अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बावजूद भारत ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट मुताबिक, रूस ने भारत के लिए तेल की कीमत भी घटा दी है.
रिपोर्ट की मानें तो रूस ने भारत को दिए जाने वाले तेल पर छूट को बढ़ाकर 3 से 4 डॉलर प्रति बैरल कर दिया है. पिछले सप्ताह यह छूट 2.50 डॉलर प्रति बैरल थी, जबकि जुलाई में 1 डॉलर प्रति बैरल थी.
रूसी तेल पर छूट वाली दरें सितंबर और अक्टूबर में भारत को बेचे जाने वाले तेल पर लागू होंगी. साफ है कि इससे इससे रूसी तेल की खरीद में और ज्यादा वृद्धि हो सकती है.
वहीं, दूसरी ओर एक वरिष्ठ रूसी रक्षा निर्यात अधिकारी ने रूसी समाचार एजेंसी TASS को बताया कि भारत सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल S-400 खरीदना चाहता है. इसके लिए दोनों देशों के बीच अंतिम चरण की बातचीत हो रही है.
रूस के संघीय सैन्य-तकनीकी सहयोग सेवा के प्रमुख दिमित्री शुगायेव ने कहा कि भारत पहले से ही S-400 का इस्तेमाल कर रहा है और दोबारा से इसकी आपूर्ति के लिए डील पर बातचीत हो रही है.
भारत ने चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति का मुकाबला करने के लिए 2018 में मास्को के साथ पांच S-400 मिसाइल प्रणालियों के लिए 5.5 अरब डॉलर का समझौता किया था.
बता दें कि S-400 मिसाइल के समय से आपूर्ति किए जाने में बार-बार देरी हुई है और पिछली बार हुई डील में से भारत को अब भी दो सिस्टम मिलना बाकी है. 2027 तक भारत को ये मिसाइल मिलने की उम्मीद है.
इस बीच, 3 सितंबर को रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, "अमेरिका की मांग के आगे भारत नहीं झुका है और भारत ने रूस से संसाधन खरीदना जारी रखा है. हम भारत सरकार के इस फैसले की "सराहना" करते हैं."
फ्रांस और इजराइल से बढ़ती खरीद के बावजूद रूस भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता बना हुआ है. स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट के अनुसार, 2020 और 2024 के बीच, भारत के हथियार आयात में रूस का हिस्सा 36 फीसद रहा है.