
बीती रात 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम देने के बाद 7 मई की सुबह भारतीय सेना ने आधिकारिक प्रेस ब्रीफिंग की. इसे तीन लोगों ने संबोधित किया, जिन्होंने एक्शन के बारे में पूरी जानकारी दी. इनमें भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी और उनके साथ दो महिला सैन्य अधिकारी मौजूद थीं.
देश के इतिहास में यह पहली बार था जब इस प्रेस ब्रीफिंग की अगुआई दो जांबाज महिला अधिकारी कर रही थीं. इनमें से एक सोफिया कुरैशी थीं, जो भारतीय सेना में कर्नल हैं जबकि दूसरी व्योमिका सिंह थीं, जो एयर फोर्स में विंग कमांडर हैं. प्रेस ब्रीफिंग के बाद इन दोनों के बारे में सोशल मीडिया पर बज़ बना हुआ है.
ऑपरेशन सिंदूर 6 से 7 मई 2025 की रात 1 बजकर 5 मिनट से 1:30 बजे के बीच भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा अंजाम दिया गया #OperationSindoor #IndianArmy #IndianAirforce #IndiaStrikesTerroristan #PahalgamTerrorAttack pic.twitter.com/2kcsLGZpfi
— AajTak (@aajtak) May 7, 2025
कर्नल सोफिया कुरैशी 2016 में भी सुर्खियों में आई थीं, जब उन्होंने पुणे में आयोजित एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में भारतीय दल की अगुवाई की थी. तब वे ऐसा करने वाली भारतीय सेना की पहली महिला अधिकारी बन गई थीं. इस अभ्यास का नाम 'एक्सरसाइज फोर्स 18' दिया गया था, जो भारत की ओर से आयोजित उस समय का सबसे बड़ा विदेशी सैन्य अभ्यास था.
2 से 8 मार्च तक पुणे में आयोजित इस युद्धाभ्यास में 18 देशों ने भाग लिया, जिनमें 'आसियान' के सदस्य देशों के साथ-साथ जापान, चीन, रूस, अमेरिका, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल थे.
वहीं, इंडियन एयर फोर्स की विंग कमांडर व्योमिका सिंह की बात करें तो वे बचपन से ही भारतीय वायु सेना में जाना चाहती थीं. वे एयर फोर्स में हेलीकॉप्टर पायलट हैं. उन्हें जोखिम भरे इलाकों में बतौर भारतीय वायु सेना पायलट उड़ान भरने का काफी अनुभव है. अब तक वे ढाई हजार से ज्यादा घंटे की उड़ान का एक्सपीरियंस हासिल कर चुकी हैं. आइए विस्तार से इन दोनों के बारे में जानते हैं.
गुजरात की रहने वालीं हैं कर्नल सोफिया
Leading lady
— Ministry of Defence, Government of India (@SpokespersonMoD) March 8, 2020
Lt Col Sophia Qureshi, 1st woman officer to lead an Army training contingent at Force18 - #ASEAN Plus multin'l field trg ex in 2016. She was only Woman Officers Contingent Commander among all #ASEAN Plus contingents. #WomensDay #IWD2020 #EachforEqual #SheInspiresUs pic.twitter.com/CkNipN02mp
प्रेस ब्रीफिंग में हिंदी में 'ऑपरेशन सिंदूर' की पूरी जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी मूल रूप से गुजरात की हैं. उनका जन्म 1981 में गुजरात के वडोदरा में हुआ. उन्होंने बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है. सोफिया के घर से और भी कई लोग सेना में रहे हैं. उनके दादा आर्मी से रिटायर्ड थे, जबकि सोफिया की शादी मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री के एक सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है और उनका एक बेटा समीर कुरैशी है.
साल 1999 में सोफिया की एंट्री इंडियन आर्मी में हुई. उन्होंने चेन्नई में स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी से ट्रेनिंग ली. इसके बाद सोफिया सेना में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन हुईं. साल 2006 में सोफिया ने अफ्रीकी देश कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में सेवा दी.
वे 2010 से शांति स्थापना अभियानों से जुड़ी रही हैं. पंजाब सीमा पर 'ऑपरेशन पराक्रम' के दौरान उनकी सेवा के लिए उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (GOC-in-C) का प्रशंसा पत्र भी मिल चुका है. नॉर्थ-ईस्ट में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें सिग्नल ऑफिसर इन चीफ (SO-in-C) का प्रशंसा पत्र भी मिला था. उन्हें फोर्स कमांडर की सराहना भी मिली.
साल 2016 सोफिया के लिए ऐतिहासिक था. उन्होंने 'एक्सरसाइज फोर्स 18' में भारतीय सेना के प्रशिक्षण दल का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर इतिहास रच दिया. महज 35 साल की उम्र में वे सभी भाग लेने वाले देशों में एकमात्र महिला टुकड़ी कमांडर थीं. उनकी भूमिका शांति अभियानों के लिए ट्रेनिंग इनपुट मुहैया कराने पर केंद्रित थी, जो उनकी पारिवारिक विरासत से निकटता से जुड़ी हुई जिम्मेदारी थी.
1999 में कमीशन प्राप्त अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने तीन दशकों से अधिक समय तक भारतीय सेना में सेवा की है, और अपने अडिग रवैये और निडर प्रयासों के कारण प्रशंसा अर्जित की है. उनके व्यापक अनुभव में कई हाई-प्रोफाइल पोस्टिंग शामिल हैं. 2006 में कांगो शांति मिशन में उनका उल्लेखनीय योगदान खास तौर पर जिक्र किए जाने लायक है, जहां उन्होंने विश्व मंच पर भारत का बहुत गर्व के साथ प्रतिनिधित्व किया.
कौन हैं विंग कमांडर व्योमिका सिंह?

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने अंग्रेजी में प्रेस ब्रीफिंग की और पाकिस्तान का पोल खोलते हुए ऑपरेशन सिंदूर के बारे में पूरी जानकारी दी. व्योमिका सिंह बचपन से ही भारतीय वायु सेना में जाना चाहती थीं. उन्होंने कई उच्च जोखिम वाले उड़ान अभियानों में काम किया है और वायु सेना में एक सम्मानित नाम बनी हुई हैं.
व्योमिका ने एक इंटरव्यू में पायलट बनने के अपने सपने का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, "मैं छठी क्लास में थी जब एक दिन स्कूल में नामों के मतलब पर चर्चा हो रही थी. मैंने बताया कि मेरे नाम का मतलब 'व्योम' यानी आसमान होता है. तभी क्लास के पीछे से किसी ने कहा - तो तू तो आसमान की मालिक है, तू तो 'व्योमिका' है. मेरी क्लास टीचर ने भी कहा था कि मैं एक दिन आसमान पर राज करूंगी, पायलट बनूंगी. और उस दिन से मेरे दिल में बैठ गया कि मुझे पायलट बनना है."
व्योमिका बताती हैं, "1991-92 तक एयरफोर्स में महिला पायलट नहीं हुआ करती थीं. उस वक्त मुझे यही लगता था कि अगर कहीं पायलट बना जा सकता है, तो वो सिर्फ एयरफोर्स में ही है. मैं रोजगार समाचार पढ़ा करती थी, जिसमें वैकेंसी आती थी. एक बार देखा कि लिखा है – 'केवल अविवाहित पुरुष उम्मीदवार'. ये पढ़कर थोड़ा मन टूट गया. लेकिन जब इंजीनियरिंग के आखिरी साल में थी, तब पता चला कि UPSC के जरिए एयरफोर्स में भर्ती हो सकती है. मैंने फॉर्म भरा, सिलेक्शन हुआ और फिर वो दिन भी आया जब मुझे विंग्स पहनाए गए और मैं एक हेलिकॉप्टर पायलट बन गई."
व्योमिका को जोखिम भरे इलाकों में उड़ान भरने का काफी अनुभव है. उनके पास ढाई हजार से ज्यादा घंटे के उड़ान का अनुभव है. उनकी अनुकरणीय सेवा को कई बार पुरस्कृत किया गया है, जिसमें पूर्वोत्तर में बाढ़ राहत कार्यों के दौरान उनकी सेवाओं के लिए सिग्नल ऑफिसर-इन-चीफ द्वारा की गई सराहना भी शामिल है.
साल 2004 में भारतीय वायु सेना में कमीशन प्राप्त विंग कमांडर व्योमिका सिंह के पास हेलीकॉप्टर उड़ाने का बेदाग सेवा रिकार्ड है. उन्होंने पूर्वोत्तर और जम्मू-कश्मीर जैसे मुश्किल पहाड़ी इलाकों में चीता और चेतक जैसे हेलीकॉप्टर उड़ाए हैं. वे कई रेस्क्यू मिशन को भी सफलतापूर्वक अंजाम दे चुकी हैं. नवंबर 2020 में उन्होंने अरुणाचल प्रदेश में एक काफी मुश्किल मिशन का नेतृत्व किया था और लोगों की जान बचाई थी.
साल 2017 में व्योमिका सिंह को प्रमोट कर विंग कमांडर बनाया गया. यह भारतीय वायु सेना में एक वरिष्ठ अधिकारी रैंक है. यह एक कमीशंड ऑफिसर का पद है, जो ग्रुप कैप्टन से नीचे और स्क्वाड्रन लीडर से ऊपर होता है. विंग कमांडर आमतौर पर एक वायु सेना स्टेशन के महत्वपूर्ण विभागों का नेतृत्व करता है या एक स्क्वाड्रन (उड़ान इकाई) की कमान संभालता है.
इस रैंक के अधिकारी के पास व्यापक प्रशासनिक और परिचालन जिम्मेदारियां होती हैं, जैसे मिशन की योजना बनाना, कर्मियों का प्रबंधन और सामरिक निर्णय लेना. विंग कमांडर बनने के बाद से व्योमिका सिंह भारतीय वायुसेना में महिलाओं के लिए एक तरह से पथप्रदर्शक रही हैं.
बहरहाल, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह का प्रेस ब्रीफिंग का नेतृत्व करने के लिए चयन भारत की कमान में महिलाओं की बढ़ती मौजूदगी का संकेत है.
उनकी मौजूदगी लैंगिक समानता के लिए राष्ट्र के समर्थन और राष्ट्रीय सुरक्षा में महिलाओं की अहमियत के बारे में एक शक्तिशाली संदेश है. प्रेस ब्रीफिंग में नेतृत्व प्रतीकात्मक था, जो साफ संदेश देता है कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई का नेतृत्व पेशेवरों द्वारा किया जा रहा है, चाहे वे किसी भी जेंडर के हों.
सरकार का इन दो अधिकारियों को आगे करने का फैसला इस बात को बताता है कि किस प्रकार महिलाएं अब हाई लेवल पर सुरक्षा, रणनीति और संचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं.