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भोपाल में उजागर हुए सेक्स रैकेट कांड ने कैसे अब सांप्रदायिक रंग ले लिया है?

मामला भोपाल के रायसेन रोड स्थित एक निजी कॉलेज का है जहां कुछ मुस्लिम लड़कों ने कथित तौर पर हिंदू लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया

भोपाल में सामूहिक बलात्कार के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों के साथ पुलिस
भोपाल में सामूहिक बलात्कार के मामले में गिरफ्तार तीन आरोपियों के साथ पुलिस
अपडेटेड 5 मई , 2025

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियों को निशाना बनाने वाले सेक्स रैकेट के मामले ने अब सांप्रदायिक रंग ले लिया है.

पुलिस ने यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग के आरोप में पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान फरहान, साहिल, अली सैयद, नबील और साद सिद्दीकी के रूप में हुई है.

मामले में छठा संदिग्ध अबरार अभी फरार है. चूंकि पीड़ित लड़कियों और आरोपितों के धर्म अलग-अलग हैं, और यह आरोप लगने के बाद कि पीड़िताओं पर जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव डाला जा रहा था; शहर में कई हिंदू समूह भी इसमें कूद पड़े हैं और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

पुलिस के मुताबिक मामला रायसेन रोड स्थित एक निजी कॉलेज का है जहां हिंदू लड़कियों को पहले प्रेम जाल में फंसाया गया और फिर उनके साथ संबंध बनाने का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने का आरोप है.

वीडियो वायरल करने की धमकी देकर युवतियों पर दबाव बनाया गया कि वो अपनी सहेलियों या परिचित लड़कियों को भी लड़कों से मिलवाकर दोस्ती करवाएं और बाद में उन युवतियों के साथ भी दुष्कर्म किया गया. सभी आरोपी युवक मुस्लिम हैं जबकि पीड़ित सभी लड़कियां हिंदू हैं.

यह मामला 16 अप्रैल को तब सामने आया जब एक छात्रा ने भोपाल के बागसेवनिया पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की कि उसी इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र फरहान ने उसका यौन शोषण किया और ब्लैकमेल किया.

16 अप्रैल को दर्ज एफआईआर में पीड़ित युवती ने पुलिस को बताया कि पहले उसके साथ फराज खान नाम के युवक ने हिंदू नाम बताकर प्रेमजाल में फंसाया और संबंध बनाए. इसी दौरान वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग का खेल शुरू हुआ और तब पता चला कि उसका असली नाम फराज है.

आरोपित ने पीड़िता को दो अन्य युवकों से भी मिलवाया जिन्होंने बारी-बारी उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद इसी कॉलेज की दो अन्य छात्राओं ने भी इसी तरह की घटना खुद के साथ घटित होने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज करवाई तो मामले की गंभीरता का खुलासा हुआ.

पुलिस ने जांच शुरू की और फरहान को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से जब्त किए गए कंप्यूटर और फोन में कथित तौर पर पीड़ित छात्रा के साथ-साथ कई लड़कियों के अश्लील वीडियो मिले हैं. पीड़िता ने आरोप लगाया कि फरहान ने उसकी बड़ी बहन को भी ब्लैकमेल किया और उसका यौन शोषण किया.

पुलिस जांच में पता चला कि कुछ आरोपित अलग-अलग राज्यों से हैं, जबकि सभी पीड़ित छात्राएं मध्य प्रदेश के अलग-अलग शहरों से हैं. उनमें से कुछ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों से हैं.

28 अप्रैल तक कॉलेज की चार छात्राओं ने जहांगीराबाद और अशोका गार्डन पुलिस स्टेशनों में शिकायतें दर्ज कीं. उन्होंने कहा कि संदिग्धों ने उन्हें 'मारिजुआना' भी दिया था. मारिजुआना एक नशीला पदार्थ है, जो भांग (कैनबिस) के पौधे से प्राप्त होता है. इसमें टेट्राहाइड्रोकैनाबिनॉल (THC) रसायन होता है, जो दिमाग पर असर डालता है और नशा पैदा करता है.

दर्ज शिकायतों के मुताबिक शहर का एक क्लब भी उन स्थानों में शामिल था जहां कथित तौर पर छात्राओं का शोषण हुआ. पुलिस ने कहा कि आरोपितों के डिवाइस पर अश्लील साइटों के लिंक मिले और संभवतः छात्राओं के अश्लील वीडियो अपलोड करने की कोशिश की गई थी.

पुलिस ने आरोपितों पर बलात्कार और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) कानून, 1989; मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2021; और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत मामले दर्ज किए.

इस बारे में 'आजतक' से बात करते हुए भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा ने बताया कि अब तक 3 युवतियों ने केस दर्ज करवाया है. शिकायत के आधार पर दुष्कर्म की धाराओं के साथ पॉक्सो के तहत भी केस दर्ज किया गया है क्योंकि इनमें से एक युवती घटना के समय नाबालिग थी.

इधर, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं, जिनमें भोपाल से सांसद आलोक शर्मा शामिल हैं, ने इस मुद्दे को सांप्रदायिक आधार पर उठाया है. 1 मई को भोपाल में हिंदू समूहों ने पीड़ित छात्राओं के लिए न्याय की मांग को लेकर कैंडल लाइट जुलूस निकाले.

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