाली नौकरी मिली है, उनमें एस. अनीशा और एल. कथिका भी हैं. उनकी सहकर्मी रेबेरा ने कहा, "हमारा वर्कप्लेस घर से सिर्फ 10 मिनट की दूरी पर है. मेरे लिए यह एक बड़ा फायदा है क्योंकि मैं एक मां हूं."

विझिंजम बंदरगाह पर स्थानीय लोगों के लिए रोजगार विजयन सरकार के निचले तबके के आर्थिक सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित करने के साथ मेल खाता है. मुख्य सचिव डॉ. जयतिलक ने इंडिया टुडे को बताया, "हमने एक नया मॉडल पेश किया है, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए पर्याप्त कॉमर्शियल प्राइस की पेशकश करने के बाद परियोजना क्षेत्र में ही बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है."

अगर विझिंजम पोर्ट वास्तव में आर्थिक समृद्धि ला सकता है जिसका वादा विजयन राज्य के लोगों से कर रहे हैं, तो यह एक अहम राजनीतिक मोड़ पर उनकी सरकार के विकास की कहानी को मजबूती देगा. केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव होगा और एलडीएफ लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का लक्ष्य लेकर चल रहा है.

विजयन ने विझिंजम को एक "नई शुरुआत" बताया. उन्होंने कहा कि भारतीय बंदरगाहों को अब तक सालाना करीब 1,850 करोड़ रुपये का संभावित ट्रांसशिपमेंट रेवेन्यू खोना पड़ा है.

मुख्यमंत्री ने इंडिया टुडे से कहा, "विझिंजम बंदरगाह शुरू करके हमारा राज्य देश को सालाना 1,850 करोड़ रुपये का योगदान देगा. अब तक भारत को मदर वेसल को संभालने के लिए दूसरे बंदरगाहों पर निर्भर रहना पड़ता था. अब मदर पोर्ट के तौर पर विझिंजम कम समय में कंटेनरों के ट्रांसशिपमेंट को संभालेगा और साथ ही किफायती भी होगा."

बंदरगाह ने पिछले साल आंशिक रूप से परिचालन शुरू किया था. सबसे पहले जुलाई में एक अहम मौका आया जब पहले मदरशिप ने परीक्षण के तौर पर 1,930 कंटेनरों को बर्थ किया और उतारे. 31 मार्च, 2024 तक बंदरगाह ने जहाज की आवाजाही से 43.47 करोड़ रुपये का माल और सेवा कर (जीएसटी) अर्जित किया था. तब तक करीब 258 जहाज यहां आ चुके थे.

राज्य सरकार का अनुमान है कि बंदरगाह के पूर्ण रूप से चालू हो जाने के बाद अगले दो दशकों में 35,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा और लगभग 500,000 अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी.

न्यू मैंगलोर पोर्ट ट्रस्ट के पूर्व अध्यक्ष और शिपिंग प्रबंधन के तीन दशकों के अनुभव वाले विशेषज्ञ डॉ. जोस पॉल ने कहा, "विझिंजम बंदरगाह ने केरल को वैश्विक ट्रांसशिपमेंट मानचित्र पर मजबूती से स्थापित कर दिया है. अब यह वैश्विक है. राज्य, खासकर तिरुवनंतपुरम और कोल्लम जिले तेजी से विकसित होने जा रहे हैं. हमारा दक्षिणी तट एक व्यस्त ट्रांसशिपमेंट हब में बदल जाएगा."

इसके लिए विझिंजम प्रोजेक्ट को अपनी गति बनाए रखनी होगी और आधुनिक समुद्री इतिहास में सर्वश्रेष्ठ वैश्विक बंदरगाहों में से एक के रूप में विकसित होना होगा. फिलहाल, केरल के तटों पर एक उज्ज्वल समुद्री भविष्य की दिशा तय होती दिख रही है.

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