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क्या सोनिया गांधी नागरिकता लेने से पहले बन गई थीं वोटर; BJP के आरोप में कितना दम?

राहुल गांधी के 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाता सूची से धोखाधड़ी के दावों के बाद अब BJP ने सोनिया गांधी पर भारत की नागरिकता लेने से पहले वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाने का आरोप लगाया है

BJP नेता अनुराग ठाकुर ने सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं (File Photo: PTI)
BJP नेता अनुराग ठाकुर ने सोनिया गांधी पर गंभीर आरोप लगाए हैं (File Photo: PTI)
अपडेटेड 14 अगस्त , 2025

BJP ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर बड़ा आरोप लगाया है. BJP का कहना है कि कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले ही मतदाता सूची में जुड़ गया था. दरअसल, यह राहुल गांधी के जरिए मोदी सरकार पर 2024 के लोकसभा चुनावों में मतदाता धोखाधड़ी के आरोप लगाए जाने पर BJP का पलटवार है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि इटली में जन्मी सोनिया गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में शामिल किया गया था, जबकि उन्हें 1983 में भारतीय नागरिकता मिली थी.

ठाकुर ने बीजेपी IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय के उस दावे को दोहराया, जिसमें उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में 1980 में नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदान केंद्र की मतदाता सूची की फोटोकॉपी साझा की थी. सफदरजंग रोड स्थित मतदान केंद्र संख्या 145 की इस मतदाता सूची में इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, संजय गांधी, सोनिया गांधी और मेनका गांधी के नाम थे. मालवीय ने दावा किया कि उस समय भी सोनिया के पास इटली की नागरिकता थी.

मालवीय ने ट्वीट किया, "भारत की मतदाता सूची के साथ सोनिया गांधी का रिश्ता चुनावी कानूनों के घोर उल्लंघनों से भरा हुआ है. शायद यही कारण है कि राहुल गांधी अयोग्य और अवैध मतदाताओं को नियमित करने के पक्ष में हैं और SIR का विरोध कर रहे हैं."

सोनिया गांधी का जन्म 1946 में इटली में एडविज एंटोनिया अल्बिना माइनो के रूप में हुआ था. वे 1968 में राजीव गांधी से शादी करके भारत आ गईं. अमित मालवीय ने कहा कि भारतीय नागरिक बनने से तीन साल पहले सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में मतदाता सूची में दिखाई दिया था. 1980 में नई दिल्ली संसदीय क्षेत्र की मतदाता सूची में 1 जनवरी, 1980 को पात्र तिथि मानकर संशोधन किया गया था. इस संशोधन के दौरान सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 145 के क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया.

उन्होंने लिखा कि ऐसा करके उस कानून का उल्लंघन किया गया, जिसके तहत मतदाता के रूप में पंजीकरण के लिए किसी व्यक्ति का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है. हालांकि 1982 में भारी विरोध के बाद उनका नाम सूची से हटा दिया गया था और 1983 में फिर से दिखाई दिया. लेकिन उनकी बहाली ने भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए. उस वर्ष मतदाता सूची के नए संशोधन में सोनिया गांधी का नाम मतदान केंद्र 140 में क्रम संख्या 236 पर दर्ज था. मालवीय ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी का नाम दो बार वोटर लिस्ट में मूल नागरिकता की आवश्यकता को पूरा किए बिना दर्ज किया गया.

11 मई 1999 को 'द पायनियर' अखबार में सूर्य प्रकाश नाम की बायलाइन से भी एक खबर छपी थी. इसमें बताया गया था कि सोनिया गांधी का नाम पहली बार 1980 में भारत की मतदाता सूची में दर्ज हुआ. भारत की नागरिक बनने और इटली की अपनी नागरिकता त्यागने से तीन साल पहले उनका नाम इस लिस्ट में जुड़ा. 1982 में भारी विरोध के बाद, उनका नाम हटा दिया गया, जिसे 1983 में दोबारा से लिस्ट में शामिल किया गया था.

वहीं, कांग्रेस नेता तारिक अनवर ने अनुराग ठाकुर के उन आरोपों का जवाब दिया है, जिनमें उन्होंने सोनिया गांधी का नाम भारतीय नागरिक बनने से 3 साल पहले 1980 में मतदाता सूची में जोड़ने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि उनका नाम जोड़ने की जिम्मेदारी चुनाव आयोग (ईसी) की है, न कि सोनिया गांधी की.

अनवर ने जोर देकर कहा कि सोनिया गांधी ने अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ने का अनुरोध नहीं किया था, बल्कि एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था चुनाव आयोग ने ही यह काम किया था. उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग को निष्पक्ष रूप से काम करना जारी रखना चाहिए. कांग्रेस ने भी BJP के दावों को मौजूदा मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश बताते हुए खारिज कर दिया और तर्क दिया कि यह मामला 45 साल पुराना होने के कारण आज अप्रासंगिक है.

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