चुनावी 'रेवड़ी' या कहिए मुफ्त सुविधाएं एक ऐसी बरसात की तरह हो गई हैं जो चुनावी मौसम शुरू होते ही झमाझम बरसने लगती हैं. महाराष्ट्र और झारखंड से होते हुए यह 'रेवड़ी मॉनसून' अब दिल्ली पहुंच चुका है. अगले साल की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (AAP) 'रेवड़ी' और महिलाओं के लिए नकद ट्रांसफर योजना के जरिए वोटरों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
आगामी विधानसभा चुनावों में AAP के गेमप्लान का केंद्र बिंदु है - मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना. इसके तहत पार्टी ने दिल्ली में महिलाओं को हर महीने मिलने वाली राशि को 1000 से बढ़ाकर 2100 रु. करने की बात की है. 12 दिसंबर को केजरीवाल ने इसकी घोषणा करते हुए कहा, "अब से दिल्ली की हर महिला को हर महीने सीधे आर्थिक मदद मिलेगी. दिल्ली सरकार के लिए यह खर्च नहीं बल्कि वरदान है. हमारी माताओं और बहनों का आशीर्वाद समृद्धि लाएगा."
इस पहल को फाइनेंशियल ईयर 2024-25 के बजट में शामिल किया गया था और इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया था. इसका उद्देश्य हाशिए पर रहने वाली महिलाओं को 1,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता प्रदान करके उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है. 12 दिसंबर को केजरीवाल ने दिल्ली में सरकार बनने के बाद महिलाओं को प्रतिमाह 2100 रुपये दिए जाने का एलान किया. लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने महिलाओं को हर माह 1000 रुपये देने की बात कही थी, लेकिन अब इस राशि को बढ़ा दिया गया है. 15 दिसंबर को इस योजना को नोटिफाई कर दिया गया.
जहां इस योजना को AAP के समर्थकों ने 'गेम चेंजर' करार दिया है, वहीं केजरीवाल ने असंभव को संभव कर दिखाने की अपनी क्षमता पर जोर दिया. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अपने आलोचकों की चुटकी लेते हुए केजरीवाल ने कहा, "मैं जादूगर हूं. मुझे पता है कि पैसा कहां से लाना है, कहां बचाना है और कहां खर्च करना है. अगर मैं कोई वादा करता हूं, तो उसे पूरा करता हूं." दिल्ली के पूर्व सीएम अपने उन आलोचकों की ओर इशारा कर रहे थे जिन्होंने ऐसी योजनाओं के लिए फंडिंग और प्रदेश सरकार की वित्तीय सेहत पर पड़ने वाले असर पर सवाल उठाए थे.
यह योजना ऐसे समय पर लागू की गई है जब राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गर्म है. बीजेपी के नेताओं ने जहां AAP की योजनाओं को 'रेवड़ी' बताकर उनका मजाक उड़ाया है, वहीं केजरीवाल ने इन आलोचनाओं को पूरे आत्मविश्वास के साथ खारिज किया. उन्होंने कहा, "जैसे मैंने मुफ्त बिजली दी, वैसे ही मैं इसे भी लागू करूंगा. कुछ लोग इसे 'रेवड़ियां' बांटना कहते हैं, लेकिन मैं इसे अपने लोगों को सशक्त बनाना कहता हूं."
महिला सम्मान योजना के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है और AAP के कार्यकर्ता घर-घर जाकर इसमें महिलाओं की मदद कर रहे हैं. यह सब AAP के स्मार्ट अभियान का हिस्सा है, पार्टी ने सभी 70 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की सूची अपने प्रमुख विरोधियों बीजेपी और कांग्रेस से काफी पहले जारी कर दी है.
AAP के प्रचार अभियान का सिलसिला यहीं तक नहीं थमता. शहर के ऑटोरिक्शा चालक, जो AAP की स्थापना के बाद से ही पार्टी के सपोर्ट सिस्टम का एक अहम हिस्सा रहे हैं, उनके प्रति आभार व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने एक व्यापक कल्याणकारी पैकेज की शुरुआत की. दिल्ली के पूर्व सीएम ने ऑटोरिक्शा चालकों के लिए 15 लाख रुपये का जीवन और दुर्घटना बीमा, उनकी बेटियों की शादी के लिए एक लाख रुपये की आर्थिक मदद और साल में दो बार वर्दी सिलाने के लिए 2500 रुपये का वर्दी भत्ता देने का एलान किया.
इसके अलावा केजरीवाल ने ऑटोरिक्शा चालकों के बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग क्लास का भी वादा किया. इस तरह AAP के राष्ट्रीय संयोजक ने फिर ऑटोरिक्शा चालकों को अपने पीछे एकजुट करने का आह्वान किया. उन्होंने यह भी घोषणा की कि ऑटोरिक्शा को सवारी बुलाने के लिए 'पूछो' ऐप पर लाया जाएगा.
केजरीवाल ने ऐसे ही एक ड्राइवर नवनीत सिंह के घर जाकर कहा, "ऑटोरिक्शा चालकों ने मेरी पहली चुनावी जीत में अहम भूमिका निभाई थी और मुझे भरोसा है कि वे यह सुनिश्चित करेंगे कि हर यात्री AAP के लिए वोट करे." इस यात्रा में केजरीवाल का निजी लगाव दिखा. उन्होंने सिंह के परिवार के साथ भोजन करके और ऑटोरिक्शा चलाने वाले लोगों के साथ अपने संबंधों के बारे में कहानियां साझा करके मतदाताओं से जुड़ाव को दिखाने की कोशिश की.
दूसरी तरफ, AAP का ध्यान युवाओं और नए व्यवसायों पर भी है. इसकी बानगी बिजनेस ब्लास्टर्स सीनियर्स कार्यक्रम में दिखती है. यह विश्वविद्यालय और आईटीआई के छात्रों को नए व्यवसाय शुरू करने में मदद करता है, जिसमें प्रत्येक टीम को 50,000 रुपये तक की सीड फंडिंग दी जाती है. यह पहल स्मार्ट आइडियाज को वर्किंग बिजनेस में बदलने के लिए मार्गदर्शन भी प्रदान करती है.
दिल्ली की मौजूदा सीएम आतिशी ने पिछले सप्ताह इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि भारत के युवा प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें नौकरी क्रिएट करने के बजाय नौकरी ढूंढ़ने का दबाव झेलना पड़ता है. उन्होंने कहा कि बिजनेस ब्लास्टर्स का उद्देश्य इस मानसिकता को तोड़ना और नौकरी देने वालों को बढ़ावा देना है.
आतिशी ने कहा कि यह पहल दिल्ली के स्कूलों में इसी तरह के कार्यक्रम की सफलता पर आधारित है, जहां छात्रों ने 2,000 रुपये की राशि से स्टार्ट-अप शुरू किया था. आतिशी ने कहा, "अगर 19 साल के युवा विश्वविद्यालय के छात्रों को स्टार्ट-अप शुरू करने के बारे में मार्गदर्शन कर सकते हैं, तो मुझे पूरा विश्वास है कि वे भारत की नौकरियों की जरूरत को पूरा करेंगे."
AAP की इन कई घोषणाओं की विपक्षी दलों ने आलोचना की है, वे पार्टी पर पॉपुलिज्म (लोकलुभावनवाद) का आरोप लगाते हैं. आलोचकों का कहना है कि ये योजनाएं जनता के पैसे पर दबाव डालती हैं और अवास्तविक उम्मीदें जगाती हैं.
इस साल के बजट में दिल्ली सरकार ने सब्सिडी और 'रेवड़ी' पर काफी खर्च करने का प्रावधान किया है. उदाहरण के लिए, 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली स्कीम के लिए सब्सिडी के लिए 3,250 करोड़ रुपये मिले. महिला सम्मान योजना को 2,000 करोड़ रुपये मिले. कुल मिलाकर, सरकार ने अलग-अलग मुफ्त योजनाओं पर करीब 6,327.75 करोड़ रुपये खर्च करने का इरादा किया है. यह राशि कुल बजट 76,000 करोड़ रुपये का लगभग 8.3 फीसद है. पिछले साल यह पांच फीसद के करीब थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले भी राज्यों द्वारा दी जाने वाली मुफ्त सुविधाओं की आलोचना की है और इसे "रेवड़ी" कल्चर बताया है. लेकिन केजरीवाल ने ऐसी आलोचनाओं के बावजूद अपनी नीति को और मजबूत करते हुए इसे कल्याणकारी योजना बताया है. उन्होंने कहा, "हम इस योजना के जरिए अपनी माताओं और बहनों पर कोई एहसान नहीं कर रहे हैं. महिलाएं घर चलाती हैं, अपने बच्चों में अच्छे संस्कार भरती हैं और बच्चों की परवरिश करती हैं, जो देश का भविष्य हैं. अगर हम उनके काम में थोड़ी मदद या सहयोग करते हैं, तो हम खुद को भाग्यशाली समझते हैं."
भले ही बीजेपी AAP को कड़ी चुनौती दे रही है और कांग्रेस गैर-बीजेपी वोटों में सेंध लगाने की चुनौती दे रही है, केजरीवाल बहुत आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहे हैं, चुनावी अभियान को अपनी सरकार की उपलब्धियों, विशेष कल्याणकारी उपायों और विभिन्न समूहों तक निजी पहुंच के मिश्रण के रूप में तैयार कर रहे हैं. उनकी पार्टी राष्ट्रीय राजधानी में एक और विधानसभा चुनाव जीतने के लिए सभी वादों को पूरा करने पर दांव लगा रही है - महिलाओं की थोड़ी सी मदद से.