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सिपाही भर्ती परीक्षा : योगी सरकार ने पेपर लीक और बाकी गड़बड़ियां रोकने के लिए इस बार क्या इंतजाम किए हैं?

फरवरी में पेपर लीक के बाद निरस्त हुई सिपाही भर्ती परीक्षा अब दोबारा कराई जा रही है और इसके लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किए हैं

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
अपडेटेड 20 अगस्त , 2024

इस साल फरवरी में उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के 60 हजार पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी. तब सरकार के तमाम सुरक्षा इंतजामों और सतर्कता के बावजूद इसका पेपर लीक हो गया और योगी आदित्यनाथ सरकार को परीक्षा रद्द करनी पड़ी. ऐसा माना जाता है कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को लोकसभा चुनावों में इसका भी खामियाजा भुगतना पड़ा. अब यह परीक्षा दोबारा होने जा रही है.

उप्र पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड अब 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त को दो-दो पालियों में लिखित परीक्षा करवाने जा रहा है. सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा 19 फरवरी को दो-दो पालियों में हुई थी जिसका पेपर लीक हो गया था. इस बार पांच दिनों में 10 पालियों में परीक्षा कराई जा रही है ताकि एक परीक्षा केंद्र पर अधिक संख्या में अभ्यर्थी न पहुंचे और कड़ी सुरक्षा के बीच परीक्षा कराई जा सके.

पहले की गलतियों से सबक लेकर इस बार योगी आदित्यनाथ सरकार बेहद सतर्क दिख रही है. इस बार 67 जिलों में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में 1,174 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं. भर्ती बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि परीक्षा केंद्र जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर के भीतर बनाए गए हैं, जिससे अभ्यर्थियों को कोई असुविधा न हो. सबसे ज्यादा 81 परीक्षा केंद्र लखनऊ और 80 वाराणसी में बनाए गए हैं. पहली बार केवल सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में ही यह परीक्षा कराई जाएगी. इनमें केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, डिग्री कॉलेज और पॉलीटेक्निक को भी परीक्षा केंद्र बनाया गया है. कुल 4,82,112 अभ्यर्थी परीक्षा देंगे.

परीक्षा में 10 अन्य राज्यों के लगभग छह लाख अभ्यर्थी भी शामिल होंगे. पिछली गलतियों से सबक लेते हुए इस बार की सिपाही भर्ती परीक्षा में सुरक्षा प्रबंधों को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की आशंका पर शिकंजा कसने के लिए इस बार किसी निजी संस्थान को परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है.
सिपाही भर्ती की अब तक की सबसे बड़ी परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है. मुख्यमंत्री योगी खुद इस परीक्षा के प्रबंधों की समीक्षा कर रहे हैं. एसटीएफ को विशेष रूप से निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है. 

लखनऊ में बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के प्रोफेसर सुशील पांडेय बताते हैं, "लोकसभा चुनाव के बाद से युवा मतदाताओं को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चिंता बढ़ी है. उन्होंने न केवल 10 लाख युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है बल्क‍ि विभिन्न विभागों में चुने गए अभ्यर्थ‍ियों को नियुक्त‍ि पत्र बांटकर भी युवाओं के प्रंति अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है. अब अगर सिपाही भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न करवाकर योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार के दामन पर लगे पेपर लीक के दाग को धोना चाहते हैं."

सिपाही भर्ती परीक्षा से पहले स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सॉल्वर गिरोह की निगरानी बढ़ा दी है. पूर्व में पकड़े गए सॉल्वर गिरोह के 100 से अधिक सक्रिय सदस्यों की वर्तमान गतिविधियों को भी खंगाला जा रहा है. पता लगाया जा रहा है कि मौजूदा समय में वे कहां हैं और उनकी क्या गतिविधियां हैं. मैनुअल और सर्विलांस दोनों तरीके से उनके बारे में जानकारी जुटाने में दोनों यूनिट लगी हुई हैं. नाम न छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टीमें गोपनीय तरीके से ऐसे लोगों की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं जिनका नाम पूर्व में परीक्षा में सेंधमारी में आ चुका है.

परीक्षा वाले सभी जिलों में जो बाहरी लोग आकर होटलों में रुक रहे हैं, उनका भी रिकार्ड देखा जा रहा है. सॉल्वर गिरोह के सदस्य पहले से ही अपने साथियों को होटल में रुकवाते हैं. ऐसे में सभी होटल स्वामियों से भी संपर्क किया जा रहा है. होटल मालिकों को निर्देश दिया गया है कि वे बिहार, हरियाणा या अन्य राज्य से आए ग्राहकों की सूचना संबंधित थाना पुलिस को देंगे ताकि पुलिस उनका वेरीफिकेशन कर सके. स्थानीय पुलिस के साथ ही स्पेशल ऑपरेशन टीमें भी इस काम में लगाई गई हैं.

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने पेपर लीक या परीक्षा में गड़बड़ियों की सूचना के बारे में जानकारी के लिए वॉट्सएप नंबर और ईमेल आईडी जारी की है. इस पर शिकायतें भी आने लगी हैं. कुछ लोगों ने जानकारी दी है कि टेलीग्राम और दूसरी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए लोग पेपर लीक व सॉल्वर दिलवाने के लिए संपर्क सूत्र के बारे में बताने लगे हैं. ऐसी सभी शिकायतों की पड़ताल पुलिस व एसटीएफ कर रही हैं.

23 अगस्त से 31 अगस्त तक होने वाली सिपाही भर्ती परीक्षा में इस बार पेपर की छपाई से लेकर ट्रांसपोर्टेशन तक की कड़ी निगरानी हो रही है. पिछली परीक्षा में ट्रांसपोर्टशन के काम में लगे लोगों के जरिए ही पेपर लीक कराया गया था. इस बार बोर्ड ऐसी कोई चूक नहीं चाहता. पेपर छापने से लेकर ट्रांसपोर्टेशन के काम में लगाए गए लोगों और उनके करीबियों का ब्योरा खंगाला जा रहा है. माइक्रोलेवल पर केंद्रों की निगरानी के साथ ही हर उस बिंदु को खंगाला जा रहा है जहां से पेपर लीक होने की जरा भी आशंका है.

'उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड' ने सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की है, जो भर्ती बोर्ड में स्थापित कंट्रोल रूम से भी सीधे जुड़े रहेंगे. कंट्रोल रूम से तीन स्तर पर पुलिस और प्रशासनिक अफसर निगरानी करेंगे. परीक्षा केंद्र से जुड़े थाना प्रभारी और संबंधित अफसरों के मोबाइल से भी कंट्रोल रूम के कैमरे कनेक्ट होंगे. साथ ही लखनऊ से बैठे अधिकारी भी पुलिस भर्ती परीक्षा कक्ष को देख सकेंगे. पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण का कहना है कि परीक्षा केंद्र में सुरक्षा कारणों से अभ्यर्थियों को घड़ी पहनने व मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं है.

दरअसल कई अभ्यर्थियों ने परीक्षा के दौरान समय प्रबंधन के लिए कक्ष में दीवार घड़ी लगवाए जाने की मांग की थी. सोशल मीडिया के जरिए इसकी मांग की गई थी. बोर्ड ने अपने खर्च पर सभी परीक्षा कक्षों में दीवार घड़ी लगवाने का निर्णय किया है. परीक्षा के बाद यह घड़ी संबंधित केंद्र को ही सौंप दी जाएगी. पहली बार प्रत्येक परीक्षा केंद्र को मजिस्ट्रेट की निगरानी में लाया गया है. प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर एक सेक्टर और एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किया गया है.

मेरठ के एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि इस बार परीक्षा केंद्रों की 'थ्री लेयर' सुरक्षा रखी जा रही है. अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र से लेकर आधार कार्ड तक स्कैन किए जाएंगे. फोटो का मिलान भी पूरी तरह से होगा. उसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को लगाया है. साथ ही परीक्षा केंद्रों में किसी भी प्राइवेट व्यक्ति की मदद नहीं ली जाएगी. अभ्यर्थियों की चेकिंग करने के लिए भी इस बार पुलिस बल को ही लगाया गया है. केंद्र के पचास मीटर दायरे में परीक्षा के समय कोई नहीं घूम सकेगा. परीक्षा के बाहर की निगरानी के लिए आरएएफ को भी लगा दिया गया है. त्र‍िस्तरीय सुरक्षा के साथ आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकी का प्रयोग भी किया गया है.

जिन जिलों में सिपाही भर्ती परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है वहां पहली बार किसी परीक्षा की रिहर्सल होगी. ठीक 48 घंटे पहले ग्रैंड रिहर्सल 21 अगस्त को होगा. यह 'ग्रैंड रिहर्सल' कोषागार से पेपर निकालने, केंद्र तक पहुंचाने और प्रभारी को सौंपने तक होगी. इसके अलावा केंद्रों पर तलाशी समेत सेक्टर मजिस्ट्रेट और स्टेटिक मजिस्ट्रेटों की ड्यूटी तक का रिहर्सल होगी. सीटिंग प्लान, सीसीटीवी कैमरे और डीवीआर को भी एक्टिव किया जाएगा. उसकी मॉनिटरिंग लखनऊ स्थित कंट्रोल तक में चेक की जाएगी.

एक अधिकारी के मुताबिक परीक्षा के दिन कोषागार से परीक्षा केंद्र तक परीक्षा संबंधी सामग्री को पहुंचाने का पूर्वाभ्यास सभी संबंधित अधिकारियों एवं सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा किया जाएगा. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी बताते हैं, "रिहर्सल के दौरान सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं सभी संबंधित अधिकारियों को यह चेक करना अत्यंत आवश्यक है कि उनके पास जो वाहन है वह आवश्यकता के अनुसार फिट है अथवा नहीं. पुलिस के नोडल अधिकारी रिहर्सल में ध्यान देंगे कि ड्यूटी में लगे सभी पुलिसकर्मी समय पर ड्यूटी स्थल पर मौजूद रहें. पूर्वाभ्यास के दौरान यह भी देखा जाए कि वाशरूम आदि स्थानों पर मोबाइल अथवा अन्य कोई इलेक्ट्रानिक डिवाइस छिपाई तो नहीं गई है."

सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड 20 अगस्त से प्रवेश पत्र जारी कर रहा है. बोर्ड की ओर जारी अधिसूचना के अनुसार अभ्यर्थी बोर्ड की वेबसाइट uppbpb.gov.in से मंगलवार को शाम पांच बजे से प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकेंगे. प्रवेश पत्र पर परीक्षा की तिथि और समय, रिपोर्टिंग समय और परीक्षा केंद्र का विवरण लिखा होगा. इस तरह विश्व की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा के लिए उलटी गिनती भी शुरू हो जाएगी. अगर यह परीक्षा सकुशल संपन्न हो गई तो योगी सरकार आक्रामक ढंग से विपक्ष के आरोपों पर पलटवार कर पाएगी.

पिछली बार कहां हुई थी गड़बड़ी?

लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही के 60 हजार पदों के लिए अब तक की सबसे बड़ी भर्ती परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए योगी आदित्यनाथ ने ऐतिहासिक बंदोबस्त किए थे. सेंधमारी रोकने के लिए अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट और फेस रिकग्न‍िशन से जांच की व्यवस्था थी. स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीफ) ने भी मोर्चा संभाल लिया था. 

प्रदेश के सभी परीक्षा केंद्रों पर 17 फरवरी से दो पालियों में शुरू होने वाली दो दिवसीय परीक्षा से एक दिन पहले तक एसटीएफ ने अलग-अलग जिलों से 18 सॉल्वर दबोच लिए थे. लेकिन 17 फरवरी को सुबह 10 बजे परीक्षा शुरू होने से पहले सुबह 8 बजकर 17 मिनट पर सोशल मीडिया पर एक पेपर वायरल हुआ. यह हाथ से लिखा हुआ था और इसमें सवालों के साथ उनके जवाब भी थे. 

तेजी से वायरल हुए इस पर्चे को शरारती तत्वों की चाल मानकर परीक्षा कराने वाली संस्था ‘उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड’ ने ध्यान नहीं दिया तो दूसरे दिन तो पेपर लीक की घटना पूरी तरह सामने आ गई थी. 

फरवरी में हुई सिपाही भर्ती परीक्षा में 42 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. लोकसभा चुनाव के पहले गरमाते राजनीतिक माहौल के बीच परीक्षा लीक की खबर प्रदेश भर में आग की तरह फैली. नाराज अभ्यर्थी सड़कों पर उतर आए. प्रदेश के कई जिलों में धरना प्रदर्शन शुरू हो गए. यूपी में ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ निकाल रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुददे को जमकर उठाया. सपा समेत दूसरी विरोधी पार्टियां भी अभ्यर्थियों के समर्थन में आ खड़ी हुईं. 

दबाव में आए ‘उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड’ ने एक कमेटी का गठन कर पेपर लीक के संबंध में लोगों से ऑनलाइन सबूत उपलब्ध कराने को कहा. इसके बावजूद अभ्यर्थ‍ियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ. बोर्ड की अंदरूनी जांच में यह स्पष्ट हो गया था कि सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा में सेंध लग गई है. जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 फरवरी को गृह विभाग को तत्काल इस पुलिस भर्ती परीक्षा को निरस्त करने का निर्देश दिया. 

मुख्यमंत्री ने गड़बड़ियों की जांच एसटीएफ को सौंपते हुए छह महीने के भीतर इस पुलिस भर्ती परीक्षा को दोबारा कराने का आदेश दिया. ‘उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड’ की तत्कालीन अध्यक्ष रेणुका मिश्रा को हटाकर मुख्यमंत्री योगी ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी राजीव कृष्ण को जिम्मेदारी सौपी. हालांकि यह सारी कवायद राजनीतिक लिहाज से बेअसर ही लगी. लोकसभा चुनाव में जिस तरह यूपी में भाजपा को विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन से मुंह की खानी पड़ी उसके पीछे पेपर लीक से युवाओं का सरकार से गुस्सा को भी जिम्मेदार माना गया. हालांकि सिपाही भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपियों की जिस तेजी से धरपकड़ की गई उसकी भी दूसरी मिसाल मिलना मुश्क‍िल है. सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक कराने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड राजीव नयन राजीव नयन मिश्रा, रवि अत्री, विक्रम पहल समेत कुल चार आरोपित जेल में है, जबकि अन्य जमानत पाकर जेल से रिहा हो चुके है.

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