scorecardresearch

पनीर खरीदने से पहले अच्छे से चेक कर लीजिए, कहीं पैकेट में डायबिटीज और दिल की बीमारी मुफ्त तो नहीं!

महाराष्ट्र में पुलिस ने सैकड़ों किलो नकली पनीर जब्त किया है, ऐसे में आप भी जानिए असली और नकली पनीर की पहचान

वायरल वीडियो में नकली पनीर की जांच
वायरल वीडियो में नकली पनीर की जांच
अपडेटेड 20 मार्च , 2025

अगर आप भी कुछ अच्छा खाने के नाम पर 'पनीर' के बारे में सोचने लगते हैं तो थोड़ा ठहर जाइए. ऐसा मुमकिन है कि दुकान का पनीर आपको जीवनभर की बीमारी दे जाए. शायद ही कभी हम पनीर के पैकेट को झोले में रखने से पहले उसके पीछे इन्ग्रेडिएंट लिस्ट को पढ़ते हैं.

पुणे पुलिस और महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ किया है जो सस्ते कच्चे माल का उपयोग करके नकली या मिलावटी पनीर बनाता था. मिल्क पाउडर, वनस्पति से निकाले गए फैट और इमल्सीफायर से बने नकली पनीर को दूध से बने पनीर के रूप में बेचा जाता है.

इमल्सीफायर एक ऐसा पदार्थ है जो दो ऐसे तरल पदार्थों को मिलाने में मदद करता है जो सामान्यतः अलग-अलग रहते हैं, जैसे तेल और पानी. यह मुद्दा महाराष्ट्र विधानसभा में चल रहे बजट सत्र में भी उठाया गया जिसके बाद राज्य सरकार ने कार्रवाई की.

7 फरवरी को पुणे पुलिस की अपराध शाखा और एफडीए की एक टीम ने शहर के मंजरी खुर्द इलाके में माणिकनगर में एक गोदाम पर छापा मारा और 1,400 किलो नकली पनीर जब्त किया, जिसे स्किम्ड मिल्क पाउडर और पाम ऑयल का उपयोग करके बनाया जा रहा था. पुणे की अपराध शाखा के इंस्पेक्टर वाहिद पठान और पुणे के असिस्टेंट कमिश्नर (फूड) नारायण सरकटे के नेतृत्व में टीम ने 1,800 किलो स्किम्ड मिल्क पाउडर, 400 किलो ग्लिसरॉल मोनोस्टीयरेट (जीएमएस) पाउडर और 718 लीटर पाम ऑयल भी जब्त किया.

क्या है एनालॉग या नकली पनीर?

नकली पनीर को सिंथेटिक पनीर या एनालॉग पनीर भी कहा जाता है. इसका बाजार खास तौर पर इसलिए लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि इसकी कीमत डेयरी से बने पनीर से लगभग आधी है. यह दिखने और स्वाद में बिल्कुल आम पनीर जैसा ही होता है. एनालॉग पनीर या नकली पनीर सस्ते या घटिया गुणवत्ता वाले वनस्पति तेल से बनाया जाता है और पारंपरिक पनीर के विकल्प की तरह काम करता है. असली पनीर जहां ताजे फटे हुए दूध और सिरके या नींबू के रस से बनाया जाता है, वहीं एनालॉग पनीर में इमल्सीफायर, वनस्पति तेल, स्टार्च जैसी चीजें मिली होती हैं.

अमृता अस्पताल, फरीदाबाद की मुख्य क्लीनिकल न्यूट्रीशनिस्ट चारु दुआ ने इंडिया टुडे को बताया, "नियमित पनीर प्रोटीन, कैल्शियम और हेल्दी फैट का एक अच्छा स्रोत है. इसके उलट, एनालॉग पनीर में प्रोटीन की मात्रा कम होती है और इसमें अक्सर अनहेल्दी फैट, खासकर ट्रांस फैट या सैचुरेटेड फैट का उच्च स्तर होता है."

भले ही भारत में एनालॉग पनीर बेचना गैरकानूनी नहीं है, लेकिन FSSAI के अनुसार, एनालॉग पनीर को 'गैर-डेयरी' के रूप में लेबल न करना दंडनीय है.

चूंकि एनालॉग पनीर में दूध में मौजूद पोषक तत्व नहीं होते, इसलिए यह कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा करता है. सस्ते वनस्पति तेल और स्टार्च से बने एनालॉग दूध में ट्रांस फैट होता है, जिसे सबसे खराब प्रकार का फैट माना जाता है. ये खाने लायक फैट नहीं हैं, और ये शरीर के कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. वहीं ट्रांस फैट शरीर के अंदर सूजन का कारण बनती है, जो डायबिटीज, कैंसर और हृदय रोग सहित दीर्घकालिक बीमारियों के लिए जिम्मेदार है.

चारु दुआ बताती हैं, "ट्रांस फैट का नियमित सेवन इंसुलिन प्रतिरोध से जुड़ा है जिससे जो टाइप 2 डायबिटीज का खतरा होता है. यह शरीर में मौजूद ब्लड शुगर को कंट्रोल करने की क्षमता को बाधित करता है, जिससे शुगर का स्तर लगातार बढ़ा रहता है."

न्यूट्रिशन और डाइट एक्सपर्ट नीलांजना सिंह ने एनालॉग पनीर के बारे में कहा, "हालांकि बनावट और स्वाद अलग-अलग होते हैं, लेकिन डेयरी आधारित पनीर से परिचित लोग नकली पनीर को पहचान सकते हैं. स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बहुत अधिक हैं, क्योंकि उपयोग किए जाने वाले वनस्पति तेल, जो अक्सर हाइड्रोजनीकृत होते हैं और जिनमें ट्रांस फैट होता है, शरीर के लिए हानिकारक होते हैं. ये खराब गुणवत्ता वाले तत्व हृदय संबंधी समस्याओं का कारण बन सकते हैं."

एनालॉग पनीर से पाचन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे पेट फूलना और अपच. इसके कारण उल्टी, दस्त और मतली भी हो सकती है.

कैसे करें नकली पनीर की पहचान?

दूध को दही में बदलने की प्रक्रिया से बनने वाला प्राकृतिक पनीर एक ठोस बनावट वाला होता है और इसकी महक दूध जैसी होती है. नीलांजना सिंह के अनुसार, जो लोग ताजा पनीर खाने के आदी हैं, वे इसकी बनावट और स्वाद देखकर ही एनालॉग पनीर को पहचान लेंगे.

एनालॉग पनीर की पहचान करने का सबसे आसान तरीका है पैकेट के पीछे छपे इन्ग्रेडिएंट लिस्ट की जांच करना. FSSAI का कहना है कि गैर-डेयरी विकल्पों का उपयोग करने वाले उत्पादों की पैकेजिंग पर 'एनालॉग' या 'नकली' जैसे शब्दों का स्पष्ट रूप से उल्लेख होना चाहिए.

जहां सामान्य पनीर गर्म करने पर भूरा हो जाता है, वहीं सिंथेटिक पनीर जल्दी टूटकर पिघल जाता है. FSSAI के अनुसार, आयोडीन परीक्षण भी नकली पनीर की पहचान करने में मदद कर सकता है. एक पैन लें और उसमें पनीर उबालें. उबले हुए पनीर में आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें डालें. अगर यह नीला हो जाए तो समझ लें कि यह नकली है.

नकली पनीर की पहचान करने की एक और तरकीब है - तूर दाल का टेस्ट. उबले हुए पनीर को पानी में ठंडा होने दें. पानी में थोड़ी तूर दाल डालें और 10 मिनट तक ऐसे ही रहने दें. अगर पानी का रंग हल्का लाल हो जाए तो पनीर नकली हो सकता है. अगर रंग में कोई बदलाव नहीं होता है तो आप सुरक्षित रूप से पनीर का आनंद ले सकते हैं. घर पर, विशेषज्ञ पौष्टिक भोजन के लिए ताजा पनीर बनाने या उच्च गुणवत्ता वाला पनीर खरीदने की सलाह देते हैं.

क्या हुआ महाराष्ट्र विधानसभा में?

अहिल्यानगर (अहमदनगर) जिले के श्रीगोंडा से बीजेपी विधायक विक्रम पचपुते ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था. असली और नकली पनीर के पैकेट दिखाते हुए पचपुते ने विधायकों से कहा कि बाजार में बिकने वाले लगभग 70 प्रतिशत पनीर दूध से नहीं बने हैं. बच्चों को अक्सर पनीर खिलाए जाने की ओर इशारा करते हुए पचपुते ने कहा कि उन्हें "पनीर के नाम पर तेल की टिकिया" दी जा रही है. उन्होंने कहा, "यह जनहित का मामला है," और बताया कि इससे कैंसर और लीवर की बीमारी हो सकती है.

अप्रैल 2024 से इस साल 28 फरवरी के बीच राज्य एफडीए ने पनीर के 261 नमूनों की जांच की और पाया कि 19 नमूने एनालॉग या नकली पनीर जैसे थे. पचपुते ने बताया कि खाद्य नमूनों की जांच में लगने वाले समय को कम करने के लिए परीक्षण सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की जरूरत है.

उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने नकली पनीर पर नकेल कसने का वादा किया. उन्होंने कहा, "यह लोगों की जिंदगी से खेलने जैसा है." उन्होंने यह भी कहा कि सरकार खाद्य पदार्थों में मिलावट पर नकेल कसने के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे और प्रयोगशालाएं बनाएगी.

विधानसभा में इस मामले के उठाए जाने के बाद ही कार्रवाई हुई. इस मामले में एक व्यक्ति पर मामला दर्ज किया गया है और एफडीए आगे की कार्रवाई कर रहा है. अधिकारियों ने लोगों से पनीर खरीदते समय सावधानी बरतने का आग्रह किया है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी है कि यह डेयरी पुणे में अन्य डेयरियों और दुकानों को पनीर भेजती रही है. डेयरी के मालिक पर मिलावटी पनीर का यह धंधा चलाने के लिए 2022 में मामला दर्ज किया गया था, मगर उसने तीन महीने पहले फिर से धंधा शुरू कर दिया. अधिकारी कहते हैं, "यह पनीर स्किम्ड मिल्क पाउडर और पाम ऑयल जैसे दूध के सस्ते विकल्पों का उपयोग करके बनाया जा रहा था."

उन्होंने बताया कि मुंबई में ऐसी कई इकाइयां हैं जो राज्य के अन्य स्थानों जैसे कि पुणे से सटे पिंपरी-चिंचवाड़ में डेयरियों और दुकानों को मिलावटी या नकली पनीर की आपूर्ति कर रही हैं. नमूनों को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया और मौके पर जब्त किए गए स्टॉक को नष्ट कर दिया गया.

Advertisement
Advertisement