29 अप्रैल को अचानक से कर्नाटक के प्रज्वल रेवन्ना अपने उन वीडियोज की वजह से चर्चा में आ गए जिनमें उन्हें महिलाओं का यौन उत्पीड़न करते हुए देखा जा सकता है. उनपर यौन उत्पीड़न के अलावा सेक्स वीडियो रिकॉर्ड करने, धमकी देने और साजिश रचने के आरोप हैं.
जिस पेनड्राइव को इन वीडियोज का सोर्स कहा जा रहा है, उसमें 2900 से ज्यादा इसी तरह के वीडियोज होने की बात सामने आ रही है. फिलहाल रेवन्ना कर्नाटक की हासन सीट से सांसद हैं और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी बीजेपी समर्थित जेडीएस के उम्मीदवार हैं.
उनके परिवार की बात करें तो प्रज्वल के दादा एचडी देवेगौड़ा पूर्व प्रधानमंत्री रह चुके हैं. इसके अलावा उनके पिता एचडी रेवन्ना कर्नाटक में विधायक और उनके चाचा एचडी कुमारस्वामी पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं. प्रज्वल रेवन्ना का इस मामले में यही कहना है कि यह वीडियोज सही नहीं हैं.
कैसे सामने आए वीडियोज?
प्रज्वल रेवन्ना ने खुद इन वीडियोज का जिक्र जून 2023 में बेंगलुरु सिविल कोर्ट में किया था जब उन्होंने अदालत से मीडिया संस्थानों पर इन वीडियोज को पब्लिश करने से रोक लगाने की मांग की थी. वे कुल 86 मीडिया संस्थानों और तीन लोगों के खिलाफ अदालत गए थे जिनमें से उनके एक पूर्व ड्राइवर भी शामिल थे.
कभी परिवार की सदस्य तरह रहे इस ड्राइवर ने मार्च 2023 में 7 सालों तक काम करने के बाद नौकरी छोड़ दी थी. दिसंबर 2023 में ड्राइवर ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई कि उसकी पत्नी को 13 एकड़ जमीन के मामले में प्रज्वल ने किडनैप कर लिया है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रज्वल से अनबन होने के बाद ड्राइवर ने उसे धमकाना शुरू किया था.
इसके बाद इन वीडियोज का मुद्दा जनवरी 2024 में हासन के वकील और बीजेपी नेता देवराजे गौड़ा ने उठाया. इन्हीं देवराजे गौड़ा की चिट्ठी 29 अप्रैल को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने अपने एक्स अकाउंट पर शेयर की थी. चिट्ठी पोस्ट करने के साथ ही पवन खेड़ा ने यह आरोप भी लगाया था कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को इस कांड के बारे में सब मालूम होते हुए भी प्रज्वल को न केवल टिकट दिया गया बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके लिए प्रचार भी किया.
देवराजे ने यह दावा किया था कि प्रज्वल के इसी पूर्व ड्राइवर के दिसंबर में किए केस के बाद उनके पास ये वीडियोज आ गए थे. उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "ड्राइवर के जरिए मुझे प्रज्वल की तस्वीरों और वीडियो का पता चला. मुझे यह नहीं पता कि उसके पास ये वीडियो कहां से आए."
क्या है पेनड्राइव का पूरा मामला?
लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के लिए 26 अप्रैल को मतदान होना था. इसके ठीक एक दिन पहले ही कर्नाटक के हासन में सैकड़ो पेनड्राइव के जरिए ये वीडियोज बांट दिए गए. इन्हीं पेनड्राइव के बारे में कहा जा रहा है कि इनमें 2900 से ज्यादा वीडियोज हैं, जो खुद प्रज्वल रेवन्ना ने रिकॉर्ड किए हैं. इन पेनड्राइव के फैलने के बाद कर्नाटक महिला आयोग की प्रमुख नागलक्ष्मी चौधरी ने सीएम सिद्धारमैया और पुलिस को चिट्ठी लिखकर इस मामले की जांच करने की मांग की.
27 अप्रैल को कर्नाटक सरकार ने वीडियो की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दे दिया. इसी बीच खबर आती है कि 26 अप्रैल के मतदान के बाद प्रज्वल रेवन्ना यूरोप दौरे पर निकल गए.
30 अप्रैल को दो बातें हुईं. पहले तो गृहमंत्री अमित शाह ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए प्रेस कांफ्रेंस में बयान दिया कि सरकार मातृशक्ति के साथ खड़ी है मगर साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर इस पूरे मामले का दोष मढ़ दिया. केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, "बीजेपी का रुख साफ है कि हम देश की 'मातृशक्ति' के साथ खड़े हैं. मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि वहां (कर्नाटक) किसकी सरकार है? सरकार कांग्रेस पार्टी की है. उन्होंने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? प्रियंका गांधी को अपने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से पूछना चाहिए."
उन्होंने आगे कहा, "हमें इस पर कार्रवाई नहीं करनी है क्योंकि यह राज्य की कानून व्यवस्था का मुद्दा है. राज्य सरकार को इस पर कार्रवाई करनी है."
इसके अलावा इसी तारीख को जेडीएस ने हुबली में कोर कमिटी की बैठक के बाद प्रज्वल रेवन्ना को पार्टी से निलंबित कर दिया. हालांकि मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए रेवन्ना के चाचा और जेडीएस के प्रदेश अध्यक्ष एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि निलंबन की अवधि "एसआईटी की जांच पूरी होने तक ही है." अगर उनके खिलाफ आरोप साबित हो गए तो उन्हें स्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाएगा.