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बीपीएससी छात्रों पर लाठीचार्ज, फिर वॉटर कैनन का इस्तेमाल; कैसे कुरुक्षेत्र बना पटना का गांधी मैदान?

ऐसा क्या हुआ कि शाम होते-होते बीपीएससी अभ्यर्थियों का प्रदर्शन पुलिस की लाठियों का शिकार हो गया और प्रदर्शनरत छात्रों पर वाटर कैनन से पानी छोड़े गए. इसमें कई छात्र घायल हुए, आखिरकार गांधी मैदान का इलाका कैसे कुरुक्षेत्र में बदल गया

वाटर कैनन और लाठी चार्ज की वजह से घायल एक छात्र
वाटर कैनन और लाठी चार्ज की वजह से घायल एक छात्र
अपडेटेड 30 दिसंबर , 2024

तय यह हुआ था कि बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) अभ्यर्थी गांधी मैदान में गांधी की प्रतिमा के नीचे छात्र संसद करेंगे. उस छात्र संसद को प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने समर्थन दिया था. हालांकि जिला प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी थी, मगर छात्र 12.30 बजे तक गांधी मूर्ति के नीचे पहुंच गये और नारे लगाने लगे.

प्रशांत किशोर खुद उस प्रदर्शन में अपनी टीम के साथ पहुंचे. मगर ऐसा क्या हुआ कि शाम होते-होते वो प्रदर्शन पुलिस की लाठियों का शिकार हो गया और छात्रों पर वाटर कैनन से पानी छोड़े गये. कई छात्र घायल हुए, आखिरकार गांधी मैदान का इलाका कुरुक्षेत्र में बदल गया. आगे पूरी कहानी और उससे जुड़ी तसवीरें दी गई हैं.

छात्र दस बजे से ही जुटने लगे थे, पुलिस उन्हें गांधी मूर्ति के पास जाने नहीं दे रही थी

 16 दिसंबर से लगातार सत्याग्रह कर रहे बीपीएससी के अभ्यर्थियों ने रविवार 29 दिसंबर की सुबह ग्यारह बजे से गांधी मैदान में छात्र संसद का आयोजन किया था. प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने इसे समर्थन दिया था.

 जिला प्रशासन ने कुछ प्रक्रियाओं का हवाला देकर गांधी मैदान में छात्र संसद की इजाजत नहीं दी. फिर भी ग्यारह बजे से छात्र गांधी मैदान में जुटने लगे. पुलिस वहां मौजूद थी. गेट संख्या पांच को छोड़कर गांधी मैदान के सारे दरवाजे बंद कर दिये गये. मगर छात्र पांच नंबर गेट से अंदर आते रहे.

पुलिस ने जाने नहीं दिया तो छात्र वहीं बैठ गये, उनके साथ बड़ी संख्या में जनसुराज के कार्यकर्ता भी थे

• पहले पुलिस ने माइक पर एनाउंस करके छात्रों को गांधी की मूर्ति के पास जाने से रोकने की कोशिश की. छात्र भी कुछ देर के लिए, जहां उन्हें रोका गया था, वहीं दरी बिछाकर बैठ गये. इस बीच जनसुराज के सदस्य भी पोस्टर लेकर वहां पहुंच गये थे. 12.25 बजे छात्र पुलिस का घेरा तोड़कर गांधी की मूर्ति के पास पहुंच गए और नारे लगाने लगे. छात्र मूर्ति के चारो तरफ सीढ़ियों पर बैठ गये थे.

पुलिस की रोक के बावजूद छात्र घेरा तोड़कर गांधी मूर्ति के पास पहुंच गये और नारे लगाने लगे

• दोपहर 1.30 बजे के करीब जनसुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर भी वहां पहुंचे और फिर उनके नेतृत्व में नारेबाजी और प्रदर्शन होने लगा. वे छात्रों को संबोधित कर रहे थे, साथ ही छात्र और जनसुराज कार्यकर्ता लगातार नारेबाजी भी कर रहे थे. काफी देर तक प्रदर्शन करने के बाद भी यह तय नहीं हो पा रहा था कि आगे क्या किया जाये.

गांधी मूर्ति के पास अपने कपड़े पर पोस्टर लगाये एक छात्र

• शाम पांच बजे छात्रों ने तय किया कि वे मार्च निकालते हुए सीएम हाउस तक जाएंगे और वहां घेराव करेंगे. हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी दिल्ली गए हुए हैं.

आंदोलनकारी छात्रों के साथ जनसुराज नेता प्रशांत किशोर

• इस कोशिश में छात्र प्रशांत किशोर के साथ बाहर निकले ही थे कि इन्हें जेपी गोलंबर के पास रोक लिया गया. फिर चार से पांच हजार की संख्या में छात्र वहीं बैठकर प्रदर्शन करने लगे.

जेपी गोलंबर के पास जहां पुलिस ने छात्रों के हुजूम को रोक लिया

• शाम सात बजे से कुछ देर पहले प्रशासन ने छात्रों के प्रतिनिधियों को मुख्य सचिव से मिलने का ऑफर दिया. प्रशांत किशोर ने कहा आपको मिल लेना चाहिए और वे वहां से वापस चले गए. इस बीच छात्र और पुलिस के बीच थोड़ी धक्कामुक्की भी हुई.

छात्रों को चेतावनी देती पुलिस, तसवीर में एएसपी स्वीटी सहरावत दिख रही हैं

• मगर छात्र वहीं जमे रहे. फिर प्रशासन ने चेतावनी दी. एएसपी स्वीटी सहरावत ने माइक से छात्रों को चेतावनी दी कि आप लोगों से पांच छात्रों का नाम प्रतिनिधि के तौर पर देने के लिए कहा गया था, आपने नहीं दिया. आपके नेता चले गये हैं. अब आप जगह खाली कर दीजिये.

लाठीचार्ज करने के बाद वाटर कैनन चलाती पुलिस

• छात्र नहीं माने, फिर साढ़े सात बजे के करीब पुलिस ने पहले छात्रों को भगाना शुरू किया. फिर लाठी चार्ज किया और फिर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. इसमें कई छात्र घायल हुए. कुछ छात्रों को पकड़कर पुलिस अपने साथ ले गई.

पुलिस की पिटाई से घायल छात्र

• इसके बाद पुलिस ने छात्र और जनसुराज नेता समेत 21 लोगों को नामजद और 600 बेनामी लोगों के खिलाफ अनाधिकृति रूप से भीड़ इकट्ठा करने, लोगों को उकसाने और विधि व्यवस्था में समस्या उत्पन्न करने की प्राथमिकी दर्ज की है.

नामजद लोगों में जनसुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर, अध्यक्ष मनोज भारती, आनंद मिश्रा, आरके मिश्रा, कोचिंग संचालक रमांशु मिश्रा, सुजीत कुमार समेत छात्रों सुभाष कुमार ठाकुर, निखिल मणि तिवारी, शुभम स्नेहिल, विष्णु कुमार आदि के नाम हैं.

पिटाई के बाद मीडिया से बात करती एक छात्रा

• इधर छात्र नेता दिलीप कुमार और खुशबू ने आरोप लगाया है कि राजनीति की वजह से आंदोलन की यह दशा हो रही. प्रशांत किशोर ने जब छात्रों की अगुआई करने का वादा किया था तो वे आंदोलन को बीच में छोड़कर क्यों चले गये. क्यों उनके जाने के बाद ही पुलिस ने लाठी चार्ज किया.

पुलिस की हिरासत में आंदोलनकारी छात्र

• सोमवार से अभ्यर्थी फिर से गर्दनीबाग धरना स्थल पर आंदोलन के लिए बैठ रहे हैं.

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