थलापति विजय से पहले तमिल सिनेमा के ये बड़े सितारे आजमा चुके हैं राजनीति में अपनी किस्मत

तमिल फिल्मों के जाने-माने फिल्मी सितारे विजय जोसेफ ने पॉलिटिक्स में एंट्री की है. तमिल इंडस्ट्री में विजय 'थलापति' के नाम से मशहूर हैं, जिसका मतलब कमांडर होता है. उन्होंने तमिझगा वेत्रि कषगम (टीवीके) नाम से अपनी एक पार्टी बनाई है, जिसका शाब्दिक अर्थ तमिलनाडु विजय पार्टी है. विजय ने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी 2026 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे फिल्मों के साथ ही साथ राजनीति में भी अपनी जिम्मेदारी को निभाएंगे. विजय ने कहा कि राजनीति कोई पेशा नहीं बल्कि एक जनसेवा है. विजय से पहले भी तमिल सिनेमा से कई सारे नाम राजनीति में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं.

एमजीआर तमिल फिल्म इंडस्ट्री से राजनीति में एंट्री मारने वाले शुरुआती और सबसे बड़े नामों में शुमार हैं. इनका पूरा नाम मारुथुर गोपालन रामचंद्रन था. एमजीआर की राजनीतिक यात्रा साल 1972 में शुरू हुई थी, जब वे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) में शामिल हुए. हालांकि कुछ वक्त बाद ही इन्होंने अपनी नई पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईडीएमके) की स्थापना की. एमजीआर तीन बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे.

जयललिता तमिलनाडु के साथ-साथ भारतीय राजनीति के कुछ सबसे बड़े नामों में से एक रही हैं. हालांकि राजनीति में कदम रखने से पहले वे तमिल फिल्मों में काफी सक्रिय थीं. उनका फिल्मी सफर बाल कलाकार के तौर पर साल 1960 में शुरू हुआ था. फिर 1965 में उन्होंने बतौर लीड अभिनेत्री अपनी पहली फिल्म में काम किया. जयललिता ने 1982 में अपने सफल सह-कलाकार एमजीआर के साथ राजनीति में प्रवेश किया. उनके निधन के बाद जयललिता अन्नाद्रमुक की महासचिव बनी. जयललिता छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं.

कमल हासन तमिल सिनेमा के साथ-साथ हिंदी फिल्मों में भी नजर आते रहे हैं. साल 2018 में उन्होंने अपनी पार्टी मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) की स्थापना के साथ ही राजनीतिक जीवन में भी कदम रखा. कमल हासन की पार्टी ने चुनाव भी लड़ा, पर उनकी पार्टी राजनीतिक स्तर पर एक बड़ा असर छोड़ पाने में नाकाम ही रही. कमल हासन की पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव और 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में हिस्सा ले चुकी है. 2019 में एमएनएम ने 37 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ा. वहीं 2021 में कमल ने तमिलनाडु की 180 सीटों पर उम्मीदवारों को खड़ा किया. हालांकि दोनों ही चुनावों में पार्टी कोई भी सीट जीतने में नाकाम रही. यहां तक कि कमल खुद भी कोयंबटूर से जीत हासिल ना कर सके.

भारतीय सिनेमा के सबसे मशहूर अभिनेताओं में से एक रजनीकांत भी राजनीति में हाथ आजमा चुके हैं. साल 2017 में रजनीकांत ने पॉलिटिक्स में उतरने का ऐलान किया था. इसके लिए उन्होंने एक पार्टी पार्टी रजनी मक्कल मंद्रम (आरएमएम) की स्थापना भी की थी. उन्होंने ऐलान किया था कि वे 2021 का विधानसभा चुनाव भी लड़ेंगे. लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी बल्कि ऐसे ही लोगों की सेवा करती रहेगी. रजनीकांत का राजनीतिक सफर बेहद छोटा रहा और 2021 में उन्होंने अपनी पार्टी को ही खत्म कर दिया.

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि का भी तमिल फिल्मों से गहरा नाता रहा है. राजनीति में आने से पहले करुणानिधि तमिल फिल्म इंडस्ट्री में एक स्क्रिप्ट राइटर के तौर पर काम कर रहे थे. यहीं से उनको 'कलैनगर' की उपाधि मिली. करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे.