अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 7 सितंबर को कहा है कि वे रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के "दूसरे चरण" में जाने के लिए तैयार हैं. साथ ही ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि अमेरिका के इस कदम से भारत जैसे देशों पर भी असर होगा, जिन्होंने अमेरिकी चेतावनी के बाद भी रूसी तेल खरीदना जारी रखा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान हाल के दिनों में रूस के यूक्रेन पर किए गए सबसे बड़े हवाई हमले के बाद आया है. रूस ने कीएव में एक प्रमुख सरकारी दफ्तर को हमला कर पूरी तरह से तबाह कर दिया था.
व्हाइट हाउस में पत्रकारों ने जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या वह रूस या उसके तेल खरीदारों पर नए प्रतिबंधों के लिए तैयार हैं, तो उन्होंने सीधे-सीधे जवाब दिया, "हां, मैं तैयार हूं." हालांकि, दूसरे चरण के प्रतिबंध को लेकर ट्रंप ने ज्यादा जानकारी नहीं दी.
ट्रंप का यह बयान अमेरिकी प्रशासन के भीतर बढ़ती हताशा को दिखाती है, क्योंकि रूस और यूक्रेन जंग लंबा खिंच रहा है. खासकर तब जब ट्रंप के पहले किए गए शांति के प्रयास विफल रहे हैं.
इस बदलाव का जिक्र करते हुए, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने NBC को बताया कि वाशिंगटन और यूरोपीय संघ रूसी तेल आयात करने वाले देशों पर एक बार फिर यानी दोबारा से टैरिफ लगा सकते हैं. उन्होंने इसके पीछे तर्क दिया है कि केवल रूसी अर्थव्यवस्था के पतन के बाद ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बातचीत की मेज पर आ पाएंगे.
पिछले महीने ही अमेरिका ने भारतीय सामानों पर 25 फीसद का दंडात्मक यानी अतिरिक्त शुल्क लगाया था, जिससे भारतीय सामानों पर कुल आयात शुल्क बढ़कर 50 फीसद हो गया. ट्रंप ने बार-बार भारत पर रूसी युद्ध मशीनरी को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है.
हालांकि, भारत ने राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा के आधार पर रूसी कच्चे तेल की अपनी खरीद को लगातार उचित ठहराया है और इसकी वजह से लगाए जाने वाले अतिरिक्त अमेरिकी टैरिफ को अनुचित बताया है. भारत रूसी तेल का एक प्रमुख खरीदार है.
अमेरिका बातचीत की मेज पर रूस को लने के लिए उसके साथ व्यापार करने वाले देशों पर टैरिफ लगाने के लिए नए सिरे से विचार कर रहा है. यह सबकुछ तब हो रहा है, जब हाल ही में ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने दोस्ताने संबंधों का जिक्र किया था. इसके बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में नरमी का संकेत मिला था.
इसके कुछ समय बाद ही रूस ने यूक्रेन की राजधानी पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया, जो युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला था. इसमें चार लोग मारे गए और एक प्रमुख सरकारी इमारत को नुकसान पहुंचा.
यूक्रेन की वायुसेना ने बताया कि रूस ने 810 ड्रोन और दूसरे हथियारों से हमला किया था, जिसमें से 747 ड्रोन और चार मिसाइलों को यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया.
ताजा हमलों के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा है कि वह शांति समझौते पर बातचीत करने के लिए अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से आग्रह किया है कि वह रूस पर कठोर प्रतिबंध लगाएं ताकि रूस युद्ध समाप्त करने के लिए मजबूर हो जाए.