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बिहार: लालू यादव के बांटे टिकट RJD ने क्यों लिए वापस?

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में अनिश्चितता की स्थिति है. लालू यादव के हाथों बांटे टिकट को RJD ने वापस ले लिया है.

डॉ. संजीव कुमार को टिकट देते लालू यादव
डॉ. संजीव कुमार को टिकट देते लालू यादव
अपडेटेड 14 अक्टूबर , 2025

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में अनिश्चितता बनी हुई है. 17 अक्टूबर को पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख है. इसके बावजूद, महागठबंधन में यह तय नहीं हो पाया है कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

कांग्रेस सीटों को लेकर RJD से कड़ी सौदेबाजी कर रही है. इस बीच, 13 अक्टूबर की रात पटना में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला, जब RJD ने अपने कुछ नेताओं को चुनाव चिह्न सौंपा और फिर वापस ले लिया.

लालू यादव ने उस समय चुनाव चिह्न सौंपे, जब उनके बेटे तेजस्वी दिल्ली में कांग्रेस के साथ सीट-बंटवारे पर चर्चा कर रहे थे. सीट-बंटवारे पर सहमति बने बिना टिकट बांटे जाने से कांग्रेस सहित महागठबंधन के नेता नाराज हो गए.

महागठबंधन के नेताओं ने तेजस्वी को अपनी नाराजगी जताई. पटना लौटने के बाद तेजस्वी ने RJD नेताओं को अपनी मां राबड़ी देवी के आवास पर बुलाया और उनसे चुनाव चिह्न वापस करने को कहा.

बता दें कि 13 अक्टूबर को दिल्ली में तेजस्वी यादव और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के बीच हुई महत्वपूर्ण बैठक बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई. इस बैठक में राहुल शामिल नहीं हुए और उन्होंने तेजस्वी यादव से मुलाकात भी नहीं की.

सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी ने कांग्रेस टीम से कहा कि मौजूदा हालात में 'गठबंधन आगे नहीं बढ़ सकता.' इतना ही नहीं, कांग्रेस ने कम से कम 61 से 63 सीटों पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. वहीं, तेजस्वी ने कांग्रेस के सामने कुछ शर्तें रख दी हैं.

तेजस्वी का कहना है कि कांग्रेस जिन सीटों की मांग कर रही है, उनमें सभी सीटें देने से महागठबंधन की चुनावी सफलता की संभावना कम हो सकती है.

कांग्रेस नरकटियागंज और वासलीगंज के साथ-साथ कहलगांव जैसी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. कांग्रेस का मानना है कि यह उनका गढ़ है. RJD ने कांग्रेस की 61 सीटों की मांग को पूरा करने पर सहमति व्यक्त की, लेकिन इन निर्वाचन क्षेत्रों को छोड़ने से इनकार कर दिया.

चैनपुर और बछवाड़ा पर सीट पर भी विवाद है, लेकिन इन दोनों सीटों पर विवाद सुलझाया जा सकता है. दिल्ली में बात नहीं बन पाने की खबरों के बाद लालू प्रसाद यादव ने राबड़ी देवी के आवास पर RJD के कई उम्मीदवारों को पार्टी के चुनाव चिह्न वितरित किए.

सूत्रों के मुताबिक, तेजस्वी यादव के पटना लौटने के बाद RJD उम्मीदवारों को जारी किए गए सिंबल वापस ले लिए गए. सिंबल पाने वाले सभी उम्मीदवार एक-एक करके राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया.

कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की सूची या चुनाव चिह्न की घोषणा नहीं की है. कांग्रेस नेताओं ने RJD के टिकट बांटे जाने पर नाराजगी व्यक्त की है.

इस बीच, कांग्रेस की ओर से बातचीत करने वाली टीम ने सीधे तौर पर राहुल गांधी से मिलकर बात की है. सूत्रों के मुताबिक, राहुल ने बिहार कांग्रेस के नेताओं की बैठक में सीटों को लेकर कड़ी सौदेबाजी के स्पष्ट संदेश दिए हैं.

नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे कांग्रेस की उन पारंपरिक सीटों को न छोड़ें, जहां पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अपने दबदबा वाले सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. भले ही ये सीटों की संख्या थोड़ी कम हो.

दिल्ली में हुई बैठक में बिहार कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल से विवादित सीटों पर व्यक्तिगत रूप से दखल देने का अनुरोध किया. हालांकि, खड़गे ने राज्य के नेताओं को तेजस्वी यादव से सीधे संपर्क करने और 14 अक्टूबर तक मुद्दे को सुलझाने की सलाह दी है.

2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा और 19 सीटें जीतीं, जबकि राजद 75 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी.

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