लोकसभा चुनाव के नतीजों वाले दिन यानी 4 जून 2024 को राजनीतिक दुनिया के साथ शेयर बाजार में भी हलचल का दौर देखने को मिला. केंद्र में सत्ता की गद्दी कौन संभालेगा इस पर पार्टियां अपना गणित भिड़ा रही हैं, लेकिन शेयर मार्केट के आंकड़े तो फिलहाल साफ ही हो चुके हैं. 4 जून की शाम शेयर बाजार बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) कारोबार खत्म होने के बाद 5 फीसदी से भी ज्यादा की गिरावट के साथ 4389.73 अंक गिरकर 72,079.05 पर बंद हुआ. वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) भी 5 फीसदी से ज्यादा गिरकर 1,379.40 अंकों की गिरावट के साथ 21,884.50 पर बंद हुआ. इस दौरान सबसे ज्यादा गिरावट बैंक निफ्टी में देखने को मिली. निफ्टी में बैंकिंग शेयरों में 7.93 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.
भले ही शेयर बाजार में लगभग सभी शेयरों में गिरावट देखने को मिली, लेकिन बावजूद इसके करीब 21 शेयर ऐसे भी रहे जो बढ़त पर बंद होने में कामयाब रहे. इन शेयरों में 1% से 7% तक की बढ़त दर्ज की गई. 4 जून का कारोबार बंद होने के बाद मैरिको, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज और हीरो मोटोकॉर्प के शेयरों में अभी तक की सबसे ज्यादा बढ़त दर्ज की गई.
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (एचयूएल), डाबर इंडिया लिमिटेड, सन टीवी नेटवर्क लिमिटेड, कोलगेट-पामोलिव (इंडिया) लिमिटेड, एवेन्यू सुपरमार्केट्स लिमिटेड, यूनाइटेड ब्रुअरीज लिमिटेड, नेस्ले इंडिया लिमिटेड, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, पिडिलाइट इंडस्ट्रीज लिमिटेड, यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड, मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट लिमिटेड, प्रॉक्टर एंड गैंबल हाइजीन एंड हेल्थकेयर लिमिटेड, एबॉट इंडिया लिमिटेड, टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड, पेज इंडस्ट्रीज लिमिटेड और यूटीआई एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के शेयर भी बढ़त के सात बंद हुए.
ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म यूबीएस के मुताबिक अभी तक के रुझानों के अनुसार बीजेपी को केंद्र में सरकार बनाने के लिए दूसरी पार्टियों की सख्त जरूरत पड़ने वाली है. इसका मतलब यह है कि 10 सालों के बाद अब एक बार फिर से भारतीय केंद्रीय राजनीति में गठबंधन सरकार की वापसी होने जा रही है. शेयर मार्केट में गिरावट की यह एक सबसे बड़ी वजह हो सकती है.
बाजार में तेज गिरावट के बावजूद ज्यादातर फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) स्टॉक हरे निशान में कारोबार कर रहे थे. हालांकि बिजनेस वेबसाइट लाइव मिंट के साथ बात-चीत में ऑनलाइन ट्रेडिंग की सुविधा देने वाली फर्म '5 पैसा' के रिसर्च एनालिस्ट रुचित जैन ने कहा कि बाजार में ज्यादा अस्थिरता के चलते एफएमसीजी सेक्टर में कुछ बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. अगर बाजार में मुनाफावसूली यानी शेयरों की बिकवाली होती है तो इस सेक्टर में शेयरों की खरीद बढ़ेगी.
रुचित जैन आगे बताते हैं कि पिछले कुछ वक्त से कच्चे तेल की कीमतों में भी गिरावट का दौर जारी है. यह भी एफएमसीजी सेक्टर के चमकने की एक वजह हो सकती है. कच्चा तेल एफएमसीजी कंपनियों के लिए एक अहम संसाधन माना जाता है. ऐसे में तेल की कीमतों में गिरावट से इन कंपनियों को फायदा होता है. दरअसल कच्चे तेल की कीमतों का सीधी असर पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ता है. ऐसे में कीमतें कम रहने से ग्रामीण इलाकों में एफएमसीजी प्रोडक्ट की सप्लाई करना ज्यादा आसान और सस्ता हो जाता है. ऐसे में कच्चे तेल की कम कीमतों की वजह से एफएमसीजी सेक्टर में ग्रोथ देखने को मिली है.