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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रखी पतंजलि गुरुकुलम की आधारशिला

पतंजलि गुरुकुलम के शिलान्यास के इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए

Foundation Stone Ceremony of Patanjali Gurukulam
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पतंजलि गुरुकुलम की आधारशिला रखते हुए
अपडेटेड 9 जनवरी , 2024

बीते शनिवार यानी 6 जनवरी को देश के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने हरिद्वार में पतंजलि गुरुकुलम व आचार्यकुलम की नवीन शाखा का शिलान्यास किया. इस दिन पतंजलि योगपीठ का 29वां स्थापना दिवस, पतंजलि योगपीठ महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती और गुरुकुल ज्वालापुर के संस्थापक पूज्य स्वामी दर्शनानन्द की जयंती भी थी. 

इस अवसर पर रक्षामंत्री ने कहा कि गुरुकुलों में शिक्षा के साथ-साथ समाज में शुचिता व नैतिकता का पाठ भी पढ़ाया जाता था. उन्होंने कहा कि मैकाले ने एक षड्यंत्र के तहत ऐसी शिक्षा प्रणाली विकसित की जिसने हमारी गुरुकुलीय परम्परा को लगभग समाप्त ही कर दिया था, किन्तु स्वामी रामदेव जी महाराज जैसे तपस्वी महापुरुष ने गुरुकुल की परम्परा को पुनः गौरव प्रदान करते हुए पतंजलि गुरुकुलम् की आधारशिला रखी. 

कार्यक्रम में स्वामी रामदेव ने कहा कि हमने गुरुकुल से शिक्षा प्राप्त कर मानव सेवा के लिए विशाल अर्थ साम्राज्य स्थापित किया. अभी 500 करोड़ रुपए की लागत से पतंजलि गुरुकुलम् तथा आचार्यकुलम् तैयार करने की योजना है तथा साथ ही अगले 5 सालों में 5 से 10 हजार करोड़ रुपए शिक्षा के अनुष्ठान में खर्च करने का लक्ष्य है. 

पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण जी ने इस मौके पर कहा कि पूज्य स्वामी दर्शनानंद जी ने अल्प संसाधनों से यह संस्था प्रारंभ कर एक स्वप्न देखा था जिसे स्वामी रामदेव जी महाराज साकार कर रहे हैं. इस संस्था ने अपनी युवावस्था के गौरव को देखा है. कहीं न कहीं यह संस्था अपनी वृद्धावस्था की तरफ जा रही थी किन्तु श्रद्धेय स्वामी जी के तप व पुरुषार्थ से यह पुनः अपने अतीत के गौरव को समेटे हुए वैभव प्राप्त करेगी. 

इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री मोहन यादव ने कहा कि त्रेता में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम तथा द्वापर में योगेश्वर कृष्ण ने गुरुकुलों में शिक्षा ग्रहण की. स्वामी रामदेव जी उसी गौरवशाली गुरुकुलीय परम्परा के संवाहक बन गुरुकुलीय परम्परा को गौरव प्रदान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने नई शिक्षा नीति के माध्यम से भविष्य की पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ने का प्रण लिया है. हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास है. हमें मानवीयता के उत्कृष्ट मापदण्ड स्थापित करने हैं. उन्होंने स्वामी रामदेव को मध्य प्रदेश के उज्जैन में गुरुकुल स्थापित करने तथा मध्य प्रदेश से पतंजलि के सभी प्रकल्पों को संचालित करने के लिए आमंत्रित किया.

उत्तराखण्ड के यशस्वी माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि गुरुकुल एक विशिष्ट शब्द है जहां गुरु शिष्य को कुलवाहक मानकर शिक्षित कर उसका मार्ग प्रशस्त करता है. उन्होंने उम्मीद जताई कि यह गुरुकुल बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी प्रदान करेगा जिससे वे आदर्श नागरिक बनकर जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में योगदान देंगे. 

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