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जब रतन टाटा बने पायलट और बीच आसमान में एयरक्राफ्ट का इंजन खराब हुआ!

रतन टाटा का विमान उड़ाने का शौक किसी से छिपा नहीं था और उन्होंने 2007 में बेंगलुरु एयरो शो के दौरान एफ-16 लड़ाकू विमान और बोइंग के एफ-18 सुपर हॉर्नेट भी उड़ाए थे

रतन टाटा
रतन टाटा
अपडेटेड 10 अक्टूबर , 2024

रतन टाटा को भले ही अकेलापन पसंद था लेकिन उनके कई शौक थे और उनमें से एक था - विमान उड़ाने का. वे न सिर्फ एक लाइसेंसधारी पायलट थे, बल्कि बेंगलुरु एयरो शो के दौरान एफ-16 लड़ाकू विमान और बोइंग के एफ-18 सुपर हॉर्नेट को भी उन्होंने बखूबी उड़ाया था. इस बीच जानिए वह किस्सा जब विमान उड़ाते वक्त रतन टाटा को मौत का डर महसूस हुआ था.

रतन टाटा 1960 के दशक में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे. इस दौरान वे सात साल तक अमेरिका में रहे और इसी लंबे प्रवास के दौरान उन्होंने उड़ान भरने का हुनर ​​सीखा. एक दिन, टाटा ने अपने सहपाठियों को सिंगल-इंजन ट्राई-पेसर विमान पर घुमाने का फैसला किया. सभी ने उड़ान तो बड़े ही जोश में भरी मगर कुछ देर में ही रतन टाटा को आभास हो गया कि विमान के इंजन में खराबी आ गई है.

इस खौफनाक घड़ी में भी शांत और संयमित रहते हुए टाटा ने न्यूयॉर्क के इथाका टॉमकिन्स अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान की सुरक्षित रूप से आपातकालीन लैंडिंग करवाई. 2009 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के उनके बैचमेट्स ने रीयूनियन के लिए एक डॉक्यूमेंट्री बनाई थी जिसमें इस घटना को खुद टाटा ने बताया था. टाटा ने बताया, "ऐसा लग रहा था जैसे पूरा विमान हिल रहा हो, और फिर प्रॉप बंद हो गया, और मुझे एहसास हुआ कि हमारे पास कोई इंजन नहीं है... मैंने संभवतः अब तक की सबसे अच्छी लैंडिंग की थी."

टाटा को श्रद्धांजलि देते वक्त विश्वविद्यालय की पत्रिका कॉर्नेल क्रॉनिकल ने भी इसका उल्लेख किया है. छात्र जीवन से निकलने के बाद भी वे अपने संस्थान को नहीं भूले और कई समय तक यूनिवर्सिटी के सबसे बड़े अंतर्राष्ट्रीय दानदाता रहे.

इंजन खराबी की घटना के कई सालों बाद, टाटा ने लड़ाकू विमान उड़ाने के अपने आजीवन जुनून को पूरा किया. 2007 में, उन्होंने 69 साल की उम्र में बेंगलुरु एयरो इवेंट में F-16 लड़ाकू विमान उड़ाकर दर्शकों को चौंका दिया था. इससे वे F-16 उड़ाने वाले सबसे उम्रदराज भारतीय बन गए. उन्होंने आधे घंटे के अनुभव को "रोमांचक से कम नहीं" बताया.

यह अमेरिकी लड़ाकू विमान उड़ाने में उन्हें इतना मजा आया कि लगभग 10 साल बाद, 2017 में उन्होंने भारत में एफ-16 ब्लॉक 70 का उत्पादन करने के लिए लॉकहीड मार्टिन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. 2011 में उन्होंने फिर से बेंगलुरु एयरो शो में भाग लिया और इस बार उनकी सवारी थी उन्नत एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट, जिसका उपयोग अमेरिकी नौसेना अपने अभियानों के लिए करती है.

रतन टाटा ने इस एयरो शो के बाद मीडिया को बताया, "हमने नीचे, ऊपर उड़ान भरी और कुछ गति भी बढ़ाई. मुझे यह बहुत पसंद आया और मैं इसे दोबारा करने में कोई परहेज नहीं करूंगा."

कमर्शियल एयरलाइन क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने की उनकी महत्वाकांक्षा ने टाटा को 1965 में महत्वाकांक्षी पायलटों के लिए जमशेदपुर कोऑपरेटिव फ्लाइंग क्लब की स्थापना करने के लिए प्रेरित किया. बाद में टाटा समूह ने सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विस्तारा एयरलाइन्स की भी शुरुआत की.

हालांकि, विमानों से लगाव की आखिरी कड़ी उन्होंने एयर इंडिया को वापसी खरीद कर ही पूरी की जिसे सरकार की तरफ से अधिग्रहित किए जाने से पहले 1932 में टाटा समूह ने ही शुरू किया था. टाटा समूह अक्टूबर 2021 में एयर इंडिया के लिए बोली जीतने में सफल रहा और जनवरी 2022 में एयरलाइन का अधिग्रहण कर लिया. 

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