अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने एक बार फिर रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर निशाना साधा है. उन्होंने भारत पर प्रतिबंधों के बावजूद मुनाफाखोरी के लिए रूस से तेल खरीदने का आरोप लगाया है.
CNBC को दिए एक इंटरव्यू में बेसेंट ने बताया कि भारत मास्को से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदकर उसे रिफाइन करके दूसरे देशों को बेच रहा है. भारत का यह रवैया अमेरिका के लिए "अस्वीकार्य" है. पिछले 10 दिनों से वो भारत के खिलाफ लगातार बयान दे रहे हैं.
बेसेंट ने CNBC के कार्यक्रम 'स्क्वॉक बॉक्स' में कहा, "भारत जंग के दौरान मध्यस्थता की बात कहता है, लेकिन उसने युद्ध के दौरान ही सस्ता रूसी तेल खरीदकर उसे दूसरे देशों को बेचना शुरू कर दिया. वे ऐसा करके मुनाफा कमा रहे हैं और इसलिए ये अस्वीकार्य है." इतना ही नहीं उन्होंने अपने बयान में यह भी कहा कि रूसी तेल से भारत के सबसे अमीर परिवार मुनाफा कमा रहे हैं.
अमेरिका की ओर से यह तीखी आलोचना ऐसे समय में हो रही है, जब भारत रूस से तेल खरीदने को लगातार अपने राष्ट्रीय हित का मामला बताता रहा है. भारत तर्क देता रहा है कि किफायती रूसी तेल उसकी बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए जरूरी है. यह फैसला भारतीय उपभोक्ताओं के हित में लिया गया है.
यह पहली बार नहीं है जब वित्त मंत्री ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर निशाना साधा हो. पिछले हफ़्ते ब्लूमबर्ग टीवी को दिए एक साक्षात्कार में, बेसेंट ने चेतावनी दी थी कि अगर अलास्का में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बातचीत नाकाम रही, तो अमेरिका भारत पर और भी अतिरिक्त टैरिफ लगा सकता है.
अगस्त शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले बेसेंट ने कहा था, "हमने रूसी तेल खरीदने वाले भारतीयों पर अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है और मुझे लगता है कि अगर चीजें ठीक नहीं रहीं, तो प्रतिबंध या टैरिफ और ज्यादा बढ़ सकते हैं." उन्होंने अमेरिका के यूरोपीय सहयोगियों से भी अमेरिका जितना ही रूस से व्यापार करने वाले देशों पर टैरिफ लगाने की अपील की.
इतना ही नहीं फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में तो अमेरिकी वित्त मंत्री बेसेंट ने यूरोप पर पाखंड का आरोप लगाते हुए कहा कि यूरोपीय देश अभी भी भारतीय रिफाइनरियों से परिष्कृत रूसी तेल खरीद रहे हैं.