2 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू CBS न्यूज पर प्रसारित किया गया. 60 मिनट के इस इंटरव्यू में ट्रंप ने दावा किया है कि रूस और उत्तर कोरिया के अलावा पाकिस्तान और चीन परमाणु हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं.
ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब उन्होंने 33 साल के प्रतिबंध के बाद अमेरिकी सेना को परमाणु हथियार परीक्षण करने के आदेश दिए हैं. अपने आदेश को सही ठहराते हुए उन्होंने यह बात कही है.
ट्रंप का यह दावा भारत के लिए चिंताजनक हो सकता है क्योंकि वह दो मोर्चों पर पाकिस्तान और चीन का सामना कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया है कि परमाणु हथियार रखने वाले कई देश परीक्षण कर रहे हैं, बस वे इसके बारे में बात नहीं करते. उन्होंने कहा, "चीन और पाकिस्तान भी शोरगुल किए बिना परमाणु परीक्षण कर रहे हैं."
ट्रंप ने कहा, "आप जानते हैं कि अमरिका एक खुला समाज है. हम उनसे अलग हैं. हम इस बारे में बात करते हैं... उनके पास ऐसे पत्रकार नहीं हैं जो इस बारे में लिखें."
इसी इंटरव्यू में ट्रंप ने फिर एक बार दावा किया कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच टकराव को रुकवाया है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसका जिक्र करते हुए कहा कि इसी साल मई में भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु युद्ध के कगार पर थे, जिसे उन्होंने व्यापार और टैरिफ की धमकी देकर रोका था. ट्रंप ने कहा कि अगर उन्होंने उस वक्त हस्तक्षेप नहीं किया होता, तो लाखों लोग मारे जाते.
सीबीएस को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने आगे कहा, "भारत, पाकिस्तान के साथ परमाणु युद्ध करने जा रहा था. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने आवाज उठाई... अगर डोनाल्ड ट्रंप इसमें शामिल नहीं होते, तो लाखों लोग मारे गए होते. यह एक बुरा युद्ध था. हर जगह फाइटर जेट गिराए गए. मैंने उन दोनों से कहा, अगर आप लोग नहीं रुके, तो आप अमेरिका के साथ किसी तरह से व्यापार नहीं कर पाएंगे."
ट्रंप ने पाकिस्तान के परमाणु परीक्षण पर कहा, "वे (परमाणु हथियार संपन्न देश) आपको इसके बारे में बताते नहीं... वे भूमिगत तरीके से परीक्षण करते हैं, जहां लोगों को ठीक से पता नहीं होता कि परीक्षण के दौरान क्या हो रहा है. आपको सिर्फ एक कंपन सा महसूस होता है."
हालांकि, वैश्विक निगरानी केंद्र जमीनी कंपनों के जरिए परमाणु परीक्षणों का पता लगाने की कोशिश करते हैं. दरअसल, इस तरह के परीक्षण में भूमिगत परमाणु विस्फोटों के कारण भूकंप जैसी तरंगें पैदा होती हैं. लेकिन, ट्रंप का कहना है कि ऐसे परीक्षण गुप्त रूप से किए जा सकते हैं, जिसका पता करना वैश्विक निगरानी केंद्र के लिए भी मुश्किल होता है.

