ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना (IAF) ने कम से कम छह पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को मार गिराया. IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह की इस घोषणा से खलबली मचने के बाद पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य जनरल ने परमाणु खतरे की एक नई तान छेड़ दी है और वह भी अमेरिकी धरती से.
पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने फ्लोरिडा में एक निजी डिनर में बोलते हुए, सिंधु नदी पर भारत की ओर से बनाए जाने वाले किसी भी बांध को "नष्ट" करने की धमकी दी और चेतावनी दी कि एक परमाणु राष्ट्र होने के नाते, अगर पाकिस्तान को इस कगार पर धकेला गया तो वह "आधी दुनिया को तबाह कर देगा."
फील्ड मार्शल मुनीर ने पिछले दो महीनों में अमेरिका की दूसरी यात्रा के दौरान कहा, "हम परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र हैं; अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएंगे." इससे पहले 18 जून को, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मुनीर के लिए व्हाइट हाउस में विशेष लंच का आयोजन किया था, जो आमतौर पर राष्ट्राध्यक्षों के लिए होता है.
इस बार की यात्रा में मुनीर ने यह भी कहा, "हम भारत के बांध बनाने का इंतज़ार करेंगे और जब वह बन जाएगा तो उसे 10 मिसाइलों से तबाह कर देंगे." उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सिंधु नदी भारतीयों की फैमिली प्रॉपर्टी नहीं है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने अपने देश के प्रवासियों को संबोधित करते हुए कहा, "नदी रोकने के भारतीय मंसूबों को नाकाम करने के लिए हमारे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है."
ट्रेड टैरिफ को लेकर भारत-अमेरिका संबंधों में आई उथल-पुथल के बीच जानकारों का कहना है कि यह निंदनीय है कि वाशिंगटन ने पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख को भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देने का मंच दिया. इसके अलावा मुनीर का अमेरिकी धरती से धमकी देने का फैसला क्षेत्रीय सुरक्षा पर अलग-अलग विचारों से पहले से ही तनावपूर्ण वाशिंगटन-नई दिल्ली संबंधों में और ज्यादा तनाव पैदा करने का जोखिम पैदा करता है.
ट्रंप प्रशासन की चुप्पी इस अटकल को हवा दे रही है कि वाशिंगटन दक्षिण एशिया में पाकिस्तान की ओर अपने झुकाव को फिर से साध रहा है, जो बदलती भू-राजनीतिक प्राथमिकताओं और ईरान के साथ गतिरोध की रणनीतिक मांगों से प्रभावित है.
मुनीर की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारत ने इसे "परमाणु ताकत का प्रदर्शन" बताया, जो मूलतः पाकिस्तान का "साज़िश का खेल" है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऐसी टिप्पणियां पाकिस्तान की परमाणु कमान और नियंत्रण की अखंडता पर संदेह को रेखांकित करती हैं, खासकर ऐसे हालात में जब सेना "आतंकवादी समूहों के साथ मिली हुई" है.
मंत्रालय ने इसे "अफ़सोसजनक" बताया कि ये टिप्पणियां एक मित्र तीसरे देश की धरती से की गई हैं. मंत्रालय के बयान में कहा गया है, "भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि वह परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेगा. हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाते रहेंगे."
पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों में बढ़ोतरी कर रहा है. माना जा रहा है कि इसमें चीन मदद दे रहा है. डिफेंस सेक्टर के अहम थिंक-टैंक, स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, पाकिस्तान एक मज़बूत परमाणु शक्ति है, जिसके पास अपने नवीनतम आकलन के अनुसार अनुमानित 170 परमाणु हथियार हैं. इसकी तुलना में, जनवरी 2025 तक भारत के पास 180 परमाणु हथियार हैं.
मुनीर अमेरिका की मध्य कमान (सेंटकॉम) के निवर्तमान कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला के सेवानिवृत्ति समारोह में भाग लेने के लिए फ्लोरिडा में थे. कुरिल्ला ने कुछ समय पहले आईएसआईएस-खोरासन से निपटने में इस्लामाबाद की भूमिका की प्रशंसा की थी और क्षेत्र में आईएसआईएस-के के अभियानों को बाधित करने के प्रयासों के लिए पाकिस्तान के सैन्य नेतृत्व, विशेष रूप से सेना प्रमुख मुनीर को श्रेय दिया था.
अमेरिकी सेना अपनी गतिविधियों के लिए दुनिया को विभिन्न संचालन क्षेत्रों में विभाजित करती है. ईरान और अफ़ग़ानिस्तान पर अमेरिकी फोकस, पाकिस्तान सेंटकॉम के अंतर्गत आता है. भारत इंडो-पैसिफिक कमांड के अंतर्गत आता है, जो पूरी तरह से चीन पर केंद्रित है.