पहलगाम आतंकी हमले के तीन दिन बाद से ही भारत और पाकिस्तान को अलग करने वाली 740 किमी लंबी नियंत्रण रेखा (LoC) एक तनावपूर्ण क्षेत्र बनी हुई है. 25 अप्रैल से पाकिस्तानी सेना हर रात LoC के पास भारतीय चौकियों पर मशीन गनों से फायरिंग कर रही है. भारतीय सेना इसका मजबूती से जवाब दे रही है, और दुश्मन मुल्क के हर उकसावे पर जरूरी जवाबी कार्रवाई कर रही है.
अब तक, जम्मू-कश्मीर के सात सीमावर्ती जिलों में से पांच में पाकिस्तान द्वारा सीजफायर के उल्लंघन की सूचना मिली है. पाक ने इन पांच जिलों के 18 जगहों पर 60 से ज्यादा बार सीजफायर का उल्लंघन किया. 7 मई को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया था, जिसमें पाक और उसके कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर सैन्य हमले किए गए.
फिलहाल दोनों देशों में तनाव चरम पर है. पाकिस्तानी सेना सीमावर्ती इलाकों में भारतीय नागरिकों को तोपों से निशाना बना रही है. भारत सरकार ने 8 मई को कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, बारामुला, उरी, पुंछ, मेंढर और राजौरी सेक्टरों में मोर्टार और भारी कैलिबर आर्टिलरी का इस्तेमाल करते हुए LoC पर अपनी अकारण गोलीबारी की तीव्रता बढ़ा दी है.
सरकार ने कहा कि पाकिस्तानी गोलाबारी में तीन महिलाओं और पांच बच्चों सहित 16 भारतीय नागरिक मारे गए और 59 लोग घायल हो गए.
अधिकारियों का दावा है कि LoC पर दुश्मन मुल्क की आक्रामकता यह बताती है कि पाकिस्तान ने PoK के रिहाइशी इलाकों में अपनी तोपखाने और मोर्टार इकाइयों को तैनात किया है, ताकि भारत जब जवाबी हमला करे तो इससे वहां के नागरिक हताहत हों और भारत पर आम लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया जा सके.
जानकारों का मानना है कि पाकिस्तान की गोलाबारी को भारतीय सैन्य हमलों के जवाब के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन पाक द्वारा भारतीय नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाना, भारत के हमले के मुकाबले उसके जवाबी कार्रवाई का स्तर और मंशा पर सवाल उठाता है. इसके अलावा, पाकिस्तान यह प्रचारित करने की कोशिश कर रहा है कि भारत के हमले उसके सैन्य और नागरिक क्षेत्रों पर थे, जिसे भारत ने एकदम से खारिज किया है.
पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा मशीनरी कथित तौर पर उसके सैन्य ठिकानों और नागरिक इलाकों को हुए नुकसान के वीडियो और तस्वीरें जारी कर रहा है. लेकिन एक प्रमुख अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, "ये सभी पाकिस्तान के हताशा भरे तरीके हैं, ताकि एक झूठा नैरेटिव बनाकर खुद को पीड़ित और भारत को आक्रामक दिखाया जा सके."
8 मई की तड़के सुबह पाकिस्तान ने अवंतीपोरा, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नाल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज सहित उत्तरी और पश्चिमी भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की.
भारत के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पाक के ये सारे नापाक प्रयास नाकाम रहे, क्योंकि इन्हें इंटीग्रेटेड काउंटर यूएएस ग्रिड और एयर डिफेंस सिस्टम ने बेअसर कर दिया. मंत्रालय ने कहा कि 8 मई की सुबह भारतीय सशस्त्र बलों ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान में कई जगहों पर एयर डिफेंस रडार और सिस्टम को निशाना बनाया. भारत का ये जवाब उसी डोमेन में उसी तीव्रता के साथ था. पक्के तौर पर यह पता चला है कि लाहौर में एक एयर डिफेंस सिस्टम बर्बाद कर दिया गया.
भारत सरकार ने 8 मई को कहा कि कई जगहों से बरामद मलबों से इस बात की पुष्टि हुई है कि इसमें पाकिस्तान का हाथ है. इससे पहले दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख मंत्रालयों के सचिवों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इसमें देश की तैयारियों, सिविल डिफेंस को मजबूत करने, मिसइन्फॉर्मेशन का मुकाबला करने और अहम बुनियादी ढांचे की सुरक्षा की समीक्षा की गई, और कोऑर्डिनेशन, तत्परता और नागरिकों की सुरक्षा पर जोर दिया गया.
भारत सरकार ने कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए. सरकार के मुताबिक, यह ऑपरेशन अभी भी जारी है. सरकार ने यह भी कहा कि जब तक पाकिस्तान कोई उकसावे भरा कदम नहीं उठाता, भारत अपनी ओर से कोई कार्रवाई नहीं करेगा.
आधिकारिक सूत्रों का दावा है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान इंडियन आर्म्ड फोर्सेज ने पाक और PoK में अलग-अलग आतंकी संगठनों के मुख्यालय, ट्रेनिंग सेंटर और शिविरों को नष्ट कर दिया था, जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने सुबह लगभग 2 बजे भारी गोलीबारी शुरू की, जिसमें पुंछ, मेंढर, मांकोट और पुंछ जिले के कई अन्य नागरिक क्षेत्रों को सीधे निशाना बनाया गया. ये LoC के बड़े हिस्से हैं. भारत की ओर से भी जबरदस्त और असरकारी जवाबी कार्रवाई हुई.
भारतीय सेना के ताजा बयान में कहा गया कि 7-8 मई की रात के दौरान, पाकिस्तानी सेना की चौकियों ने जम्मू और कश्मीर में कुपवाड़ा, बारामूला, उरी और अखनूर के सामने पड़ने वाले इलाकों में LoC के पार छोटे हथियारों और तोपखाने की बंदूकों से बिना उकसावे की गोलीबारी शुरू की. भारतीय सेना के मुताबिक, पाकिस्तान बारामूला, पुंछ, उरी, राजौरी, मेंढर, नौशेरा, सुंदरबनी और अखनूर सेक्टरों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर परगवाल को निशाना बना रहा है, जिसे पाकिस्तान कार्यकारी सीमा (वर्किंग बाउंड्री) कहता है.
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा कि LoC पर अक्सर गोलीबारी की घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कोई भी आक्रामकता राष्ट्र की संप्रभुता पर सीधा हमला माना जाता है. कुछ लोग मानते हैं कि पाकिस्तानी सेना द्वारा सीमा पर गोलीबारी की घटनाएं भारत को उकसाने और उसकी प्रतिक्रिया का आकलन करने की कोशिश हैं.
पाकिस्तानी सैनिकों ने इस साल जनवरी से अप्रैल की शुरुआत तक फरवरी 2021 में भारत के साथ हुए युद्धविराम समझौते को धत्ता बताते हुए करीब 15 बार सीजफायर का उल्लंघन किया. बार-बार भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर की जाने वाली ये क्रॉस-बॉर्डर फायरिंग 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद से और तीव्र हो गई. अब लद्दाख के कारगिल सेक्टर में 170 किलोमीटर लंबी पर्वतीय सीमा ही LoC का एकमात्र हिस्सा है, जो पाकिस्तानी सेना के इस उकसावे से अछूता रहा है.
भारत-पाकिस्तान सीमा तीन हिस्सों में फैली है: अंतरराष्ट्रीय सीमा, जो गुजरात से जम्मू के अखनूर तक लगभग 2,400 किमी तक फैली है; 740 किमी लंबी LoC; और 110 किमी वास्तविक ग्राउंड पोजिशन लाइन, जो सियाचिन ग्लेशियर इलाके को अलग करती है.
पहलगाम हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान तनाव चरम पर पहुंच गया है, और भारत सरकार ने निर्णायक रूप से जवाब देते हुए व्यापार रोक दिया, सीमाएं सील कर दीं और सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया. एक अधिकारी ने कहा, "भारत कूटनीतिक, आर्थिक और अन्य दबावों, जैसे सिंधु जल संधि को निलंबित करके पाकिस्तान को पूरी तरह 'कमजोर' करना चाहता है."
यह इलाका एक बारूद का ढेर बना हुआ है, जहां दोनों पक्ष अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं. एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेनाओं का पाकिस्तानी सेना पर दबाव बढ़ाना और उच्च सतर्कता बनाए रखना एक अच्छा कदम है. इससे पाकिस्तानी सेना को अपने भंडार को पश्चिमी सीमा से भारत की पूर्वी सीमा पर लाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इससे पाकिस्तान के विद्रोही गुटों के लिए पाकिस्तान सेना के खिलाफ अपनी कार्रवाइयों को अंजाम देना आसान हो जाएगा.
पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तानी सेनाएं भी हाई अलर्ट पर हैं और अपनी कुछ रिजर्व, जैसे कि चीनी मूल की SH-15 हॉवित्जर तोपों को खैबर पख्तूनख्वा की पश्चिमी सीमा से LoC के करीब के इलाकों में ला रही हैं.
हालांकि, सुरक्षा तंत्र का एक वर्ग मानता है कि यह पाकिस्तान के बचे हुए आतंकवादियों को भारत में घुसपैठ कराने की हताशा भरी कोशिश हो सकती है. भले ही एंटी-इनफिल्ट्रेशन ग्रिड (घुसपैठ-रोधी ग्रिड) को मजबूत किया गया हो, लेकिन मुश्किल भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सीमा पर एक-एक व्यक्ति की निगरानी करना इंसानी रूप से संभव नहीं है.
कुछ खुफिया सूचनाओं ने कठुआ और सांबा को घुसपैठ के लिए संभावित नए रास्तों के रूप में चिह्नित किया है. हालांकि, भारतीय सेना ने LoC पर घुसपैठियों की किसी भी नई गतिविधि से इनकार किया है.