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माइक्रोसॉफ्ट, TCS समेत 5 बड़ी टेक कंपनियों में छंटनी; क्यों नौकरी से निकाले जा रहे हजारों लोग?

TCS, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, मेटा और पैनासोनिक समेत कई बड़ी टेक कंपनियां इस साल हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर सकती हैं

माइक्रोसॉफ्ट समेत दूसरी टेक कंपनियों में छंटनी
माइक्रोसॉफ्ट समेत दूसरी टेक कंपनियों में छंटनी
अपडेटेड 28 जुलाई , 2025

TCS, माइक्रोसॉफ्ट, इंटेल, मेटा और पैनासॉनिक जैसी कई बड़ी टेक कंपनियां इस साल हजारों कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही हैं.

कंपनियों ने हजारों लोगों को नौकरी से निकालने के पीछे तर्क दिया है कि वे व्यावसायिक जरूरतों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव के साथ तालमेल बिठाने के लिए यह फैसला ले रहे हैं.  

इन बड़ी कंपनियों का ये भी कहना है कि कर्मचारियों के काम करने की दक्षता के आधार पर और मैनपॉवर को रिस्ट्रक्चर करने के लिए यह छंटनी हो रही है.

वहीं टीसीएस जैसी अन्य कंपनियां जरूरत के हिसाब से कर्मचारियों के स्कील में कमी को इस ओर इशारा कर रही हैं.

TCS में छंटनी से 12 हजार कर्मचारियों पर खतरा

भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) अपने वैश्विक कर्मचारियों की संख्या में लगभग 2 फीसद की कटौती कर रही है, जिससे लगभग 12,000 कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं.

हालांकि, कंपनी ने इस बात से इनकार किया है कि छंटनी के पीछे AI का इस्तेमाल एक वजह है. हाल ही में एक इंटरव्यू में TCS के सीईओ के. कृतिवासन ने कहा है कि यह छंटनी उन कर्मचारियों को कंपनी में रखने के सीमित विकल्पों के कारण हो रही है, जो वर्तमान प्रोजेक्ट और जरूरी आवश्यकताओं से मेल नहीं खा रहे.

उन्होंने कहा कि कंपनी अभी भी सक्रिय रूप से लोगों की भर्ती कर रही है, लेकिन मिड और सीनियर लेवल पर फिलहाल नियुक्तियां करना मुश्किल है.

कृतिवासन ने बताया कि 5.5 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को जरूरी डिजिटल स्किल और लगभग 1 लाख कर्मचारियों को आधुनिक जरूरतों के हिसाब से तकनीकों की ट्रेनिंग दी जा रही है.

माइक्रोसॉफ्ट ने आमदनी बढ़ने के बावजूद छंटनी की

माइक्रोसॉफ्ट ने भी इस साल 15,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की है. इसके अलावा, काम-काज में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले लगभग 2,000 कर्मचारी कंपनी से बाहर हो गए हैं.

यह तब हुआ है, जब माइक्रोसॉफ्ट का मुनाफा बढ़ा है और शेयर की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच रही हैं. कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में सीईओ सत्य नडेला ने छंटनी की बात स्वीकार की और कहा कि वे समझते हैं कि यह दौर सभी के लिए कितना मुश्किल भरा रहा है.

कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति के बावजूद उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक लक्ष्यों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए कंपनी के अहम पदों पर रीस्ट्रक्चर करना जरूरी है. खासकर जब माइक्रोसॉफ्ट AI इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण में लगभग 80 अरब डॉलर का भारी निवेश करने जा रहा है.

इंटेल एक चौथाई लोगों को नौकरी से निकालेगा

माइक्रो प्रोसेसर और चिप बनाने वाली दिग्गज कंपनी इंटेल इस साल अपने कर्मचारियों की संख्या में बड़ी कटौती करने जा रही है. इसके तहत वह अपने वर्कफोर्स में 24,000 लोगों की कटौती करने की योजना बना रही है. यह उसके कुल कर्मचारियों का लगभग एक-चौथाई है.

इस फैसले की घोषणा कंपनी की तिमाही आय अपडेट के दौरान की गई. इंटेल के नए सीईओ, लिप-बू टैन ने कहा कि कंपनी उन क्षेत्रों में जहां नुकसान ज्यादा हुआ है, वहां कर्मचारियों की संख्या घटाकर कुशल कर्मचारियों को रखने के पक्ष में है.  

इस बदलाव के तहत, इंटेल ने जर्मनी और पोलैंड में अपने कुछ प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले ही बंद करने का फैसला लिया है. कुछ प्रोजेक्ट को कोस्टा रिका से वियतनाम में लगा रहा है. इसके कारण अकेले कोस्टा रिका में लगभग 2,000 कर्मचारियों की छंटनी होगी.  

मेटा ने अपने कई कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

इस बीच, मेटा ने अपने रियलिटी लैब्स विभाग में बड़ी संख्या में छंटनी की है. ये सभी लोग उसके वीआर और एआर प्रोडक्ट बनाने वाले ब्रांच से जुड़े थे.

हालांकि कंपनी ने इससे प्रभावित होने वाले लोगों को लेकर सटीक आंकड़े साझा नहीं किए, लेकिन सुपरनैचुरल फिटनेस ऐप जैसे कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करने वाली टीमें प्रभावित हुई हैं.

मेटा ने कहा कि इसका लक्ष्य संचालन को सुव्यवस्थित करना और भविष्य के जरूरतों के हिसाब से स्किल्ड लोगों को ज्यादा तरजीह देना है. इस साल की शुरुआत में मेटा ने एक अलग दौर में अपने कर्मचारियों की संख्या में 5 फीसद की कटौती की थी, जिसका उद्देश्य कम प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाना था.

पैनासॉनिक में खतरे में 10 हजार लोगों की नौकरी

जापानी तकनीकी दिग्गज पैनासॉनिक भी इस सूची में शामिल हो गई है, जिसने लागत कम करने और AI जैसी भविष्य की तकनीकों में अधिक निवेश करने की वजह से 10,000 नौकरियों में कटौती की योजना बनाई है.

इनमें से लगभग आधी कटौती जापान में और बाकी देशों में की जाएगी. सीईओ युकी कुसुमी ने कहा कि उनकी कंपनी टीवी और इस तरह के कई दूसरे प्रोडक्ट से दूसरे प्रोडक्ट्स पर शिफ्ट करने का मन बना चुकी है. इस फैसले पर खेद व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिहाज से यह कदम उठाना जरूरी है.
 

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