चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) दो सीटें जीतने में कामयाब हुई. वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक, कांग्रेस एक और तृणमूल कांग्रेस एक सीट पर विजयी हुई. AAP ने नतीजों के बाद X पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्रीय राजनीति में पार्टी की धमाकेदार वापसी.
गुजरात की दो सीटों विसावदर और कडी में उपचुनाव हुए थे. इनमें विसावदर सीट पर AAP के गोपाल इटालिया जीते. वहीं कडी सीट पर BJP के राजेंद्रकुमार चावडा को जीत हासिल हुई.
पंजाब की लुधियाना पश्चिम सीट पर AAP के संजीव अरोड़ा ने कांग्रेस भारत भूषण आशु को 10,637 वोटों से हराया. इस सीट पर एक दिलचस्प बात यह रही कि यहां BJP उम्मीदवार जीवन गुप्ता तीसरे स्थान पर रहे और इस सीट पर पहले भी चुनाव जीतने वाली शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार चौथे स्थान पर रहे.
पश्चिम बंगाल की कालीगंज विधानसभा सीट की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. यहां ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अलिफा अहमद 50,000 से अधिक वोटों से चुनाव जीतीं. यहां वामपंथी दलों ने अपना उम्मीदवार नहीं दिया था. कांग्रेस के उम्मीदवार यहां तीसरे स्थान पर रहे. वहीं BJP के उम्मीदवार आशीष घोष यहां दूसरे नंबर पर रहे.
केरल की नीलम्बूर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार आर्यदान शौकत ने कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (मार्क्ससिस्ट) के उम्मीदवार एम स्वराज को 11,077 वोटों से पटखनी दी. केरल की राजनीति में यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट का नेतृत्व कांग्रेस करती है और इसी मोर्चे के उम्मीदवार के तौर पर शौकत मैदान में थे. इस नतीजे को प्रदेश की सत्ताधारी लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के लिए झटका माना जा रहा है. क्योंकि 2021 के चुनाव में यहां एलडीएफ को जीत मिली थी.
इस उपचुनाव में गुजरात की विसावदर सीट से गोपाल इटालिया की जीत सबसे अहम कही जा सकती है. यह सीट पहले भी AAP के पास थी. 2022 के विधानसभा चुनाव में यहां से पार्टी के उम्मीदवार भूपेंद्र भयानी चुनाव जीते थे. लेकिन 2023 के दिसंबर में उनके BJP में शामिल होने के बाद यह सीट खाली हुई थी.
इस सीट पर BJP की तरफ से किरीट पटेल मैदान में थे. इस सीट पर जीत के लिए पार्टी ने अपना पूरा जोर लगा दिया था. प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत प्रदेश भाजपा प्रमुख पदाधिकारियों समेत गुजरात के केंद्रीय मंत्रियों ने भी इस सीट पर पार्टी का प्रचार किया था. इसके बावजूद AAP 17,500 से अधिक वोटों से यह चुनाव जीती.
पार्टी इस जीत को 2027 में हुए विधानसभा चुनावों के लिए एक शुभ संकेत के तौर पर देख रही है. इस जीत से उत्साहित AAP की गुजरात इकाई के अध्यक्ष ईशुदान गढ़वी ने तो यहां तक दावा कर दिया कि 2027 में अगर BJP को गुजरात में कोई हरा सकता है तो वह AAP ही है.
21 जुलाई 1989 को गुजरात के बोटाद में जन्मे गोपाल इटालिया राजनीति में आने से पहले पुलिस अधिकारी थे. इटालिया 2017 में तब चर्चा में आए जब उन्होंने एक सरकारी कर्मचारी के रूप में उस समय के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल को शराबबंदी के उल्लंघन की शिकायत करने के लिए फोन किया था. उस फोन कॉल का वीडियो वायरल हो गया था और इसके बाद उन्हें लोग जानने लगे. 2020 में आम आदमी पार्टी में आने से पहले वे पाटीदार आंदोलन में भी सक्रिय थे. उसी आंदोलन के दौरान सत्ताधारी BJP के अलावा दूसरी पार्टियों के पटेल नेताओं से भी उनकी नजदीकी बढ़ी.
इटालिया गुजरात में आप के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं. वे प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भी रहे हैं. उनके बाद ही ईशुदान गढ़वी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था. गुजरात में इटालिया की पहचान एक एक्टिवस्ट नेता की रही है. उन्हें पसंद करने वालों में BJP के नेता भी रहे हैं. गुजरात BJP के नेता भी ऑफ दि रिकॉर्ड बातचीत में इटालिया की तारीफ करते हैं और कहते हैं कि वे जनता से जुड़े मुद्दों को लगातार उठाते रहते हैं. इन सबके बावजूद इटालिया 2022 में कतारगाम सीट पर BJP उम्मीदवार से चुनाव हार गए थे. लेकिन इस बार की उनकी जीत से AAP उत्साहित है.
इस जीत के बाद गढ़वी ने कहा, ''अगर कोई है जो BJP को हरा सकता है, तो वह AAP है. आप 2027 में सरकार बनाने जा रही है. आज उसकी नींव रखी गई है. यह विसावदर के लोगों, किसानों, मजदूरों और बेरोजगार युवाओं की जीत है. यह गुजरात के लोगों की जीत है. आपने देखा होगा कि BJP यहां लोकप्रिय नहीं है. यह पैसे और ताकत के दम पर लोगों को बहलाने—फुसलाने का काम करती है लेकिन इसने AAP के एक नेता को तोड़ा और पार्टी के नेताओं ने सीट वापस हासिल कर ली.''
2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आप को पांच सीटों पर जीत हासिल हुई थी. लेकिन पार्टी को तकरीबन 13 प्रतिशत वोट मिले थे. मतों में इसी हिस्सेदारी से गुजरात में AAP अपने लिए उम्मीदें लगाए बैठी है.
इटालिया की जीत से भले ही AAP बेहद उत्साहित हो लेकिन BJP 2027 के चुनावों की नजर से AAP को कोई खतरा मानने को तैयार नहीं है. प्रदेश BJP के एक नेता कहते हैं, ''विसावदर सीट पहले भी AAP के पास ही थी. सही मायने में देखा जाए तो यह पार्टी की नहीं बल्कि उसके उम्मीदवार की जीत है. अगर पूरे प्रदेश में AAP के पक्ष में हवा बह रही थी तो फिर कडी सीट पर उसे सिर्फ 3,000 वोट ही क्यों मिले. इस सीट पर पोलिंग 1.68 लाख से अधिक हुई थी. यहां BJP उम्मीदवार को तकरीबन एक लाख वोट मिले हैं. 2027 विधानसभा चुनाव में BJP के लिए आप कोई चुनौती नहीं है.''
गुजरात और पंजाब के उपचुनावों में AAP की जीत पर पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा है, ''दोनों जगह पिछले चुनाव के मुक़ाबले लगभग दोगुने मार्जिन से जीत हुई है. ये दिखाता है कि पंजाब के लोग हमारी सरकार के कामों से बहुत खुश हैं. गुजरात की जनता अब BJP से परेशान हो चुकी है और उन्हें आम आदमी पार्टी में उम्मीद दिखाई दे रही है. दोनों जगह कांग्रेस और BJP, दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ीं. इन दोनों का एक ही मकसद था - AAP को हराना. लेकिन लोगों ने दोनों जगह इन दोनों पार्टियों को नकार दिया. विसावदर में आम आदमी पार्टी की डबल मार्जिन से जीत बताती है कि अब जनता बीजेपी के 30 साल के कुशासन से तंग आ चुकी है. गुजरात अब बदलाव की राह पर है.''