इसी हफ्ते 15 अगस्त को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अपनी बैठक से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. ट्रंप ने कहा कि रूसी तेल खरीदने की वजह से भारत पर लगाए गए अमेरिकी टैरिफ ने मॉस्को की अर्थव्यवस्था को "बड़ा झटका" दिया है.
उन्होंने नई दिल्ली को रूस के "सबसे बड़े या दूसरे सबसे बड़े तेल खरीदारों" में से एक बताया है. व्हाइट हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि रूस की अर्थव्यवस्था "अच्छी स्थिति में नहीं है" और अमेरिकी टैरिफ नीति से यह काफी ज्यादा प्रभावित हुई है.
इसके आगे ट्रंप ने कहा, "मुझे लगता है कि रूस को और वहां की सरकार को अपने देश के निर्माण में फिर से जुट जाना चाहिए. यह एक विशाल देश है... रूस के पास बेहतर करने की अपार संभावनाएं हैं." न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, उन्होंने कहा, "वे अभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि इससे उनकी स्थिति बहुत खराब हो गई है.
ट्रंप ने भारत की ओर इशारा करते हुए कहा, "जब अमेरिका के राष्ट्रपति रूस के सबसे बड़े या दूसरे सबसे बड़े तेल खरीदार से कहते हैं कि अगर आप उनसे तेल खरीदते हैं तो हम आप पर 50 फीसद टैरिफ लगाएंगे, तो इससे वह रूसी तेल खरीदने पर दोबारा से विचार करता है. इस तरह रूस को कोई मदद नहीं मिलती. यह रूस के लिए एक बड़ा झटका है."
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 25 फीसद पारस्परिक टैरिफ लगाया है और साथ ही रूसी तेल की खरीद पर 25 फीसद अतिरिक्त टैरिफ भी लगाया है. कुल मिलाकर 50 फीसद टैरिफ. भारत ने टैरिफ वृद्धि की कड़ी निंदा करते हुए इसे "अनुचित, अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ शब्दों में कहा है कि वे शुक्रवार को अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि यह बहुत सम्मानजनक है कि रूस के राष्ट्रपति हमारे देश आ रहे हैं, बजाय इसके कि हम उनके देश या किसी तीसरे देश में जाएं. लेकिन मुझे लगता है कि हमारी बातचीत सकारात्मक होगी."
उन्होंने कहा कि वह बैठक के बाद यूरोपीय नेताओं के साथ बातचीत करने की योजना बना रहे हैं. इसके अलावा पुतिन और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के बीच बातचीत को भी आसान बनाना चाहते हैं.
ट्रंप ने यह भी दावा किया कि व्हाइट हाउस में अपने दूसरे कार्यकाल में उन्होंने अब तक पांच युद्ध होने से रोके हैं. उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को रोकने का भी दावा किया है. हालांकि, भारत ने बार-बार कहा है कि पाकिस्तान के साथ युद्धविराम समझौता दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों के बीच सीधी बातचीत के बाद हुआ था.