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अयोध्या : राम मंदिर का दूसरा 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह पहले से कैसे अलग होगा?

5 जून को अयोध्या में पूरी तरह से बनकर तैयार भव्य राम मंदिर के अभिषेक समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में है. इसमें भगवान राम को राजा के रूप में स्थापित किया जाएगा और मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की स्थापना भी होगी

Ram Temple
राम मंदिर (फाइल फोटो)
अपडेटेड 30 मई , 2025

राम लला के “प्राण प्रतिष्ठा” समारोह के 16 महीने बाद, अयोध्या में पूरी तरह से बनकर तैयार भव्य राम मंदिर के एक और अभिषेक समारोह की तैयारियां अंतिम चरण में है. 5 जून के इस समारोह में भगवान राम को राजा के रूप में स्थापित किया जाएगा और मंदिर की पहली मंजिल पर राम दरबार की स्थापना भी होगी. 

समारोह से जुड़े लोगों के मुताबिक 5 जून को होने वाला प्राणप्रतिष्ठा समारोह पिछले साल लोकसभा चुनाव से पहले 22 जनवरी को आयोजित समारोह के जैसा भव्य नहीं होगा. उस कार्यक्रम में 8,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया था, और उसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी. जबकि यह कार्यक्रम एक तरह से मंदिर निर्माण का समापन भी होगा, जो 5 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शुरू हुआ था. 

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समिति का गठन किया गया था जिसकी कमान प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा संभाल रहे हैं. मिश्रा के मुताबिक मई के अंत तक राम मंदिर परिसर का निर्माण पूरा हो जाएगा, जबकि "परकोटा" या परिसर की दीवार पर शेष काम इस साल  दिसंबर से पहले पूरा हो जाएगा. 

राम मंदिर के पहले तल पर राजा राम का भव्य 'राजप्रासाद' तैयार है. सभी दरवाजे लगा दिए गए हैं. परकोटे के बीच निर्मित छह पूरक मंदिरों व सप्तर्षियों के सात मंदिरों में भी कपाट लगाने का काम पूरा हो गया है. शिव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना का कार्य चल रहा है. श्रीरामजन्मभूमि के 2.77 एकड़ पर निर्मित राम मंदिर के प्रथम तल पर भगवान श्रीराम को माता जानकी और उनके तीनों अनुजों व हनुमान जी के साथ प्रतिष्ठित किया जा चुका है. 

राम मंदिर के पहले तल के किसी कपाट पर सोना नहीं लगाया जाएगा. एलएंडटी के परियोजना निदेशक बीके मेहता के अनुसार राम मंदिर के भूतल पर 13. पहले तल पर 15 और दूसरे पर 14 दरवाजे लगाए गए हैं. अयोध्या के राम मंदिर परिसर में प्राणप्रतिष्ठ‍ित होने वाली मूर्तियों में जहां राम लला की 51 इंच ऊंची मूर्ति - भगवान राम की जन्मस्थली पर एक शिशु अवस्था में - कर्नाटक के कलाकार अरुण योगीराज द्वारा गढ़ी गई थी, वहीं राम दरबार को जयपुर के मूर्तिकार प्रशांत पांडे के नेतृत्व में 20 कारीगरों की एक टीम द्वारा सफेद मकराना संगमरमर से गढ़ा गया है. 

परिसर में संत तुलसीदास की एक विशाल मूर्ति भी स्थापित की जा रही है, जिन्होंने रामायण के सबसे लोकप्रिय संस्करण रामचरितमानस की रचना की थी. प्रकृति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए लगभग 20 एकड़ भूमि का सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा है. मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है. इसकी लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है. यह कुल 392 खंभों और 44 दरवाजों से युक्त है. 

अयोध्या में राम मंदिर के भूमिपूजन से लेकर भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त काशी के आचार्य गणेश्वर द्रविड़ ने निकाला था. इस बार राम दरबार समेत अन्य देव विग्रहों की प्रतिष्ठा के लिए मुहूर्त निकालने की जिम्मेदारी अयोध्या के आचार्यों को सौंपी गई थी. अयोध्या के प्रख्यात आचार्य पंडित प्रवीण शर्मा, आचार्य राकेश तिवारी व आचार्य रघुनाथ दास शास्त्री ने प्राण प्रतिष्ठा के लिए 5 जून को गंगा दशहरा की शुभ तिथि निकाली. इसे धार्मिक व ज्योतिषीय दृष्टि से सबसे अच्छा माना जाता है. पंडित प्रवीण शर्मा के मुताबिक पांच जून को गंगा दहशरा पर्व के विशेष संयोग में राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा होगी. इसके अलावा सात और मंदिरों में देव विग्रह को प्राण प्रतिष्ठित किया जाएगा. 

गंगा दशहरा पर ही द्वापर युग का आरंभ माना जाता है. इसी दिन रामेश्वरम की स्थापना हुई थी. आचार्य राकेश तिवारी के अनुसार गंगा दशहरा की तिथि शैव, शाक्त, वैष्णव तीनों परंपराओं के अद्भुत मिलन की भी तिथि है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक 2 जून को सरयू तट से जल कलश यात्रा निकाली जाएगी. कलश यात्रा द्वितीय बेला में चार बजे सरयू के पुराने पुल के पूर्वी तट से प्रारंभ होकर वीणा चौक, राम पथ, श्रृंगार हाट, हनुमानगढ़ी, दशरथ महल, रामकोट व रंगमहल बैरियर होते हुए यज्ञशाला पहुंचेगी. 

कलश यात्रा के अगले दिन त्रिदिवसीय आयोजन ज्येष्ठ शुक्ल की अष्टमी (3 जून) से प्रारंभ होकर दशमी (5 जून) को पूजा, भोग, आरती के साथ परिपूर्ण होगा. चंपत राय के मुताबिक अनुष्ठान तीनों दिन सुबह साढ़े छह बजे प्रारंभ होगा. तीन व चार जून को पूजन विधि सुबह साढ़े छह बजे से प्रारंभ होकर सायंकाल इसी समय तक पूर्ण होगी. ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी (5 जून) को पूजन सुबह साढ़े छह बजे प्रारंभ होकर 11.20 तक चलेगा. प्राण प्रतिष्ठा पूर्वाहन 11.25 से होगी और सभी कार्यक्रम दोपहर एक बजे तक पूर्ण हो जाएंगे. 

इस तरह प्रतिष्ठा समारोह 3 से 5 जून तक होगा. मुख्य अनुष्ठान 5 जून को संपन्न होगा. इसके लिए श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से आमंत्रण पत्र बांटने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है. राम मंदिर परिसर में 5 जून को कुल आठ मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी. आठ मंदिरों में कुल 16 यजमान व 16 संत-महंत अतिथि के रूप में शामिल रहेंगे. मुख्यमंत्री योगी पांच जून को मुख्य अतिथि के रूप में परिसर में मौजूद रहेंगे.

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य एवं होम्योपैथी - मेडिसिन बोर्ड के पूर्व रजिस्ट्रार डा. अनिल मिश्र को एक बार फिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का मुख्य यजमान बनने का गौरव हासिल होगा. डा. मिश्र पिछले वर्ष 22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर सपत्नीक मुख्य यजमान की भूमिका में थे. वहीं देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान नरेंद्र मोदी के लिए अनुष्ठान कर चुके चंदौली के आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी अब अयोध्या में राममंदिर में राम दरबार सहित आठ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे. 

चंदौली निवासी आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी के मुताबिक वे वर्ष 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के लिए अनुष्ठान कर चुके हैं. चुनाव हारने के बाद इंदिरा गांधी ने लगातार कई दिनों तक अनुष्ठान कराया था, जिसके आचार्य जयप्रकाश त्रिपाठी ही थे. वर्ष 2014 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस दौरान भुज में में पंडित जयप्रकाश प्रकाश त्रिपाठी के आचार्यत्व में 10 हजार ब्राह्मणों के साथ विष्णु सौ मंडप यज्ञ हुआ था.

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