scorecardresearch

जिन नियमों से इंडिगो ठप हुई, बाकी एयरलाइंस की हालत वैसी खराब क्यों नहीं हुई?

यह पूरा मामला DGCA के संशोधित नियमों से शुरू हुआ जो असल में पायलटों की थकान और सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी थे

IndiGo has processed refunds totalling Rs 610 crore and delivering 3,000 pieces of baggage to passengers.
इंडिगो ने 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक कुल 1800 से ज्यादा घरेलू उड़ानें रद्द कर दीं
अपडेटेड 8 दिसंबर , 2025

देश के प्रमुख एयरपोर्ट्स पर पिछले कई दिनों से हड़कंप मचा हुआ है. रोज सैकड़ों फ्लाइट कैंसल हो रही हैं. दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, पुणे सब जगह हंगामा है. लोग एयरपोर्ट पर रात भर बैठे रहे, किसी की शादी थी, किसी का इंटरव्यू, किसी को हॉस्पिटल जाना था, सब फंस गए. ट्विटर-इंस्टा पर लोग गाली दे रहे हैं #IndiGoDown ट्रेंड कर रहा है.

इंडिगो का संकट लगातार गहराता जा रहा है. 25 नवंबर से 5 दिसंबर तक कंपनी ने कुल 1800 से ज्यादा घरेलू उड़ानें रद्द कर दीं. दिल्ली एयरपोर्ट पर 4-5 दिसंबर को एक दिन में 240 से ज्यादा फ्लाइट्स कैंसल हुईं, मुंबई में 180, बेंगलुरु में 140 और हैदराबाद में 90 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित हुईं. सोशल मीडिया पर हैशटैग #IndiGoCrisis और #IndiGoMeltdown ट्रेंड करने लगे.

लेकिन ये सब हो क्यों रहा है?

ये पूरा मामला DGCA के संशोधित FDTL नियमों से शुरू हुआ जो असल में पायलटों की थकान और सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी थे. नए नियमों में बड़े बदलाव ये हुए थे - साप्ताहिक आराम 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे, रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच अधिकतम 2 लैंडिंग्स (जो कि पहले 6 थीं), रोस्टर 15 दिन पहले फाइनल करना कम्पल्सरी, लीव को वीकली रेस्ट में नहीं गिनना, और साल भर में अधिकतम 2000 घंटे ड्यूटी (पहले इससे ज्यादा हो जाती थीं). 

ये नियम 1 जून 2026 से लागू होने वाले थे लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट के दबाव में DGCA ने इन्हें 1 नवंबर 2025 से एक झटके में लागू कर दिया. अब दिक्कत यहीं से शुरू होती है. इंडिगो के पास कुल 2100 से ज्यादा पायलट हैं, लेकिन उसके 400 से ज्यादा एयरक्राफ्ट और रोज 2350 उड़ानें हैं. कंपनी अपनी मशीनरी और क्रू का ‘लास्ट माइल यूज़’ करती है, यानी एक पायलट या एयरक्राफ्ट दूसरे एयरलाइंस की तुलना में 20-25 फीसदी ज्यादा काम करता है. इसे एविएशन में हाई यूटिलाइजेशन मॉडल कहते हैं. जब नए नियम लागू हुए तो करीब 350-400 पायलट एक साथ रोस्टर से बाहर हो गए क्योंकि वे या तो वीकली रेस्ट पूरा नहीं कर पा रहे थे या रात की लैंडिंग लिमिट पार कर चुके थे. नतीजा ये हुआ कि एक दिन में 30-35 फीसदी फ्लाइट्स के लिए क्रू ही मौजूद नहीं था.

इसका असर दूसरी एयरलाइन्स पर क्यों नहीं?

दूसरी एयरलाइंस पर असर कम दिखा क्योंकि एयर इंडिया-विस्तारा के पास 2800 पायलट हैं लेकिन सिर्फ 1400 उड़ानें रोज की हैं. आकाशा के पास 750 पायलट और 300 उड़ानें, स्पाइसजेट पहले से ही कम उड़ानें चला रही है. सिर्फ इंडिगो ही ऐसी एयरलाइन थी जिसने 2023-24 में 550 पायलट हायर करने के बजाय हायरिंग फ्रीज रखी यानी नए पायलट भर्ती नहीं हुए, प्रमोशन रोके और कम मैनपावर स्ट्रैटजी (जो है उसमें काम पूरा करो) चलाकर लागत बचाई. इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन ने पहले ही चेतावनी दी थी कि 2025 के अंत तक इंडिगो को 700 अतिरिक्त पायलटों की जरूरत पड़ेगी लेकिन कंपनी ने इसे नजरअंदाज कर दिया.

तो राहत कैसे मिलेगी?

हालांकि अब राहत के कदम लिए जाने शुरू हो गए हैं. DGCA ने 5 दिसंबर को सबसे विवादास्पद क्लॉज वापस ले लिया है जिसमें लीव को वीकली रेस्ट में नहीं गिना जा सकता था. अब पायलट अपनी सालाना छुट्टी को रेस्ट में काउंट कर सकेंगे, जिससे तुरंत 150-200 पायलट रोस्टर में वापस आएंगे. इंडिगो ने 10 फरवरी 2026 तक रात की लैंडिंग्स और कुछ दूसरी छूट मांगी है, जिस पर DGCA विचार कर रहा है. कंपनी ने दिसंबर-जनवरी में 90 अतिरिक्त एयरक्राफ्ट की डिलीवरी टाली है और 300 पायलटों की फास्ट-ट्रैक भर्ती शुरू की है. 8 दिसंबर से इंडिगो रोज 300-350 कम उड़ानें चलाएगी ताकि रोस्टर स्टेबल हो सके.

यात्रियों के लिए इंडिगो ने बड़ा ऐलान किया है कि, 1 से 20 दिसंबर के बीच बुक किसी भी फ्लाइट को बिना किसी चार्ज के रद्द या रीशेड्यूल कर सकते हैं. फुल रिफंड 24 घंटे में मिलेगा. कंपनी ने 6E रिवॉर्ड्स वॉलेट में 500-1000 रुपये तक का क्रेडिट भी देना शुरू किया है. DGCA ने सभी एयरलाइंस से कहा है कि पीक फेस्टिव सीजन में यात्री परेशानी कम से कम हो, इसलिए इंडिगो के अलावा बाकी एयरलाइंस किराया बढ़ने नहीं देंगी. लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है क्योंकि सोशल मीडिया पर बाकी एयरलाइन्स के बढ़े किरायों के स्क्रीनशॉट दिखाई देने लगे हैं.

कुल मिलाकर ये संकट सुरक्षा के लिए बने बेहतर नियमों और एक एयरलाइन की बेहद खराब प्लानिंग का मिला जुला नतीजा है. उम्मीद है कि अगले हफ्ते से स्थिति काफी हद तक सामान्य हो जाएगी, लेकिन इंडिगो इससे इससे सबक लेकर भविष्य में कितने कारगर उपाय करती है ये एयरलाइन की मंशा पर ही निर्भर करता है.

Advertisement
Advertisement