उत्तर प्रदेश में वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए दो वर्ष से भी कम का समय रह गया है, ऐसे में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपनी चुनावी तैयारियों को मुकम्मल करना शुरू कर दिया है. जुलाई में प्रदेश में आयोजित होने वाले वन महोत्सव को इस बार योगी सरकार ने प्रदेशव्यापी जनांदोलन के रूप में मनाने जा रही है.
‘एक पेड़ मां के नाम’ थीम पर आधारित इस वृक्षारोपण महाअभियान-2025 में योगी सरकार इस बार एक दिन में प्रदेश की कुल जनसंख्या से भी अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है. एक नई पहल के तहत 1 से 7 जुलाई तक आयोजित होने वाले वन महोत्सव के दौरान जन्म लेने वाले प्रत्येक नवजात शिशु को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ प्रदान किया जाएगा, साथ ही शिशु के अभिभावकों को एक पौधा भी भेंट किया जाएगा. प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं विभागाध्यक्ष सुनील चौधरी ने बताया कि ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट के साथ पौधे जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी व अन्य सरकारी अस्पताल में जन्मे बच्चों को प्रदान किए जाएंगे. भेंट स्वरूप सागौन, शीशम समेत इमारती प्रजाति के पौधों को प्राथमिकता दी जाएगी. अभिभावको खाली स्थानों पर पेड़ लगाने के संबंध में जानकारी भी वन विभाग देगा.
योगी सरकार ने प्रदेश में हरियाली को डेढ़ गुणा बढ़ाने के लिए अगले छह वर्षों में 210 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया है. भारतीय वन सर्वेक्षण 2023 की रिपोर्ट के अनुसार अभी यूपी का हरित आवरण 9.36 प्रतिशत है. वर्ष 2030 तक प्रदेश का हरित आवरण 15 प्रतिशत करने के लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए हर वर्ष 35-35 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे. इस बार वन महोत्सव में कुल 35 करोड़ पौधे रोपे जाने हैं, जो उत्तर प्रदेश की कुल आबादी से भी अधिक होगी. पौधरोपण अभियान को प्रभावी बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने इसके साथ कई कार्यक्रमों को भी संबद्ध किया है.
योगी सरकार ने प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में महापुरुषों के नाम पर जंगलों की स्थापना कर अपने समर्थक मतदाताओं को अगले विधानसभा चुनाव से पहले सकारात्मक संदेश देने की रणनीति तैयार की है. वन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं, “इस बार प्रदेश में विशेष वृक्षारोपण अभियान के तहत पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल और आदिवासी महापुरुष बिरसा मुंडा जैसे प्रतिष्ठित प्रतीकों के नाम पर कई जंगल स्थापित जाएंगे.”
भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी समारोह को यादगार बनाने के लिए प्रदेश में 'अटल वन' की नींव रखी जाएगी. अभियान के हिस्से के रूप में, आगरा में वाजपेयी के पैतृक गांव बटेश्वर में बटेश्वर महादेव मंदिर में एक कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां प्रत्येक प्रभागीय वन अधिकारी या उनके प्रतिनिधि को अटल वन में लगाने के लिए एक बरगद का पौधा दिया जाएगा. इसी तरह, सरदार पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 'एकता वन' स्थापित किया जाएगा. इस साल हर जिले में कम से कम एक 'अटल वन' और एक 'एकता वन' लगाया जाएगा, जो कम से कम एक हेक्टेयर जमीन पर होगा.
केंद्र सरकार पहले से ही आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की विरासत और 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय गौरव वर्ष मना रहा है, प्रदेश की योगी सरकार ने विशेष पौधरोपण अभियान के जरिए महापुरुषों को हरित श्रद्धांजलि देने की योजना बनाई है. गोरखपुर, महाराजगंज, सोनभद्र, , देवरिया, बलिया, वाराणसी, गाजीपुर, बस्ती, मऊ, आजमगढ़, जौनपुर लखीमपुर खीरी, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, ललितपुर, भदोही, कुशीनगर, चंदौली और संत कबीर नगर जैसे आदिवासी बहुल जिलों में कम से कम एक 'एकलव्य वन' बनाया जाएगा. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आदिवासियों को पौधरोपण में शामिल किया जाएगा और प्राथमिकता फलदार पेड़ लगाने की होगी, ताकि लोगों को इसका फायदा मिल सके.
शहरों और शहरी इलाकों में हरित क्षेत्र बढ़ाने के मकसद से 'ऑक्सी वन' बनाए जाएंगे. वन विभाग के एक अधिकारी बताते हैं, “हर नगर निगम और नगर पालिका में एक हेक्टेयर ऑक्सी वन होगा. इनके अलावा, 15 अगस्त को हर जिले में रक्षा बलों की वीरता के सम्मान में 'शौर्य वन' की स्थापना होगी. शहीदों के गांव इसके लिए पसंदीदा स्थान होंगे.” हर गौशाला परिसर में एक 'गोपाल वन' होगा, जिसमें गायों के लिए चारा और छाया देने वाले पेड़ों की प्रजातियां होंगी. प्रयागराज में महाकुंभ के सफल आयोजन की याद में, हर जिले से होकर बहने वाली नदियों के किनारे 'त्रिवेणी वन' लगाए जाएंगे. 'त्रिवेणी वन' में नीम, पीपल और पाकर के पौधे रोपे जाएंगे. इससे पहले योगी सरकार ने 23 जून को भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के मौके पर भी प्रदेश में वृहद वक्षारोपण अभियान चलाया था.
यूपी में इस वर्ष पौधरोपण अभियान से महापुरुषों और महिलाओं को जोड़कर एक समाजिक समरसता का भी संदेश देने की योगी सरकार की कोशिशों को राजनीतिक विश्लेषक नए नजरिए से भी देख रहे हैं. लखनऊ में बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक सुशील पांडेय बताते हैं, “मुख्यमंत्री योगी पिछले काफी समय से अपने कार्यक्रमों में महिलाओं व नवजात शिशुओं का खास ख्याल रखते दिखाई दे रहे हैं. बीते दिनों बहराइच में सुहेलदेव की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने नवजातों का नामकरण राजा सुहेलदेव के नाम पर किया था. अब नवजात को नवजात शिशु को ‘ग्रीन गोल्ड सर्टिफिकेट’ देने की घोषणा कर योगी आदित्यनाथ ने यूपी की आधी आबादी के साथ अपने जुड़ाव को और मजबूत करने की कोशिश की है.”
पांडेय के मुताबिक विपक्ष के पीडीए नैरेटिव का मुकाबला योगी सरकार महापुरुषों को हरित श्रद्धांजलि के जरिए भी करेगी. अटल बिहारी वाजपेयी, सरदार पटेल और बिरसा मुंडा जैसे महापुरुषों की याद में वन की स्थापना के जरिए मुख्यमंत्री योगी अगले विधानसभा चुनाव से बीजेपी के समर्थक मतदाताओं में पैठ बनाने की कोशिश करेगी.